एक साल के अन्दर सड़क हादसे से हुई सैकड़ों मौतें, जाने कब कहां और कितने लोगों की गई जान

UP NEWS: एक साल के अन्दर सड़क हादसे से हुई सैकड़ों मौतें, जाने कब कहां और कितने लोगों की गई जान

एक साल के अन्दर सड़क हादसे से हुई सैकड़ों मौतें, जाने कब कहां और कितने लोगों की गई जान

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Lucknow : उत्तर प्रदेश दिन प्रति दिन हादसों का राज्य बनता जा रहा है। साल 2020 से अब तक बड़े हादसों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत सड़क हादसे में हुई है। आंकड़ों के मुताबिक यूपी में हर एक घंटे में सड़क पर करीब 3 लोगों की मौत होती है। सरकार के दावों के मुताबिक रोड इंजीनियरिंग बेहतर कर इन आंकड़ों को कम करने की कोशिश लगातार जारी। लेकिन सड़क सूरक्षा को लेकर कोई नीति नहीं है। बस हर हादसे के बाद मुआवजा की बात सामने आ जाती है। 2015 में यूपी में 17,666 लोगों ने सड़क दुर्घटना में जान गवाई थी। आंकड़ों के मुताबिक यूपी सड़क हादसों में नंबर वन है।

कहां, कब और कितने हुए हादसे
यूपी के औरैया जिले में एक ट्राला के पलट जाने से 24 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गयी। ये मजदूर झारखण्ड, बिहार तथा पश्चिम बंगाल से थे। यह घटना औरैया कोतवाली क्षेत्र के नेशनल हाईवे पर ढाबे के पास हुई। इस घटना में 38 मजदूर गंभीर घायल हुए। 20 नवंबर 2020 प्रतापगढ़ जिले के देशराज इनारा गांव के पास प्रयागराज -लखनऊ हाईवे में दुर्घटना हुई। जिसमें एक एसयूवी कार की भिड़ंत एक ट्रक से होने से 14 लोगो की मौत हो गयी। 16 दिसम्बर 2020 को यूपी के संभल में कोहरे की वज़ह से बस और टैंकर के बीच हादसा हुआ जिसमे 09 लोगों की मौत हुई और 30 लोग घायल हुए। 8 जून 2020 को कानपुर में भयंकर सड़क हादसा हुआ। जिसमें डबल डेकर बस की टक्कर टेम्पो से हुई। इस हादसे में 17 की मौत और 24 अन्य घायल हुए। 

बाराबंकी में भीषण सड़क हादसा
वहीं बीती रात यूपी के बाराबांकी जिले में एक सड़क दुर्घटना हुई जिसमें 18 लोगों की मौत हो गयी और 15 से अधिक लोग घायल बताये जा रहे हैं। यह घटना लखनऊ-अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग के बाराबांकी जिले के राम स्नेही घाट पुलिस थाना के अंतर्गत हुई। इस घटना में डबल डेकर बस को तेज रफ्तार से आते हुए ट्रक द्वारा पीछे से टक्कर मारी गयी। इस दुर्घटना में प्रधानमंत्री मोदी ने मारे हुए लोगो के प्रति संवेदना जताते हुए प्रधानमंत्री दुर्घटना सहायता कोष से 2 लाख की मदद का ऐलान किया जबकि घायलों को 50 हज़ार रुपए स्वीकृत किये।

स्वास्थ्य मंत्री ने जाना घायलों का हाल
सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधि मंडल मेडिकल कॉलेज पहुँचा। मंत्री आशुतोष टंडन, स्वास्थ मंत्री जय प्रताप सिंह और जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह बाराबंकी सड़क दुर्घटना में हुए घायलों से मिलने और उनका हालचाल लेने के लिए ट्रामा सेंटर पहुंचे। इसके साथ ही घायलों को बेहतर इलाज अस्पताल प्रशासन को निर्देशित किया है।

रोड़ इंजीनियरिंग बेहतर करने का प्रयास
प्रदेश में तमाम प्रयासों के बाद भी सड़क हादसों में कमी नहीं आ रही। आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में हर एक घंटे में सड़क हादसों की वजह से 3 लोगों की मौत होती है। सरकार और प्रशासन का दावा है कि रोड़ इंजीनियरिंग बेहतर कर इन आंकड़ों को कम करने की कोशिश लगातार जारी है। सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए सरकार और प्रशासन द्वारा तमाम स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। 

हादसों का प्रमुख कारण ध्यान भटकना
नेशनल फर्स्ट एड ट्रेनर प्राची भटनागर ने बताया कि सड़क हादसों को रोकने के लिए सेल्फ सेफ्टी बचाव का मुख्य बिंदु है इसीलिए हाई स्पीड में गाड़ी ना चलाएं साथ ही गाड़ी चलाते समय फोन का इस्तेमाल न करें। हाईवे पर गाड़ी चलाते समय विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सड़कों पर गड्ढे बहुत हैं कहीं से भी जानवर आ जाते हैं। वहीं हादसों का प्रमुख कारण ध्यान भटकना भी होता है।

रोड पर घूम रहे जानवर भी हादसों का कारण
पशुपालन विभाग को हाईवे पर घूमने वाले मवेशी जानवरों का ध्यान रखना चाहिए ऐसे लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए जो गायों को सड़क पर चरने के लिए छोड़ देते हैं। वही नगर निगम को भी रोड पर घूम रहे जानवरों का जिम्मेदार ठहराया है।

सड़क सुरक्षा नीति के तहत ये नियम
सड़क सुरक्षा के उपायों के लिए कोष का गठन करना, डेटा बेस की स्थापना, सुरक्षित सड़कों का निर्माण कराना, सड़कों पर सेफ ड्राइविंग सुनिश्चित कराना, वाहन चालकों के ट्रेनिंग स्कूल खोलना, लाइसेंस जारी करने से पहले ड्राइविंग की दक्षता का ठीक से मूल्यांकन, शिक्षा, प्रशिक्षण व प्रचार के माध्यम से लोगों को जागरूक करना, यातायात संबंधी कानूनों को ठीक से लागू कराना, सड़क दुर्घटना में घायलों के लिए आपात चिकित्सीय सहायता, सड़क सुरक्षा अनुसंधान पर विशेष ध्यान देना।

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