Prayagraj News : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने मेला क्षेत्र में स्थित अपने शिविर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि दिल्ली में हुई धर्म संसद के बाद अब संगम नगरी में महाकुंभ के दौरान एक और धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा। जनवरी में आयोजित होने वाली इस धर्म संसद में देशभर के साधु संत शिरकत करेंगे। इस दौरान धर्म संसद के विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा और कई मुद्दों पर निर्णय लिया जाएगा। महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि इस धर्म संसद में मंदिर और मठों को सरकारी तंत्र के अधीन करने का मुद्दा प्रमुख रूप से उठेगा।
26 जनवरी को महाकुंभ के दौरान होगा आयोजन
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि वक्फ बोर्ड की तरह अब देश में सनातन बोर्ड बनाया जाएगा। इस संबंध में महाकुंभ के दौरान 26 जनवरी 2025 को संगम नगरी में धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा। जिसमें देश भर के संतों और साधुओं को निमंत्रण भेजा जाएगा। महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि इस धर्म संसद में मुख्य मुद्दा मठ-मंदिरों को सरकारी तंत्र से बचाना होगा। इसके लिए अखाड़ा परिषद सनातन बोर्ड बनाने पर जोर दे रही है, जो मठ मंदिरों का संरक्षण करेगा। उन्होंने बोर्ड में सभी वर्गों को शामिल करने की मांग की है।
केंद्र सरकार को भेजा जाएगा प्रस्ताव
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने धर्म संसद की तारीखों का ऐलान करते हुए कहा है कि सनातन बोर्ड मठ मंदिरों और सनातन धर्म की रक्षा के लिए गठित होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का कार्यकाल सनातन का उदय काल है। ऐसे समय में अगर सनातन बोर्ड का गठन नहीं हुआ तो फिर कभी नहीं होगा। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा है कि धर्म संसद में साधु संतों से आए सुझावों के आधार पर प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
देश विदेश के संत महात्मा लेंगे भाग
जिसके आधार पर जल्द ही सनातन बोर्ड के गठन की मांग की जाएगी। महंत रवींद्र पुरी के मुताबिक देश विदेश के संत महात्मा 26 जनवरी को महाकुंभ में होने वाली धर्म संसद में आएंगे। वहीं धर्म संसद में गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर यूपी के सीएम सीएम योगी आदित्यनाथ को बुलाने के सवाल पर कहा है कि उन्हें भी धर्म संसद में आने का न्यौता जरूर दिया जाएगा।