अखिलेश यादव ने गौतमबुद्ध नगर समेत 11 जिलाध्यक्ष बर्खास्त किए, पंचायत चुनाव में खराब प्रदर्शन के कारण गिरी गाज

BIG BREAKING : अखिलेश यादव ने गौतमबुद्ध नगर समेत 11 जिलाध्यक्ष बर्खास्त किए, पंचायत चुनाव में खराब प्रदर्शन के कारण गिरी गाज

अखिलेश यादव ने गौतमबुद्ध नगर समेत 11 जिलाध्यक्ष बर्खास्त किए, पंचायत चुनाव में खराब प्रदर्शन के कारण गिरी गाज

Tricity Today | अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार की शाम को उत्तर प्रदेश में 11 जिलों के समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्षों को पद से हटा दिया है। जिसमें गौतमबुद्ध नगर के जिला अध्यक्ष वीर सिंह यादव भी शामिल हैं। दरअसल, यह वह 11 जिले हैं, जिनमें भारतीय जनता पार्टी ने अपने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के उम्मीदवार निर्विरोध जिता लिए हैं। इन जिलों में समाजवादी पार्टी ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान बेहद खराब प्रदर्शन किया है।

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने बताया कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश के 11 जनपदों के जिलाध्यक्षों को पद से हटा दिया गया है। अखिलेश यादव ने गोरखपुर, मुरादाबाद, झांसी, आगरा, गौतमबुद्ध नगर, मऊ, बलरामपुर, श्रावस्ती, भदोही, गोंडा और ललितपुर जिलों के अध्यक्षों को हटाने का आदेश दिया।

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही समाजवादी पार्टी ने वीर सिंह यादव को गौतमबुद्ध नगर का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया था। इसके बाद पंचायत चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल का गठबंधन कोई जिला पंचायत सदस्य नहीं जिता पाया। ब्लॉक प्रमुख और ग्राम पंचायतों में भी पार्टी का खराब प्रदर्शन रहा है। इसके अलावा यहां भारतीय जनता पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध बनाने में कामयाबी हासिल कर ली है। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी को गौतमबुद्ध नगर में बड़ा झटका लगा था। पूर्व जिला अध्यक्ष बिजेंद्र भाटी के साथ लगभग पूरी कार्यकारिणी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई थी। इसके बाद करीब डेढ़ साल तक गौतमबुद्ध नगर में समाजवादी पार्टी की कार्यकारिणी भंग रही थी।

इसी तरह मुरादाबाद में भी समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। सपा-रालोद गठबंधन बहुमत के नजदीक होने के बावजूद जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को चुनौती नहीं दे सका। इसके लिए अखिलेश यादव ने मौजूदा जिलाध्यक्ष को जिम्मेदार मानते हुए पद मुक्त कर दिया है। बाकी जिलों में भी पंचायत चुनाव में खराब प्रदर्शन अध्यक्षों के खिलाफ कार्रवाई का आधार बना गया है।

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