200 साल का हुआ मेरठ का ऐतिहासिक चर्च, बेगम समरू ने 25 पैसे रोज में करवाया था निर्माण, जानिए सभी खासियत

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200 साल का हुआ मेरठ का ऐतिहासिक चर्च, बेगम समरू ने 25 पैसे रोज में करवाया था निर्माण, जानिए सभी खासियत

Tricity Today | मेरठ का ऐतिहासिक चर्च

Meerut News : मेरठ के सरधना में स्थित ऐतिहासिक चर्च को आज 200 वर्ष पूरे हो गए हैं। आज से 200 साल पहले मेरठ के सरधना में बेजोड़ संगम से ऐतिहासिक चर्च का निर्माण करवाया था। इस चर्च का निर्माण बेगम समरू ने करवाया था। यहां पर हर रविवार को भीड़ रहती हैं। 
 सरधना में बनी ऐतिहासिक रोमन कैथलिक चर्च को फरजाना उर्फ बेगम समरू द्वारा बनवाया गया था.
मान्यता है कि चर्च में माता मरियम की चमत्कारी तस्वीर के दर्शन करने से हर इच्छा पूर्ण होती है। इसीलिए यहां हर वर्ष विशेष प्रार्थना और मेले की परंपरा भी शुरू हुई। विभिन्‍न राज्यों के श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। 
 चर्च का निर्माण 1809 में शुरू हुआ था. यह निर्माण कार्य 11 साल से ज्यादा चला. इसके बाद 1822 में यह सर्च बनकर तैयार हो गया था.
बताया जाता है कि जब चर्च का निर्माण हो गया था तो सबसे पहले एक महिला माता मरियम से प्रार्थना करने पहुंची थी। बताया जाता है कि उनका बेटा काफी बीमार था, लेकिन माता की पूजा करने के बाद उनका बेटा बिल्कुल ठीक हो गया। उसके बाद चर्च में लोगों का तांता जुड़ गया। चर्च के भीतर माता मरियम से उस महिला की प्रार्थना सुनते हुए का एक दृश्य बनाया गया है।
 इतना ही नहीं चर्च को बनाने के लिए उस दौर में 25 पैसे रोज पर मिस्त्री को रखा गया था, जोकि उस दौर का सबसे महंगा मिस्त्री था.
इस चर्च का निर्माण 1809 में शुरू हुआ था। जिसके बाद 1822 तक यह चर्च पूरी तरीके से बनकर तैयार हो गया था। उस समय चर्च बनाने के लिए एक मिस्त्री को रोजाना 25 पैसे दिए जाते थे, जो उस समय सबसे महंगा था।
 चर्च के खूबसूरती की बात की जाए तो जहां पर प्रार्थना होती है. उस अल्तार के निर्माण के लिए संगमरमर जयपुर से मंगाया था. इसके साथ ही कौरनेलियन, मैलकाइट और जास्पर पत्थर भी यहां लगे हुए हैं, जो इस चर्च को और भी ज्यादा भव्य बनाते हैं.
इस चर्च के निर्माण के दौरान हजारों मजदूरों को बेगम ने काम पर रखा था। इसको बनवाने का जिम्मा मेजर एथोली को बेगम ने दिया था। बताया जाता है कि वह उस समय के सबसे ज्यादा वस्तु कला जानते थे।
 कहा जाता है कि जैसे ही माता मरियम से उस महिला ने प्रार्थना की थी. उसके पश्चात उसका बेटा स्वस्थ हो गया था. उस दिन के बाद से माता मरियम की प्रार्थना करने के लिए लोगों का तांता लगने लगा.

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