Social Media | एयरपोर्ट का जायजा लेते केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और अधिकारी
भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में बनाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को मंगलवार को DGCA (डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही कुशीनगर डीजीसीए से मान्यता प्राप्त प्रदेश का तीसरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बन गया है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय उड्डयन मंत्री और डीजीसीए के अधिकारियों ने एयरपोर्ट पर चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया।
Kushinagar Airport gets necessary clearances from DGCA to become 3rd licensed international airport of UP. Will boost tourism in the region & facilitate travel on Buddhist circuit by providing direct aviation connectivity to the city where Lord Buddha attained Mahaparinirvana. pic.twitter.com/PhQsp9RLJ3
अधिकारियों ने इसे मानकों के अनुरूप निर्मित पाया और डीजीसीए ने यहां से उड़ानों को मंजूरी दे दी। बताते चलें कि बुद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए कुशीनगर का स्थान बेहद खास है। भगवान बुद्ध ने यहीं परिनिर्वाण प्राप्त किया था। अपने आराध्य से मिलने के लिए हर साल लाखों अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालु यहां आते हैं। अब उनके लिए कुशीनगर पहुंचना सुविधाजनक हो जाएगा। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस बारे में एक ट्वीट कर भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कुशीनगर एयरपोर्ट को DGCA से जरूरी मंजूरी मिल गई है। अब यह उत्तर प्रदेश का तीसरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बन गया है। इससे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही बुद्धिस्ट सर्किल घूमने आने वाले पर्यटकों को सहूलियत मिलेगी।
पर्यटन को मिलेगा बल
पर्यटन के लिहाज से कुशीनगर का महत्व देश के चुनिंदा स्थानों में है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों का कुशीनगर से गहरा रिश्ता है। महात्मा बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में ही स्थित है। इस वजह से पूरे साल यहां बौद्ध धर्म के अनुयायी भारी संख्या में आते रहते हैं। बौद्ध धर्म को मानने वाले कई देश जैसे श्रीलंका, थाईलैंड, कंबोडिया, जापान, सिंगापुर और चीन काफी पहले से कुशीनगर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने की इच्छा जता रहे थे।
बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए है खास
बौद्ध धर्मावलम्बियों के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश का विशेष महत्व है। महात्मा बुद्ध ने अपना पहला उपदेश पूर्वी उत्तर प्रदेश के सारनाथ में दिया था। श्रावस्ती में उन्होंने सबसे ज्यादा चातुर्मास बिताया था। कपिलवस्तु उनकी राजधानी थी। इसके अलावा महात्मा बुद्ध का कौशांबी और संकिसा से गहरा रिश्ता था। बौद्ध धर्म में इन छह स्थानों को पवित्र माना गया है। इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से कुशीनगर, आसपास के दूसरे जिलों और गोरखपुर मंडल में विकास के नए रास्ते खुलेंगे।
मुख्यमंत्री ने दी बधाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, कुशीनगर तथा गोरखपुर मंडल के सभी निवासियों को बधाई दी। सभी को शुभकामनाएं देते हुए इसमें सहयोग के लिए सबको धन्यवाद दिया। उन्होंने जोर दिया कि पिछले कुछ वर्षों में सिविल एविएशन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में काफी संभावनाएं सामने आई हैं। कुशीनगर एयरपोर्ट से पर्यटन संबंधी संभावनाओं को काफी बल मिलेगा।