Bundelkhand : यूपी में बुन्देलखण्ड के हमीरपुर जिले में इस साल अभी तक मानसून की वर्षा ना होने से "खरीफ" की फसल की बुवाई नही हो पा रही है । जिससे क्षेत्र के किसानो के सामने संकट पैदा हो गया है । खरीफ की फसल जिसमें की उरद, तिल, धान, मूंग, अरहर और ज्वार आदि की फसले पैदा होती है कि बुवाई का समय चल रहा है। लेकिन क्षेत्र में वर्षा केवल बूंदाबांदी तक ही सीमित रही है । क्षेत्र के किसान लगातार परेशान हो रहे हैं । बारिश ना होने के कारण धान की रोपाई में भी देरी हो रही है और किसानों के सामने खरीफ की फसल पैदा ना होने से भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है।
बरसात ना होने की वजह से खेत सूखे और खाली पड़े हुये है जब कि पिछले सालों में इन्ही खेतो में बखराई और बुआई होती रहती थी जिससे खेतो में रौनक रहती थी और किसानों में खुशी देखी जाती थी पर इस साल मानसून के पिछड़ जाने से किसानों के सामने खरीफ की फसल पैदा ना होने के चलते भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है । किसान धनी राम ने बताया कि,,, इस समय तक खरीफ की फसल की बुआई हो जानी चाहिये थी पर बरसात ना होने की वजह से बुआई नही हो पा रही है तो एक और किसान दुर्गा ने बताया कि मूंग, उरद , तीली ज्वार आदि की फसल नही बोई जा सकी है जिससे लोगो को इस साल इन फसलों की भारी किल्लत होगी तो वही किसान राम औतार ने बताया कि जब फसल नही होगी तो बच्चों को क्या खिलाएंगे । इस समय मजदूरी भी नही मिल रही है जिससे भूख मरी की समस्या पैदा हो जायेगी ।
बुन्देलखण्ड इलाके में सिर्फ दो फसले ही पैदा होती है जिनमे खरीफ और रबी की फसल होती है वर्षा की शुरुआत में खरीफ की फसल बोई जाती है जिसमे तीली, ज्वार, मूंग ,उरद, अरहर और धान की फसल बोई और पैदा की जाती है जब खरीफ की फसल पक कर कट जाती है तब किसान अपने खेतों में रबी की फसल बोते है जिसमे गेंहू , चना , मटर, सरसो अलसी आदि बोते है पर इस साल अभी तक बारिश ना होने के कारण किसान खरीफ की फसल नही बो पा रहे है जिससे खेत खाली पड़े है और किसानों के सामने एक बार फिर से भूख मरी का संकट पैदा हो गया है ।
बुन्देलखण्ड के किसानों की मुसीबतें खत्म होने का नाम नही रही है कभी अति वर्षा तो कभी सूखा उनका पीछा नही छोड़ रहा है जिससे किसान बर्बाद और तबाह हो गये है । इस साल फिर से समय से बारिश ना होने के चलते खरीफ की फसल पैदा नही हो पायेगी जिससे इस इलाके के किसान एक बार फिर से बर्बादी और तबाही के मुहाने पर खड़े हो गये है ।