नए साल में पर्यटन पर जाना है तो बौद्ध धर्म के इस पवित्र स्थल जाएं, मिलेगी खास सौगात

Kushinagar : नए साल में पर्यटन पर जाना है तो बौद्ध धर्म के इस पवित्र स्थल जाएं, मिलेगी खास सौगात

नए साल में पर्यटन पर जाना है तो बौद्ध धर्म के इस पवित्र स्थल जाएं, मिलेगी खास सौगात

Google Image | Demo

Kushinagar : उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार पूर तरह प्रयासरत है। इसके लिए राज्य में बुद्धा सर्किट, राम सर्किट और कृष्ण सर्किट पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। प्रदेश में बुद्ध, राम और कृष्ण से जुड़े धार्मिक और ऐतिहासिक शहरों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है और उन्हें पर्यटन के लिहाज से विश्वस्तरीय बनाने की प्रक्रिया जारी है। योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली राज्य सरकार महात्मा बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर को नया स्वरूप देने में जुटी है। कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पिछले साल शुरू होना था, पर कोरोना महामारी की वजह से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू नहीं हो सकीं। हालांकि कुशीनगर के कायाकल्प की प्रक्रिया पूरी रफ्तार से जारी है। 

इस सिलसिले में जिला प्रशासन पर्यटकों को एक खास सौगात देने की तैयारी में है। कुशीनगर प्रशासन ने ऐतिहासिक व पौराणिक नदी हिरण्यवती में इसी महीने से नौकायन शुरू करने की योजना बनाई है। कुशीनगर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (कसाडा) इसकी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। नदी में नौकायन  शुरू होने से पर्यटकों की संख्या भी बढ़ने की उम्मीद है। कुशीनगर  में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कई योजनाएं चल रहीं हैं। इसी कड़ी में हिरण्यवती नदी में पानी के प्रवाह को बनाए रखने के लिए नहर का पानी नदी तक लाने की प्रक्रिया पर काम चल रहा है। जल्दी ही इसे पूरा कर लिया जाएगा। इसके पूरा होने के बाद हिरण्यवती नदी में नौकायन शुरू हो जाएगा। नौकायन की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। 

कसाडा के सचिव पूर्ण वोरा ने बताया कि पर्यटक रामाभार स्तूप के निकट बुद्धा घाट से लेकर देवरिया रोड स्थित रामाभार पुल तक नौकायन कर सकेंगे। इसके लिए पहले चरण में चार नावों की व्यवस्था की गई है। एक बार में एक नाव पर चार लोग बैठ सकेंगे। इस तरह कुल 16 पर्यटक एक बारे में नौकायान कर सकेंगे। पर्यटकों की सुरक्षा के लिए नौकायान के दौरान कसाडा उन्हें लाइफ जैकेट भी उपलब्ध कराएगा। हालांकि अभी नौकायन की फीस को लेकर आखिरी निर्णय नहीं हो सका है। कसाडा के सचिव व कसया के ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट पूर्ण वोरा ने कहा कि नौकायन के लिए हिरण्यवती नदी में नावों का प्रबंध कर लिया गया है। अन्य तैयारियों को मूर्त रूप दिया जा रहा है। जल्दी ही पर्यटक इस ऐतीहासिक नदी में नौकायान का आनंद उठा सकेंगे। 

बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पर एकमत हैं और दोनों सूबे में पर्यटन को नई बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। राज्य सरकार सभी धार्मिक नगरों का कायाकल्प कर रही है और उन्हें पर्यटन के लिहाज से विश्वस्तरीय बना रही है। वर्तमान समय में टूरिज्म इंडस्ट्री आय के प्रमुख स्रोतों में से एक है। ऐसे में अगर प्रदेश के सभी धार्मिक और ऐतिहासिक शहरों को पर्यटकों के लिए सजा-संवार दिया जाए, तो पर्यटक इन धरोहरों को देखने जरूर आएंगे। इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। पर्यटन से जुड़े सभी विभाग सरकार की योजनाओं को अमलीजामा पहना रहे हैं। 

बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए कुशीनगर (प्राचीन कुसीनारा) का विशेष महत्व है। बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध का कुशीनगर से करीबी संबंध था। कुशीनगर, महात्मा बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली है। कुशीनगर के रामाभार स्तूप में महात्मा बुद्ध ने परिनिर्वाण प्राप्त किया था। इसलिए बौद्ध धर्मावलंबी कुशीनगर को विशेष महत्व देते हैं। थाईलैंड, चीन, जापान, कंबोडिया, श्रीलंका, म्यांमार, तिब्बत समेत तमाम देशों के लाखों पर्यटक कुशीनगर अपने धार्मिक गुरू की परिनिर्वाण स्थली देखने आते हैं। इन सभी देशों की संस्थाएं कुशीनगर में मंदिरों और ट्रस्टों का भी संचालन करती हैं। बौद्ध धर्म में कुशीनगर का स्थान बोधगया के बाद आता है। बोधगया में महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.