यूपी के इस गंगा घाट पर 25 दिसंबर को जानिए क्यों चढ़ाई जा रही है 11 सौ मीटर की चुनरी

आस्थाः यूपी के इस गंगा घाट पर 25 दिसंबर को जानिए क्यों चढ़ाई जा रही है 11 सौ मीटर की चुनरी

यूपी के इस गंगा घाट पर 25 दिसंबर को जानिए क्यों चढ़ाई जा रही है 11 सौ मीटर की चुनरी

Tricity Today | इस घाट पर 11 सौ मीटर की चुनरी चढ़ाई जाती है।

- छोटी काशी माने जाने वाले इस गंगा घाट में 44 सालों से निभाई जा रही है परंपरा

- गंगा में चढ़ी चुनिरयो को आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को साड़ी के रूप में बांटी जाती है

Kanpur: 25 दिसंबर को पतित पावनी मां गंगा में पिछले 44 साल से निभाई जा रही परंपरा इस बार फिर दोहराई जाएगी। गंगा घाट से एक किनारे से दूसरे किनारे तक ग्यारह सौ मीटर चुनरी चढ़ाकर जलधारा का श्रंगार किया जाएगा। खास बात यह है की गंगा मां पर चढ़ी साड़ी रूपी चुनरी को प्रसाद के रूप में आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को वितरित किया जाएगा।



कानपुर के सिद्धनाथ घाट में 25 दिसंबर को होने वाले कार्यक्रम की तैयारियां अंतिम चरण पर है। कार्यक्रम के बारे में मां गंगा सेवा समिति के संस्थापक बाल योगी अरुण पुरी जी महाराज ने जानकारी दी कि हर वर्ष गंगा मां में 501 मीटर की चुनरी चढ़ाई जाती थी। इस बार इसे बढ़ाते हुए ग्यारह सौ मीटर किया गया है। चुनरी चढ़ाई जाने के साथ ही मां गंगा में 101 किलो दूध, 51 किलो दही, 5 किलो शहद, 5 किलो शक्कर और 5 किलो पंचामृत का भोग भी लगाया जाएगा।



नेपाली बाबा से जुड़ी है परंपरा
बाल योगी अरुण पुरी जी महाराज ने जानकारी दी कि पतित पावनी मां गंगा के तट पर नेपाल से आए महाराज रमेश गिरी जी ने समाधि ली थी। रमेश गिरी जी को घाट में रहने वाले लोग नेपाली बाबा नाम से भी जानते हैं। उन्होंने काफी समय तक सिद्धनाथ घाट में रहते हुए गंगा की सेवा की थी। समाधि लिए जाने के बाद आश्रम की ओर से हर वर्ष उनकी याद में यह कार्यक्रम आयोजित होता है।

महिलाएं दान करती हैं साड़ियां
मां गंगा सेवा समिति की ओर से जानकारी दी गई कि गंगा में अर्पित की जाने वाली साड़ियां शहर की महिलाओं की ओर से दान की जाती हैं। साड़ियों को चुनरी के रूप में मां गंगा को अर्पण किया जाता है। इसके बाद समिति की ओर से साड़ियां वापस सुखाकर आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को वितरित कर दी जाती हैं।

पूजन के रूप में समाज सेवा
समिति के सदस्यों का मानना है कि महाराज जी की ओर से वर्ष में दो बार शहर में लगभग 20 हज़ार साड़ियां आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को वितरित कर दी जाती हैं। इससे गर्मियों और सर्दियों दोनों ही मौसम में अत्यंत गरीब महिलाओं को साड़ियां उपलब्ध हो जाती हैं। महाराज जी के संकल्प के अनुसार शहर वासियों को भी यह जानकारी है। इसलिए महाराज जी को लोग खुद आकर साड़ियां उपलब्ध करा जाते हैं।

27 गंगा घाटों पर आयोजन
समिति के सदस्यों ने जानकारी दी कि महाराज जी की ओर से गंगा दशहरा पर भी एक बड़ा आयोजन किया जाता है। इस आयोजन में शहर के 27 घाटों को शामिल किया जाता है। 2 दिन चलने वाले इस आयोजन में लगभग 20 हजार साड़ियां गंगा जी में चुनरी के रूप में चढ़ाई जाती हैं। गंगा दशहरा पर होने वाले आयोजन में भी अर्पित की गई साड़ियों को वापस सुखाकर आर्थिक रुप से कमजोर महिलाओं को वितरित कर दी जाती है।

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