गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू, अगले दो साल में जुड़ जाएंगे मेरठ और प्रयागराज

बड़ी खबर : गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू, अगले दो साल में जुड़ जाएंगे मेरठ और प्रयागराज

गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू, अगले दो साल में जुड़ जाएंगे मेरठ और प्रयागराज

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

Uttar Pradesh News : आज की सबसे बड़ी खबर है। मेरठ और प्रयागराज को जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू हो गया है। अडानी ग्रुप और आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर कम्पनी को सौंपा गया है। करीब 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण 12 हिस्सों में किया जाएगा। इनमें से 9 पैकेज बनाने की जिम्मेदारी अडाणी समूह को दी गई है। बाकी 3 पैकेज का निर्माण आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी करेगी। अडानी समूह ने बदायूं से गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू कर दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक जल्दी ही मेरठ से आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू करेगी।

अडानी समूह ने बिनावर में काम शुरू किया
मेरठ से प्रयागराज तक जाने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू हो गया है। रविवार को कार्यदायी संस्था अडानी ग्रुप के अधिकारियों ने बरेली-मथुरा हाईवे के पास बिनावर में भूमि पूजन किया। मौके पर कम्पनी की मशीन पहुंच गई हैं। भूमि के समतलीकरण का काम शुरू कर दिया गया है। कई स्थानों से मिट्टी के नमूने लिए गए हैं। जिले में दूसरे चरण में एक्सप्रेस-वे निर्माण का काम दातागंज में शुरू होगा।

बदायूं जिले के 85 गांवों की जमीन गई
मेरठ से प्रयागराज तक जाने वाले गंगा एक्सप्रेस की लंबाई 594 किमी रहेगी। बदायूं जिले में एक्सप्रेस-वे चार तहसीलों के 85 गांवों से होकर निकलेगा और 95 किमी की दूरी तय करेगा। गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जिले में भूमि अधिग्रहण का काम फरवरी 2020 में शुरू हुआ था। बिसौली के 38, दातागंज के 27, बदायूं के 17 और बिल्सी के दो गांवों में भूमि अधिग्रहण किया गया है। एक्सप्रेस-वे के लिए सबसे ज्यादा बिसौली के 38 गांवों में 511.222 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। इसके अलावा बिल्सी में 23.424, सदर में 259.973 और दातागंज तहसील में 264.7348 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण किया गया है। भूमि अधिग्रहण का काम 95 फीसदी से ज्यादा पूरा हो चुका है।

पीएम ने 18 नवम्बर को किया था शिलान्यास
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर 2021 में शाहजहांपुर में एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया था। विधानसभा चुनाव के बाद एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू करने का निर्णय लिया गया था। शनिवार से अडानी ग्रुप के अधिकारियों की टीम मशीनों के साथ बदायूं पहुंची। भूमि पूजन के बाद एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू कर दिया गया है। अडानी ग्रुप के 20 अधिकारियों की टीम ने बदायूं में डेरा डाल लिया है। भूमि पूजन में अडानी ग्रुप के सुपरवाइजर केके तिवारी, इंजीनियर सौरभ चौहान, रवीश कुमार चौहान और शमशाद अली शामिल रहे।

9,255 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होगी

 गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की आकलित सिविल निर्माण लागत लगभग 22,125 करोड़ रुपये है। परियोजना के लिए जरूरी भूमि अधिग्रहण में कुल 9,255 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होगी। परियोजना की कुल अनुमानित लागत 36,230 करोड़ रुपये है। परियोजना के क्रियान्वयन के लिए परियोजना के चार ग्रुप के लिए अलग-अलग आरएफक्यू-कम-आरएफपी जारी कर और उनके सापेक्ष कन्शेसनायर्स का चयन किया जाएगा। पूरी बिड प्रक्रिया को पूरा करने में कम से कम 60 दिन लग सकते हैं। इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद करीब 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

गांवों-कस्बों को मिलेगा लाभ
इस एक्सप्रेस-वे के शुरू होने के बाद वाहनों के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत होगी। साथ ही मेरठ और प्रयागराज समेत दर्जनों जनपदों के बीच आवागमन में कम वक्त लगेगा। पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा। एक्सप्रेस वे से जुड़े गांवों और कस्बों में सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ-साथ कृषि, वाणिज्य, उद्योग और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे रोजगार के साधन भी विकसित होंगे और लोगों को अपने गांव-कस्बे में ही आय का जरिया मिलेगा। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिहाज से भी यह एक्सप्रेसवे मील का पत्थर साबित होगा। दरअसल प्रदेश के 12 जनपदों को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस वे से उद्यमियों को भारी लाभ मिलेगा। 

औद्योगिक कॉरिडोर बनेगा
यह एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में भी बेहद सफल होगा। प्रयागराज में बनने वाला उत्पाद आसानी से राजधानी दिल्ली और एनसीआर के शहरों तक पहुंच सकेगा। इसके अलावा स्थानीय रोजगार तथा विकास को बल देने के लिए सरकार इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, शिक्षण संस्थान और मेडिकल संस्थानों की स्थापना के लिए विकल्प उपलब्ध कराएगी। एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए प्रसंस्करण इकाई, भंडार गृह, मंडी और दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा। राज्य सरकार एक्सप्रेसवे से जुड़े क्षेत्रों में व्यवसाय को बढ़ावा देगी। बताते चलें कि गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए 5,100 करोड़ रुपये का ऋण पहले ही मिल चुका है।

6:30 घंटे में प्रयागराज पहुंचेगे
इस एक्सप्रेस-वे के पूर्ण हो जाने से लखनऊ से मेरठ की बीच की दूरी सिमट जाएगी। दोनों शहरों के बीच 12 से 15 घण्टे के स्थान पर 5-6 घण्टे लगेंगे। जबकि प्रयागराज और मेरठ के बीच की दूरी लगभग साढ़े छः घण्टे में तय की जा सकेगी। पिछले महीने 21 अगस्त को गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के क्रियान्वयन हेतु सेक्योरिटाइजेशन के आधार पर पंजाब नेशनल बैंक द्वारा 5,100 करोड़ रुपये की ऋण स्वीकृति पत्र के हस्तांतरण पर साइन हुए थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के साथ ही, अवस्थापना सुविधाओं के तेजी से विकास के लिए कृतसंकल्प है। राज्य सरकार प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश को देश का ग्रोथ इंजन बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

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