रोहिग्यां को अवैध तरीके से देश में लाने वाले दो गिरफ्तार, फर्जी दस्तावेज कराते थे तैयार, म्यांमार के निवासी हैं आरोपी

बड़ी खबरः रोहिग्यां को अवैध तरीके से देश में लाने वाले दो गिरफ्तार, फर्जी दस्तावेज कराते थे तैयार, म्यांमार के निवासी हैं आरोपी

रोहिग्यां को अवैध तरीके से देश में लाने वाले दो गिरफ्तार, फर्जी दस्तावेज कराते थे तैयार, म्यांमार के निवासी हैं आरोपी

Social Media | जानकारी देते एडीजी प्रशांत कुमार

उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (UP ATS) को सोमवार को बड़ी सफलता हाथ लगी। एटीएस और पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए दो रोहिंग्याओं को उन्नाव और नोएडा से गिरफ्तार किया है। ये दोनों भारत पिछले कई सालों से उन्नाव, अलीगढ़ और नोएडा जैसे शहरों में रहते थे। यहां से ये अवैध रुप से रोहिंग्याओं को एंट्री करवाते थे। ये दोनों संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (UNHCR) में उनका पंजीकरण कराते थे। फिर देश के विभिन्न शहरों में उनके खाने और काम दिलाने की व्यवस्था करता था। ये सभी इसमें महारथी थे और फर्जी दस्तावेज तैयार करवाते थे। शुरुआती जांच में ATS को इन दोनों के देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के सबूत मिले हैं।

म्यांमार के रहने वाले हैं
यूपी के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था-ADG) प्रशांत कुमार ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ATS ने नोएडा से मोहम्मद फारुख और उन्नाव से शाहिद को हिरासत में लिया है। मोहम्मद फारुख का असली नाम हसन अहमद है। वह म्यांमार के आकियाब जिले का निवासी है। दोनों आरोपी सगे भाई हैं। पूछताछ में पता चला है कि इनकी मां और बहन भी अलीगढ़ में रहती हैं। इनका परिवार कुछ साल पहले ही भारत आ गया था और यहीं अवैध रूप से बस गया। 

1600 अवैध लोगों की पहचान हुई है
इनके पास से 5 लाख रुपए नगद और तमाम भारतीय दस्तावेज बरामद हुए हैं। इन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। UP ATS उन सभी लोगों की पहचान कर रही है, जिन्हें बांग्लादेश से भारत लाया गया है। अब तक ऐसे 1600 रोहिंग्याओं को चिन्हित किया गया है। इन सभी की सही स्थिति का पता लगाया जा रहा है। जल्दी ही सबको कानूनी शिकंजे में लाया जाएगा।

इन शहरों में दिलाते थे रोजगार 
प्रदेश के ADG प्रशांत कुमार ने बताया कि पूछताछ में कुछ अहम खुलासे हुए हैं। आरोपियों का बहनोई हुसैन अहमद पूरे परिवार सहित नूह, हरियाणा में रहता है। फारुख ने कबूल किया है कि वह और उसका भाई शाहिद मिलकर रोहिंग्याओं को बांग्लादेश बॉर्डर से अवैध रुप से भारत में घुसाते थे। फिर उनका पंजीकरण कराने के बाद उन्हें अलीगढ़, उन्नाव, मथुरा, नोएडा आदि स्थानों पर मीट फैक्ट्रियों में रोजगार दिलाते हैं। इससे उन्हें मोटी रकम हासिल होती है। इनका गैंग फर्जी पासपोर्ट, पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड जैसे अहम दस्तावेज तैयार करने में महारत रखता है।

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