बीवी ने नहीं किया घूंघट तो पति ने मांगा Divorce, हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा- तलाक नहीं मिलेगा

यूपी में एक मामला ऐसा भी : बीवी ने नहीं किया घूंघट तो पति ने मांगा Divorce, हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा- तलाक नहीं मिलेगा

बीवी ने नहीं किया घूंघट तो पति ने मांगा Divorce, हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा- तलाक नहीं मिलेगा

Tricity Today | इलाहाबाद हाईकोर्ट (File Photo)

Uttar Pradesh/Prayagraj News : उत्तर प्रदेश में तलाक का एक गजब मामला सामने आया है। जिसकी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पति को फटकार लगाते हुए तलाक देने से मना कर दिया। कोर्ट ने पति ने याचिका दाखिल की थी।जिसमें कहा गया था कि उसकी पत्नी घूंघट नहीं करती है। साथ में अकेले बाजार जाती है। इस आधार पर पत्नी से वह पति तलाक मांग रहा था, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए तलाक देने से इंकार कर दिया। यह फैसला जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस दोनादी रमेश ने सुनाया है।

कोर्ट ने क्या कहा?
हाईकोर्ट ने कहा है कि पत्नी का अपनी मर्जी से घर से बाहर जाना, पर्दा नहीं करना या समाज में अन्य लोगों से मेलजोल रखना "पति के खिलाफ क्रूरता" नहीं कहा जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा है कि बिना अवैध या अनैतिक संबंध के कोई महिला स्वतंत्र रूप से अपने निर्णय लेती है या अकेले यात्रा करती है तो इसे "क्रूरता" के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता।

क्या है पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि अपीलकर्ता पति और पत्नी की शादी फरवरी 1990 में हुई थी। दिसंबर 1995 में उनके बेटे का जन्म हुआ, लेकिन दोनों का वैवाहिक जीवन केवल 8 महीने तक ही चला। आखिरी बार दोनों दिसंबर 2001 तक साथ रहे। इसके बाद से वह 23 वर्षों से अलग रह रहे हैं।

पति ने लगाए ये आरोप
पति ने अदालत में आरोप लगाया कि पत्नी दूसरे पुरुषों के साथ संबंध रखती थी। बाजार के साथ अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अकेले जाती थी और "पर्दा" का पालन नहीं करती थी। उसने दावा किया कि पत्नी उसकी आर्थिक स्थिति पर ताने देती थी और गालियां देती थी। इन सब बातों को आधार बनाकर पति ने इसे मानसिक क्रूरता का मामला बताया और तलाक की मांग की।

कोर्ट ने आरोपों को किया खारिज
हाई कोर्ट ने पति के इन आरोपों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा विवाह परिवार की सहमति से हुआ था और दोनों पक्ष अपनी आर्थिक स्थिति से भली-भांति परिचित थे। दोनों पक्ष शिक्षित और प्रतिष्ठित पेशेवर हैं। पति एक कुशल इंजीनियर है, जबकि पत्नी सरकारी स्कूल की अध्यापिका है। समाज में मेलजोल, स्वच्छंदता से काम करना या बिना किसी अवैध संबंध के स्वतंत्र निर्णय लेना और मानसिक क्रूरता के दायरे में नहीं आता।

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