हर हाथ को मिलेगा काम, योगी सरकार ने मनरेगा का बजट दोगुना किया, श्रमिकों के लिए खास सौगात, जानें क्या

उपलब्धि : हर हाथ को मिलेगा काम, योगी सरकार ने मनरेगा का बजट दोगुना किया, श्रमिकों के लिए खास सौगात, जानें क्या

हर हाथ को मिलेगा काम, योगी सरकार ने मनरेगा का बजट दोगुना किया, श्रमिकों के लिए खास सौगात, जानें क्या

Google Image | Yogi Adityanath

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश विकास के नित नए प्रतिमान हासिल कर रहा है। खास कर प्रवासी मजदूरों को लेकर मुख्यमंत्री की नीतियां धरातल पर दिखाई दे रही हैं। प्रवासी मजदूरों को गृह जनपदों में रोजगार देने के लिए प्रदेश सरकार ने मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना) का बजट दोगुना कर दिया है। पहले उत्तर प्रदेश में मनरेगा के लिए सालाना 8,500 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया जाता था। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने इसे बढ़ाते हुए सालाना 15,000 करोड़ रुपये कर दिया है। नए बजट के बाद अब हर नागरिक को रोजगार मिलने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।

मनरेगा के लिए आवंटित यह राशि देश में किसी भी राज्य में सबसे ज्यादा है। साथ ही प्रदेश सरकार 31 मार्च तक 20 लाख श्रमिकों को श्रम विभाग में पंजीकृत करने के मिशन पर काम कर रही है। उत्तर प्रदेश इस मामले में भी देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री का लक्ष्य राज्य के हर नागरिक को उसके गृह जनपद में रोजगार उपलब्ध कराना है। इसके लिए प्रदेश सरकार व्यापक स्तर पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पिछले साल सूबे में मनरेगा में सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार दिया गया था। 

पिछले साल उत्तर प्रदेश में 85 लाख परिवारों के एक करोड़ चार लाख 70 हजार से ज्यादा श्रमिकों को काम दिया गया था। यह उत्तर प्रदेश के इतिहास में रिकार्ड है। साल 2019-2020 में सूबे में मनरेगा के तहत 53.15 लाख परिवारों को रोजगार दिया गया था। इसमें राज्य के 74 जिलों में मनरेगा में काम पाने वाले 32 लाख परिवार पिछले साल बढ़े हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रवासी रोजगार योजना के चलते प्रवासी मजदूरों को प्रदेश में ही काम मिल गया। संख्या में इजाफा इसी की वजह है। 

श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन कराने वाला पहला राज्य 
योगी आदित्यनाथ हर नागरिक को उसकी क्षमता के मुताबिक काम देने के पक्षधर हैं। इसके लिए हर कामगार का श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है। ऐसा करने वाला यूपी देश का पहला राज्य है। इससे कामगारों की क्षमता का पता चल सकेगा और राज्य सरकार उनके मुताबिक काम उपलब्ध करा सकेगी। पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश मनरेगा में 100 दिन काम करने वाले 20 लाख से अधिक श्रमिकों का श्रम विभाग में पंजीकरण कराने वाला देश का पहला राज्य बनने वाला है। प्रदेश के श्रम विभाग में पंजीकृत होने वाले श्रमिकों और उनके परिवार को सरकार की 17 योजनाओं का लाभ मिलेगा। इससे सूबे के 20 लाख श्रमिकों के जीवन में बदलाव आएगा।

श्रमिकों को 17 योजनाओं का मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रमिकों की आर्थिक स्थिति ठीक करने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए तमाम योजनाएं शुरू की गई हैं। श्रम विभाग में पंजीकृत होने के बाद हर श्रमिक परिवार को श्रमिक मेधावी छात्र पुरस्कार योजना, शिशु हित लाभ योजना, निर्माण कामगार बालिका मदद योजना, भोजन सहायता योजना, चिकित्सा सुविधा योजना, कन्या विवाह योजना और आवास सहायता योजना सहित 17 योजनाओं का लाभ मिलेगा। श्रम विभाग ने 100 दिन काम करने वाले 20 लाख श्रमिकों का 31 मार्च तक श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस लक्ष्य को तय समय में पूरा कर लिए जाएगा।

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