गुड्डू जमाली का अखिलेश यादव पर हमला- सैफई से आकर आजमगढ़ को जागीर बनाने वाले चले गए, मुसलमान गुलाम नहीं

आजमगढ़ : गुड्डू जमाली का अखिलेश यादव पर हमला- सैफई से आकर आजमगढ़ को जागीर बनाने वाले चले गए, मुसलमान गुलाम नहीं

गुड्डू जमाली का अखिलेश यादव पर हमला- सैफई से आकर आजमगढ़ को जागीर बनाने वाले चले गए, मुसलमान गुलाम नहीं

Google Image | Guddu Jamali attack on Akhilesh Yadav

 

  • - जमाली ने कहा- उन्होंने हमारी पगड़ी जूते तले रौंदी, मुसलमानों ने औकात बता दी
  • - एक नहीं सौ जमाली पैदा होंगे, 2024 के लोकसभा चुनाव में भी इसी तरह हराएंगे
  • - बसपा को भाजपा की बी पार्टी कहने वालों को अपनी औकात समझ आ गई होगी
  • - एक जीतकर और दूसरे हारकर चले गए, मेरी तो कब्र भी आज़मगढ़ में बनेगी
Azamgarh News : दो दिन पूर्व संपन्न हुए लोकसभा उपचुनाव की मतगणना के बाद सियासी बयानबाजी का सिलसिला जारी है। एक तरफ जीत के बाद जहां बीजेपी के दिनेश लाल यादव निरहुआ लखनऊ के लिए निकल गए तो दूसरे नंबर पर रहे समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव भी कल शाम को ही लखनऊ चले गए। वहीं, दूसरी तरफ बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी रहे शाह आलम गुड्डू जमाली ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोला है। मंगलवार की दोपहर आजमगढ़ शहर में स्थित अपने आवास पर प्रेस वार्ता कर कहा, "हम तो यहीं के रहने वाले हैं। यहीं पैदा हुए, यहीं कब्र में दफन होंगे।" उन्होंने खासतौर पर समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर निशाना साधा है।

अखिलेश यादव ने मुसलमानों की पगड़ी को जूतों से रौंदा
बसपा के गुड्डू जमाली ने कहा, "मुसलमान को यह लोग अपनी जागीर समझते हैं। लेकिन इस बार मुसलमानों ने इनको इनकी औकात बता दी है। देश की राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी बहुजन समाज पार्टी को यह लोग बी टीम बताते हैं। इनको शर्म नहीं आती। जबकि इस पार्टी के प्रत्याशी को 2 लाख 70 हजार वोट मिले हैं।" उन्होंने अखिलेश यादव पर खासतौर से निशाना साधा। अपने बारे में कहा, "मैं विधानसभा चुनाव से पहले बसपा से कुछ दूरी के चलते अपने घर पर बैठ गया था। अखिलेश यादव ने मुसलमानों को लखनऊ बुलाया। उनकी पगड़ी को जूते तले रौंदा गया। जिसको आजमगढ़ का मुस्लमान बर्दाश्त नहीं कर पाया।" कहा कि सपा में जो मुसलमान नेता हैं, वह अपनी गैरत बेचकर रहते हैं। मैं गैरत बेचकर नहीं रह सकता। मरना पसंद है।

सैफई से आकर आजमगढ़ को जागीर बनाने वालों को सबक
उन्होंने सपा के मुस्लिम विधायकों पर भी निशाना साधा और कहा कि वह अपने बूथ को चेक कर लें, कितने वोट मिले थे। कहा कि एक एक बूथ पर जहां मुस्लिम आबादी है, 700 से 800 वोट बसपा को मिले तो सौ से डेढ़ सौ वोट ही सपा को मिले हैं। इससे उनको अपनी औकात पता चल गई है। 2024 में मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे। जीत हासिल करके समाजवादी पार्टी का जो भी प्रत्याशी होगा, उसको फिर ऐसे ही वापस लौटाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा, "जो सैफई और इटावा से आकर यहां आजमगढ़ में अपनी जागीर बनाए हैं, उनको सबक सिखाना जरूरी है।" सपा नेताओं द्वारा बार-बार मुसलमानों को भ्रमित होने के बयान पर उन्होंने कहा, "मुसलमान उनकी जागीर नहीं है कि हमेशा उन्हीं को वोट करेगा। आखिर यादव मतदाता ने बसपा को क्यों नहीं वोट किया?"

जमाली ने कहा- इस चुनाव में कोई बेईमानी नहीं हुई
हारने पर सपा नेताओं द्वारा तमाम आरोप पर जमाली ने कहा, "इतना बड़ा चुनाव है। 19 या 20 ह्यूमन एरर हो सकता है, लेकिन कहीं कोई धांधली की बात नहीं है। इनकी रोने की हमेशा आदत रही है। अगर जीत जाते तो कुछ नहीं बोलते। हार गए तो ईवीएम ने हरा दिया, जमाली ने हरा दिया। जिस तरीके से उन्होंने पगड़ी को रौंदा तो एक जमाली नहीं सौ जमाली यहां पैदा होंगे।" जमाली यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि अखिलेश को मालूम था कि धर्मेंद्र हारेंगे, क्योंकि वह पहले डिंपल को लड़ाना चाहते थे। जब सामने गुड्डू जमाली को प्रत्याशी के रूप में देखे तो धर्मेंद्र को लड़ने भेज दिया। अब दिनेश लाल यादव चुनाव जीतकर लखनऊ चले गए हैं और धर्मेंद्र यादव चुनाव हार कर चले गए हैं। गुड्डू जमाली तो यहीं का रहने वाला है। मैं कहां जा सकता हूं। मैं तो मरने के बाद आजमगढ़ में ही दफनाया जाऊंगा। मेरी तो कब्र भी आजमगढ़ में ही बनेगी।"

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