खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों और मुख्यमंत्री योगी की मुलाकात में उठा नए कृषि कानूनों का मुद्दा, इस तरह पश्चिमी यूपी के किसानों को साधेगी सरकार

बड़ी खबर: खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों और मुख्यमंत्री योगी की मुलाकात में उठा नए कृषि कानूनों का मुद्दा, इस तरह पश्चिमी यूपी के किसानों को साधेगी सरकार

खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों और मुख्यमंत्री योगी की मुलाकात में उठा नए कृषि कानूनों का मुद्दा, इस तरह पश्चिमी यूपी के किसानों को साधेगी सरकार

Tricity Today | UP CM Yogi Adityanath

शनिवार को पश्चिमी यूपी के अलग-अलग खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में मुलाकात की। उनके साथ भारतीय जनता पार्टी के विधायक मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने सभी की समस्याएं ध्यान से सुनीं और जल्द उनके निराकरण का आश्वासन दिया। खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया और कहा कि वह सच्चे अर्थों में किसान हितैषी हैं। इम भेंट के बाद से पश्चिमी यूपी के किसानों को लेकर जारी किस्से-कहानियों पर विराम लग गया है। खाप पंचायतों ने एक सुर में मुख्यमंत्री पर भरोसा जताया है। उन्हें उम्मीद है कि उनकी समस्याओं का प्राथमिकता से निराकरण किया जाएगा।

100 दिन से जारी है विरोध
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों का किसान पिछले 100 दिन से विरोध कर रहे हैं। जगह-जगह प्रदर्शन कर सरकार पर कानूनों को निरस्त करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। खास तौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान और खाप पंचायतें लगातार कानूनों के खिलाफ मोर्चाबंदी कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं। 

भाजपा के विधायक भी रहे साथ
पिछले करीब 100 दिन से जारी गतिरोध को देखते हुए यह मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है। इससे पहले बुढ़ाना के विधायक उमेश मलिक और शामली के विधायक तेजेंद्र निर्वाल के साथ आए खापों के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से भेंट कर अपनी मांगे रखी थीं। बाद में यह दल पंचायतीराज मंत्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी से उनके आवास पर मिला। इन सभी ने बिजली व गन्ने की समस्याएं उठाईं।

इन वजहों से गुस्से में किसान  
खापों के प्रतिनिधियों ने कहा कि पश्चिमी यूपी में बिजली की बढ़ी दरें, गन्ना मूल्य भुगतान में देरी और गन्ना मूल्य में वृद्धि नहीं होने से आम किसानों में नाराजगी है। फुगाना थांबा के हरवीर सिंह ने कहा कि जब राजकीय नलकूपों और नहरों से सिंचाई मुफ्त हो सकती है, तो किसानों के निजी ट्यूबवैल को बिजली मुफ्त या कम दर पर क्यों नहीं दिया जा सकता।

गन्ना किसानों की पीड़ा समझे सरकार
खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ना मुख्य फसल है। सरकार को गन्ना किसानों की बेहतरी की तरफ ध्यान देना चाहिए। लंबे समय तक किसानों को बकाया भुगतान नहीं मिलता। जबकि वे जो खाज, बीज लेते हैं, बैंक से कर्ज लेते हैं, उस पर ब्याज बढ़ता जाता है। बिजली दरें बढ़ने से विद्युत बिलों के भुगतान का संकट खड़ा हो रहा है। 

कृषि कानूनों के फायदे गिनाए
भूपेन्द्र चौधरी ने खाप प्रतिनिधियों से भेंट के दौरान कृषि बिलों पर सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि इसमें किसान विरोधी कुछ भी नहीं है। आने वाले समय में निजी क्षेत्र के जरिये ही कृषि निवेश बढ़ाया जा सकता है। नए कृषि कानूनों से बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और किसानों को फसल का ज्यादा रेट मिलेगा।

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