Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश वासियों को तय समय से 10 महीने पहले ही पांचवां सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे मिल रहा है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण 36 महीनों में होना था, लेकिन केवल 18 महीने में बनकर तैयार हो गया है। आगामी 12 जुलाई को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन कर सकते हैं। इस एक्सप्रेसवे की लम्बाई 296 किलोमीटर है।
12 जुलाई को पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 जुलाई को इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही प्रदेश को 5वां सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे मिल जाएगा। मोदी ने इस एक्सप्रेसवे का शिलान्यास 29 फरवरी 2020 को किया था। एक्सप्रेसवे की खास बात यह है कि लॉकडाउन के बावजूद लगभग 300 किलोमीटर लंबा हाईवे मात्र 28 महीने में बनकर तैयार हो गया है। यह प्रोजेक्ट तय समय से 10 महीने ही पूरा हो गया है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में हुई 1,132 करोड़ रुपए की बचत
प्रदेश सरकार ने इस निर्माण के कार्य में करीब 1,132 करोड़ रुपए की बचत की है। यह कुल अनुमानित लागत का 12.72 प्रतिशत है। अभी 4 लेन में बने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को आगे 6 लेन तक बढ़ाने की योजना है। इस नए एक्सप्रेसवे की एक और खासियत यह भी है कि यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से इटावा के पास जुड़ेगा, जिससे दिल्ली-एनसीआर के साथ लखनऊ वालों को भी बुंदेलखंड तक सीधा रूट मिल जाएगा।
इन 7 जिलों के 182 गांवों को होगा फायदा
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में बुंदेलखंड के 7 जिलों को फायदा मिलेगा। इस एक्सप्रेसवे में चार रेलवे ओवरब्रिज, 11 बड़े पुल, 6 टोल प्लाजा, 7 रैंप प्लाजा, 266 छोटे पुल (लघु सेतु) और 18 फ्लाई ओवर भी बनाए गए है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे जिन जनपदों के गांवों से गुजर रहा है। उसमें सबसे ज्यादा 64 गांव जालौन जिले के हैं। औरैया जिले में 37, हमीरपुर जिले में 29, बांदा जिले में 28, चित्रकूट जिले में 9, महोबा जिले में 8 और इटावा जिले के 7 गांव शामिल हैं।