छात्रवृत्ति दिलाने के नाम पर करता था धोखाधड़ी, तरीका जानकर दंग रह जाएंगे आप, प्रशासन ने छात्रों से सावधान रहने को कहा

जालसाज : छात्रवृत्ति दिलाने के नाम पर करता था धोखाधड़ी, तरीका जानकर दंग रह जाएंगे आप, प्रशासन ने छात्रों से सावधान रहने को कहा

छात्रवृत्ति दिलाने के नाम पर करता था धोखाधड़ी, तरीका जानकर दंग रह जाएंगे आप, प्रशासन ने छात्रों से सावधान रहने को कहा

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने तमाम कोर्स में छात्रवृत्ति दिलाने के नाम पर फर्जी ढंग से पैसा अपने खाते में मंगाने वाले एक जालसाज को गोरखपुर से गिरफ्तार किया है। इस आरोपी की गिरफ्तारी के साथ ही इसके गिरोह का भी पता चल गया है। यह आरोपी इंटरनेट से प्रदेश के शिक्षण संस्थानों का नंबर हासिल कर लेता था। फिर इन सभी संस्थानों के उन छात्रों का डेटा हासिल कर लेता था, जो छात्रवृत्ति के लिए अर्ह हैं। पर, किसी वजह से उन्हें छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है। 

आरोपी ऐसे छात्रों को एनआईसी या संबंधित विभाग के अधिकारी के रूप में अपनी पहचान करवाता था। आरोपी ऐसे छात्रों को छात्रवृत्ति दिलाने का लालच देता था और उन छात्रों के बजाय अपने अकाउंट नंबर में पैसा मंगवा लेता था। बाद में उन पैसों को खुद निकाल लेता था। आरोपी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया तथा पंजाब नेशनल बैंक के खातों में पैसे मंगाता था। एसटीएफ ने जालसाल बलिराम सिंह को गोरखपुर के अधियारीबाग रामलील मैदान के सामने से शनिवार को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी के पास से लैपटॉप,  6 मोबाइल, 4 सिम कार्ड, 11 एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, दो पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और 5 पासबुक बरामद किया है। 

इस संबंध में कुछ दिनों से एसटीएफ लखनऊ मुख्यालय को सूचना मिल रही थी। पीड़ितो ने कहा था कि कुछ लोग विभिन्न कोर्स में छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति को फर्जी तरीके से अपने खाते में मंगा कर जालसाजी कर रहे हैं। जालसाजों को पकड़ने के लिए एसटीएफ ने गोरखपुर इलाके के पुलिस उपाधीक्षक धर्मेश कुमार शाही को सूचना इकट्ठा करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। पुलिस को जानकारी मिली की आरोपी बलिराम सिंह अपने अधियारी बाग रामलीला मैदान के पास वाले मकान में मौजूद है और कहीं निकलने की तैयारी कर रहा है। 

सूचना मिलते ही एसटीएफ के निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह की अगुवाई में एक टीम ने मौके पर पहुंच कर आरोपी जालसाल को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह यह काम करीब दो साल से कर रहा है। वह छात्रों को अपने नम्बर से फोन कर छात्रवृत्ति दिलाने का लालच देकर जालसाजी को अंजाम देता था। पिछले कुछ महिनों से आरोपी सरिता मौर्या के एसबीआई खाते में पैसा मंगा रहा था। सरिता का खाता गाजीपुर के दुल्लहापुर में खोला गया था। इसका स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का खाता नंबर 36025723016 है। आरोपी पंजाब नेशनल बैंक के खाता नंबर 50474571835 का इस्तेमाल कर भी छात्रों को चूना लगाता था। यह खाता आजमगढ़ जिले के पते पर खोला गया है।

पुलिस ने आरोपी से बरामद सिम के बारे में जानकारी मांगी। इस पर आरोपी ने बताया कि जिस सिम पर एनआइसी लिखा है, आरोपी उस सिम से स्वयं को एनआईसी का अधिकारी बताकर बात करता था। इस नम्बर को उसने ट्रू कॉलर पर एनआईसी नाम से रजिस्टर किया है। इससे कॉस रिसिव करने वाला उसे एनआईसी का अधिकारी समझता था। इसी तरह उसने दूसरे कई सिम अलग-अलग विभागों के नाम से ट्रू कॉलर पर रजिस्टर किया था। जिस सिम से कॉल करता, खुद को उसी विभाग का अधिकारी बताता था। गिरफ्तार जालसाल के खिलाफ गोरखनाथ थाने में मामला दर्ज कर उसे कानूनी कार्रवाई की जा रही है। 

बताते चलें कि प्रदेश में शिक्षा सें संबंधित महकमों में जालसाजों की खूब बल्ले बल्ले है। यूपी एसटीएफ ने कई जालसाजों के नेटवर्क को ध्वस्त किया है। इनमें फर्जी मार्कशीट और डिग्री बनाने जैसे जालसाज भी शामिल हैं। बहराइच कोतवाली इलाके से एसटीएफ ने फर्जी ढंग से दिव्यांगों के प्रमाण पत्र बनवाकर उनके नाम से लाखों की छात्रवृति आदि हड़पने वाले गिरोह को दो दिन पहले ही दबोचा था। इनका सरगना एक स्कूल का प्रधानाचार्य था।  एसटीएफ ने प्रधानाचार्य समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

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