Google Image | Akhilesh, Mayawati and Arvind Kejriwal
Uttar Pradesh : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "यह दिन इतिहास में स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस की तरह याद रखा जाएगा याद रखा जाएगा। केंद्र सरकार ने अपनी ओर से किसान आंदोलन को दबाने की तमाम कोशिशें की, किसानों को खालिस्तानी और आतंकवादी बताया पर अंततः किसान डटे रहे ।"
वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "किसानों की मेहनत रंग लाई है, घमंड की हार हुई है और किसानों के लोकतंत्र की जीत। जनता इस मुद्दे को अगले आने वाले चुनाव में याद रखेगी और सरकार की झूठी माफी नहीं चलेगी । जो लोग अब माफी मांग रहे हैं उन्हें सदा के लिए राजनीति से इस्तीफा दे देना चाहिए ।
वहीं मायावती ने अपनी पार्टी पार्टी का पक्ष रखते हुए कहा कि "इस काले कानून को पहले ही वापस ले लिया जाना चाहिए था पर अभी भी एमएसपी का मुद्दा लंबित पड़ा हुआ है मैं केंद्र सरकार से मांग करती हूं कि अगले लोकसभा क्षेत्र में इस पर कानून बनना चाहिए।
राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम ने किया था कृषि कानून वापसी का एलान
आपको बता दे की पीएम मोदी ने आज राष्ट्र को संबोधित करते हुए 3 नए कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान किया है। इस दौरन उन्होंने सभी देशवासियों को गुरु नानक जयंती की शुभकामना भी दी। जिसके बाद उन्होंने राष्ट्र को संबोधित करते हुए भारत में लागू किए गए तीन नए कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, "केन्द्र सरकार ने कृषि में सुधार के लिए तीन नए कृषि कानून लागू किए थे। जिससे किसानों को फायदा मिले और उनकी हर संभव मदद हो सके। अपने पांच दशक के जीवन में किसानों की चुनौतियों को बहुत करीब से देखा है, जब देश हमें 2014 में प्रधानसेवक के रूप में सेवा का अवसर दिया तो हमने कृषि विकास, किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।"