राजधानी में सरकार के दावे फेल, लखनऊ की प्रमुख सड़कों पर दुर्घटना को दावत दे रहें जानलेवा गड्ढे

Exclusive : राजधानी में सरकार के दावे फेल, लखनऊ की प्रमुख सड़कों पर दुर्घटना को दावत दे रहें जानलेवा गड्ढे

राजधानी में सरकार के दावे फेल, लखनऊ की प्रमुख सड़कों पर दुर्घटना को दावत दे रहें जानलेवा गड्ढे

Google Image | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी की सड़कों को सवारने और गड्ढा मुक्त बनाने का अधिकारियों को अल्टीमेटम दिया है। इसके लिए सरकार ने नगर निगम, एलडीए और जल निगम को सामूहिक तौर पर  लगाया है। बावजूद इसके लखनऊ के विभिन्न प्रमुख मार्गों की स्थिति बद से बदतर है। इसमें से कुछ सड़कें तो ऐसी है जो अपने सवरने का इंतजार कर रही हैं। ट्राईसिटी टुडे की टीम ने बुधवार को लखनऊ की विभिन्न सड़को का जायजा लिया तो अभी भी गड्ढों का अंबार नजर आया। बात दें सरकार ने सड़कों के नवीकरण का काम पूरा करने के लिए 30 नवम्बर तक समय दिया था। 

इन सड़कों पर अभी भी गड्ढे मौजूद
बता दें कि कुछ सड़कों के नवीकरण का कार्य तो शुरू हो चुका है लेकिन अधिकारियों की लापरवाही और मनमानी के कारण अभी भी सड़क के किनारे गड्ढे बने हुए हैं लिहाजा सरकार के निर्देशों का असर जिम्मेदारों पर कुछ खास नजर नहीं आया है। यही वजह है कि अभी भी यह लोग किसी बड़ी दुर्घटना के इंतजार में हैं। टीले वाली मस्जिद से लेकर सड़क किनारे नाले का काम काफी समय से चल रहा है। वहीं पुराना उच्च न्यायालय, स्वास्थ्य भवन, कलेक्ट्रेट,और डालीगंज पुल की मुख्य सड़क पर सीवेज का टैंक खुला पड़ा है जो किसी भी दुर्घटना को दावत दे रहा है। इसके साथ ही नेशनल पीजी कॉलेज रोड और जानकीपुरम स्थिति भवानी बाजार की सड़क पर भी कई गड्ढे मौजूद है। जिनपर अभी तक अधिकारियों की नजर नहीं पड़ी है। 

नवीकरण के लिए 70 करोड़ रुपये हुए थे आवंटित
मुख्यमंत्री योगी ने 2 माह का समय देकर अफसरों से राज्य की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का एलान कर दिया था। जिसके बाद सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का काम तेजी के साथ किया जा रहा है। वहीं, यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने अफसरों को निर्देश दिया था कि 30 नवम्बर तक सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने का काम 50 प्रतिशत पूरा कर लिया जाए। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से पहले योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राजधानी लखनऊ की सूरत को बदलने का आदेश दिया था। इस काम को पूरा करने के लिए लखनऊ की प्रमुख 32 सड़कों को चिन्हित किया गया था जिसकी मरम्मत के लिए 70 करोड़ रुपए भी आवंटित किया था।

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