16 सूत्री मांगों को लेकर उठाई आवाज, लगाए गंभीर आरोप

ओमेक्स बिल्डर के खिलाफ सैकड़ों किसानों ने खोला मोर्चा : 16 सूत्री मांगों को लेकर उठाई आवाज, लगाए गंभीर आरोप

16 सूत्री मांगों को लेकर उठाई आवाज, लगाए गंभीर आरोप

Tricity Today | ओमेक्स बिल्डर के खिलाफ सैकड़ों किसानों ने खोला मोर्चा

Lucknow News : लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र के कल्ली पश्चिम स्थित ओमेक्स सिटी रोड पर शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के सैकड़ों किसानों ने ओमेक्स कंपनी और निजी प्रॉपर्टी डीलरों के खिलाफ अपनी समस्याओं को लेकर जोरदार धरना प्रदर्शन किया। किसानों ने नारेबाजी करते हुए अपनी 16 सूत्री मांगों को लेकर आवाज उठाई। इस दौरान एसीपी कैंट अभय प्रताप मल्ल और इंस्पेक्टर पीजीआई रवि शंकर त्रिपाठी पुलिस टीम के साथ मौके पर मौजूद रहे।

क्यों हुआ किसानों का हंगामा?
धरना सुबह से शुरू होकर शाम साढ़े पांच बजे तक चला। जब किसानों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा और नगर निगम के संपत्ति अधिकारी से लिखित आश्वासन मिलने के बाद प्रदर्शन समाप्त किया। किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अमर सिंह लोधी ने बताया कि ओमेक्स कंपनी ने सरकार की योजनाओं को दरकिनार करते हुए कल्ली पश्चिम से कल्ली पूरब की तरफ जाने वाली नहर को पाट दिया। जिससे नहर के किनारे स्थित किसानों की भूमि बंजर हो गई और उन्हें सिंचाई में भारी कठिनाई हो रही है। उन्होंने मांग की कि नहर को पुनः खुदवाकर सिंचाई की व्यवस्था बहाल की जाए।

क्या है किसानों की मांग?
किसानों ने आरोप लगाया कि ओमेक्स कंपनी द्वारा खड़ंजे को बंद करने और जमीन दबाव डालकर सस्ते दामों पर खरीदने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा कंपनी ने कई वर्षों पुरानी नहर को पाटकर कृषि योग्य भूमि को बंजर बना दिया है, जिससे खेतों में पानी की कमी हो गई है। किसानों ने मांग की कि नहर के पुनर्निर्माण और सिंचाई की उचित व्यवस्था की जाए।

प्रॉपर्टी डीलर गुमराह कर रहे किसानों को गुमराह
किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रॉपर्टी डीलर गुमराह कर उनकी जमीनें खरीद रहे हैं और पैसा मांगने पर किसानों को धमकाया जा रहा है। इसके साथ ही, उन्होंने सरकारी भूमि जैसे शमशान घाट, तालाब और अन्य सार्वजनिक स्थलों के विकास की भी मांग की। किसान नेता अतुल कुमार मौर्य ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया तो वे उग्र होकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे। किसान चाहते हैं कि उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान हो, जिससे वे अपनी कृषि और पशुपालन से जुड़ी आजीविका को सुरक्षित रख सकें।

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