यूपी में कम हुए संक्रमण के मामले, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने महामारी को मात देने के लिए बनाई खास रणनीति, पढ़ें रिपोर्ट

कोरोना पर कंट्रोल : यूपी में कम हुए संक्रमण के मामले, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने महामारी को मात देने के लिए बनाई खास रणनीति, पढ़ें रिपोर्ट

यूपी में कम हुए संक्रमण के मामले, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने महामारी को मात देने के लिए बनाई खास रणनीति, पढ़ें रिपोर्ट

Google Image | मुख्यमंत्री आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश में जानलेवा कोरोना वायरस को रोकने के लिए बनी रणनीति के अब सकारात्मक परिणाम मिलने लगे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने को लेकर यूपी सरकार की सराहन की है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि कोविड से तबाह हुए उत्तर प्रदेश में दिनोंदिन हालात सामान्य होते जा रहे हैं। इसको आंकड़ों के लिहाज से समझते हैं। पिछले 24 घंट में यूपी में कोरोना संक्रमण के 20463 नए मामले मिले हैं। हालांकि इसी दौरान 29358 मरीज कोरोना से ठीक हुए हैं और अस्पतालों से डिस्चार्ज कर घर भेजे गए हैं। कोविड-19 की रोकथाम के लिए गठित टीम-9 के सदस्यों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 21 अहम प्वॉइंट पर काम करने का आदेश दिया। उन्होंने इसे तथ्यों के साथ पेश करने के लिए कहा है। 

उन्होंने कोविड के कम नए मामले मिलने पर संतुष्टि जताई है। साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा उत्तर प्रदेश की सराहना को आधार बनाते हुए कोरोना को मिटाने के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाने का आदेश दिया। बीते 30 अप्रैल तक राज्य में कोरोना के 310783 सक्रिय मामले थे। लेकिन प्रभावी रोकथाम की रणनीति के चलते आज राज्य में 95000 से ज्यादा सक्रिय मामलों में कमी आई है। वर्तमान में यूपी में कोविड के 216057 एक्टिव मामले हैं। पिछले 24 घंटे में यूपी में 233705 कोविड सैंपल्स का परीक्षण किया गया है। इसमें से 110000 सैंपल्स की जांट RTPCR के जरिए की गई। अब तक राज्य में कोरोना के 43404184 सैंपल्स का परीक्षण किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 को इन 21 प्वॉइंट पर काम करने का दिया आदेश - 
  1. कोरोना वायरस के चेन को तोड़ने और गांवों को संक्रमण से मुक्त रखने के लिए बड़े स्तर पर टेस्टिंग अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश के 97000 गांवों में कोविड टेस्ट अभियान जा रहा है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेस ने आज यूपी सरकार की इस पहल की तारीफ की है। लेकिन हमें इसे और प्रभावी ढंग से ग्रामीण अंचल में लागू करना है। लक्षण वाले/संदिग्ध लोगों का एंटीजन टेस्ट जरूर किया जाए। साथ ही RRT टीम की संख्या बढ़ाई जाए।
  2. कोरोना से लड़ाई में पूरा प्रदेश एक साथ है। ट्रैस, टेस्ट और ट्रीट की पॉलिसी का बेहतर परिणाम आने लगा है। बीते 30 अप्रैल तक राज्य में कोरोना के 310783 सक्रिय मामले थे। लेकिन प्रभावी रोकथाम की रणनीति के चलते आज राज्य में 95000 से ज्यादा सक्रिय मामलों में कमी आई है। वर्तमान में यूपी में कोविड के 216057 एक्टिव मामले हैं। राज्य में कोरोना से रिकवरी रेट में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है। अब तक उत्तर प्रदेश में 13.13 लाख कोरोना महामारी को मात देकर ठीक हो चुके हैं और घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। इस फॉर्मूले पर लगातार काम होता रहे।
  3. पिछले 24 घंट में यूपी में कोरोना संक्रमण के 20463 नए मामले मिले हैं। हालांकि इसी दौरान 29358 मरीज कोरोना से ठीक हुए हैं और अस्पतालों से डिस्चार्ज कर घर भेजे गए हैं। यह राज्य के लिए सकारात्मक पहलु है। सूबे में कोरोना के नए मरीजों की संख्या में कमी आई है। जबकि रिकवरी रेट में विशेष सुधार हुआ है। मगर कोरोना को लेकर कोई ढिलाई न हो।
  4. देश में सबसे ज्यादा टेस्ट यूपी में किए गए हैं। पिछले 24 घंटे में यूपी में 233705 कोविड सैंपल्स का परीक्षण किया गया है। इसमें से 110000 सैंपल्स की जांट RTPCR के जरिए की गई। अब तक राज्य में कोरोना के 43404184 सैंपल्स का परीक्षण किया जा चुका है। टेस्ट-ट्रैक और ट्रीट को और प्रभावी ढंग से अपनाने की जरूरत है।
  5. विशेषज्ञों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए सभी जिलों में बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खास इंतजाम किए जाएं। बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए सभी डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में पीडियाट्रिक आईसीयू के न्यूनतम 10-15 बेड और मेडिकल कॉलेज में न्यूनतम 25-30 बेड तैयार रखे जाएं। 
  6. मंडल मुख्यालय में बच्चों के लिए न्यूनतम 100 बेड के पीडियाट्रिक आईसीयू तैयार रखा जाए। सभी डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों को इस बारे में अच्छी तरह ट्रेनिंग दी जाए। मगर इसे प्राथमिकता देकर पूरा कराया जाए। 
  7. निगरानी समितियां गांवों के हर घर में जा रही हैं। लोगों की जांच कर रही हैं। होम आइसोलेशन और कोरोना के लक्षण वाले संभावित मरीजों को मेडिकल किट वितरित कर रही हैं। इस व्यवस्था की अच्छी तरह निगरानी की जाए। निगरानी समिति के सदस्यों के नाम और उनके नंबर का डेटा ICCC को उपलब्ध कराएं। यह ICCC की जिम्मेदारी है कि वे डेटा का अच्छी तरह विश्लेषण करें और अनियमितता पर विराम लगाएं।
  8. जिलाधिकारी सभी निगरानी समितियों के डेटा की कॉपी स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी उपलब्ध कराएं। ताकि प्रभावित इलाकों में सांसद और विधायक भी मेडिकल किट का वितरण करा सकें। इससे निगरानी समितियों के कार्यों की परख की जा सकेगी। कोरोना सभी संदिग्ध निवासियों का एंटीजन टेस्ट जरूर किया जाए।
  9. वेंटीलेटर्स और ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर सभी जिलों में वितरित कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य शिक्षा के मुख्य सचिव और अपर मुख्य आयुक्त स्वास्थ्य की जिम्मेदारी है कि सभी जिलों में इसका इस्तेमाल सुनिश्चित कराएं। अगर किसी जिले में वेंटीलेटर बेड और ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर के सही इस्तेमाल नहीं होने की शिकायत मिलेगी, तो संबंधित जिले के जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दोषी माना जाएगा। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
  10. रेमेडेसिविर सहित सभी जरूरी दवाओं और इंजेक्शन की उपलब्धता है। प्रदेश में इनकी कहीं कमी नहीं है। भारत सरकार ने यूपी में रेमेडेसिविर इंजेक्शन का कोटा बढ़ा दिया है। राज्य के सभी निजी अस्पतालों को यह डीएम और सीएमओ के जरिए उपलब्ध कराई जा रही है। कोरोना में जरूरी सभी दवाओं के इस्तेमाल का पूरा डेटा तैयार किया जा रहा है। इसमें कोई लापरवाही न बरती जाए।
  11. कोरोना से बचाने के लिए यूपी सरकार राज्य के सभी नागरिकों को कोविड वैक्सीन दे रही है। देश में अब तक सबसे ज्यादा टीकाकरण यूपी में हुआ है। अब तक 13908152 नागरिकों को टीका दिया जा चुका है। राज्य के 18 जिलों में 18-44 साल उम्र वर्ग के लोगों को वैक्सीन दिया जा रहा है। 10 मई को इस उम्र वर्ग के 50157 नागरिकों को कोरोना का टीका दिया गया। अब तक राज्य में 18-44 वर्ष के 1.66 लाख निवासियों को वैक्सीन दी जा चुकी है। वैक्सीन के नुकसान में भी कमी आई है। इस वक्त यह 0.6 फीसदी है। इसे 0.0 प्रतिशत किया जाना है।
  12. स्वास्थ्य कर्मियों की कमी से निपटने के लिए इंतजाम किया जा रहा है। इसके लिए अंतिम वर्ष के मेडिकल/पैरामेडिकल, इंटर्न, ट्रेनिंग पूरी कर चुके युवा और इस क्षेत्र के रिटॉयर्ड लोगों की मदद ली जा रही है। एक हफ्ते में इनके चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। चिकित्सा शिक्षा मंत्री इसकी विस्तृत समीक्षा करें।
  13. ऑक्सीजन की आपूर्ति और वितरण को दुरुस्त किया जा रहा है। जरूरत के मुताबिक सभी जिलों में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। पिछले 24 घंटे में सूबे में 1011 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई है। इसमें से 632 मीट्रिक टन ऑक्सीजन रिफिल सेंटर और 301 टन मेडिकल कॉलेज को दी गई है। ऑक्सीजन का पूरा रिकॉर्ड रखा जाए।
  14. लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और प्रयाजराज जैसे ज्यादा खपते वाले जिलों में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। ऑक्सीजन के 8 टैंकर लेकर ट्रेन आज राजधानी लखनऊ पहुंच रही है। जबकि 10 टैंकर लेकर जीवन रक्षक एक्सप्रेस पहले से यहां मौजूद है। ऑक्सीजन की कमी की अफवाह पर विराम लगाया जाए।
  15. ऑक्सीजन की मांग को देखते हुए इसे सभी जिलों में वितरित किया जाए। गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और मुरादाबाद जैसे ज्यादा खपत वाले जिलों के साथ-साथ कोरोना से कम प्रभावित जनपदों में भी इसका वितरण किया जाए। जिलों के मुताबिक अफसर ऑक्सीजन के सप्लाई के लिए एक्शन प्लान तैयार करें।
  16. क्रॉयोजेनिक ऑक्सीजन टैंकर्स की खरीद के लिए दुनिया भर से टेंडर मंगाए गए हैं। भारत सरकार भी इन टैंकर का वितरण करेगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अतिरिक्त टैंकर प्रदेश सरकार को सौंप दिया है। लगातार इन टैंकर की संख्या बढ़ाई जा रही है। इस वजह से ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ा है।
  17. होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे मरीजों के लिए भी ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। क्वारंटीन सेंटर में उपचारत, कोरोना के संदिग्ध मरीजों के साथ गैर-कोविड मरीजों और डॉक्टर द्वारा सुझाए गए सभी मरीजों को ऑक्सीजन की सप्लाई होनी चाहिए। इसको लेकर आज ही शासनादेश जारी किया जाए। सभी जिलों में होम क्वारंटीन मरीजों के लिए भी ऑक्सीजन की पहुंच सुलभ हो। हालांकि जिला प्रशासन ऑक्सीजन की सप्लाई और खपत का पूरा रिकॉर्ड रखेगा।
  18. आंशिक लॉकडाउन को देखते हुए राज्य के सभी लोगों तक जरूरी वस्तुओं, खाद्य सामग्री और भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। फिलहाल यूपी में 350 कम्यूनिटी किचेन के जरिए लोगों को भोजन दिया जा रहा है। लेकिन इसकी संख्या और बढ़ाई जाए। सभी जिलों में इसका संचालन किया जाए। इसमें निजी ऑर्गेनाइजेशन की भी मदद ली जाए।
  19. सफाई-दवाई और सख्ती का पालन करते हुए पूरे राज्य में सैनीटाइजेशन अभियान चलाया जाए। कल यूपी के 63080 गांवों में सैनीटाइजेशन और फॉगिंग कराया गया था। लोगों को सफाई के प्रति जागरूक किया जाए। कोरोना कर्फ्यू का पूरी तरह पालन सुनिश्चित कराएं।
  20. ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम शीघ्र पूरा किया जाए। मुख्य सचिव, भारत सरकार द्वारा स्थापित किए जा रहे प्लांट की निगरानी करेंगे। गन्ना विकास और आयकर विभाग को भी ऑक्सीजन उत्पादन और सप्लाई में अहम भूमिका निभानी है। प्रदेश के 70 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
  21. इसके संचालन की देखरेख का जिम्मा स्वास्थ्य विभाग का है। यह विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग के साथ मिलकर रोजाना इसकी समीक्षा करेंगे। कई निजी कंपनियां भी ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर रही हैं। नियमों के मुताबिक उन्हें सुविधाएं और सहूलियत दी जाए। कोरोना के इलाज में एमपी/एमएलए फंड का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

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