डाक विभाग ने शुरू की खास पहल, गंगा में कराएगा अस्थियों का विसर्जन, जानें पूरी प्रक्रिया

Meerut News: डाक विभाग ने शुरू की खास पहल, गंगा में कराएगा अस्थियों का विसर्जन, जानें पूरी प्रक्रिया

डाक विभाग ने शुरू की खास पहल, गंगा में कराएगा अस्थियों का विसर्जन, जानें पूरी प्रक्रिया

Tricity Today | डाक ऑफिस

  • - पूर्वजों की अस्थियां गंगा में विसर्जित करने में डाक विभाग करेगा मदद
  • - अस्थि विसर्जन कार्यक्रम का वेबकास्ट भी किया जाएगा
  • - हरिद्वार, वाराणसी, प्रयागराज और गया में होता है विसर्जन
  • - कोरोना काल में लोगों के लिए घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया
  • - अस्थि को पैक कर उस पर गंतव्य स्थान का पता लिखना होगा
MEERUT : कारोना संक्रमण के चलते अपने पूर्वजों की अस्थियां गंगा में विसर्जित करने से वंचित लोगों की मदद अब डाक विभाग करेगा। अस्थि विसर्जन कार्यक्रम का वेबकास्ट भी किया जाएगा। अगर आप तीर्थ स्थल पर जाकर अपने पूर्वजों की अस्थियां विसर्जित करने में सक्षम नहीं हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। कारण है कि अब आपके पूर्वजों को मुक्ति दिलाने में डाक विभाग आपकी मदद करेगा। इसके लिए बस आपको ओम दिव्य दर्शन पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। इसके बाद डाक विभाग न केवल अस्थियों का विसर्जन कराएगा, बल्कि उसका वेबकास्ट भी करेगा।

हजारों वर्ष पुरानी परंपरा है
बता दें कि हिंदू धर्म में पूर्वजों के अस्थि विसर्जन की परंपरा काफी पुरानी है। ऐसा लोग उन्हें मुक्ति दिलाने के लिए करते हैं। इसके लिए लोग श्मशान स्थल से अंतिम संस्कार के बाद बची हुई अस्थियों को कलश में एकत्र करते हैं। फिर उन्हें हरिद्वार, वाराणसी, प्रयागराज अथवा गया ले जाकर विधि विधान से विर्सजन करते हैं। माना जाता है कि गंगा में अस्थि विसर्जन से पूर्वजों को मृत्युलोक से मुक्ति मिल जाती है और वे स्वर्ग लोक चले जाते हैं। आम दिनों में लोग स्थानीय घाटों पर दाह संस्कार करने के बाद अपने पूर्वज की अस्थियां चुन लेते थे। फिर उन्हें तीर्थ स्थानों पर ले जाकर उनका विसर्जन गंगा में करते थे। 

अस्थियों को भेजना होगा
कोरोना काल में लाकडाउन के चलते लोगों के लिए घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया। ऐसे में तमाम लोग जो खुद की व्यवस्था से तीर्थ स्थल जाने में अक्षम हैं, उन्होंने अस्थि एकत्र करना ही छोड़ दिया। इस परम्परा को आगे बढ़ाने में मदद के लिए अब डाक विभाग आगे आया है। डाक विभाग के ओम दिव्य दर्शन पोर्टल पर पंजीकरण करवाकर कोई भी व्यक्ति अस्थियां तीर्थ स्थानों पर भेज कर विसर्जन करवा सकता है। पंजीकरण के बाद अस्थि का पैकेट स्पीड पोस्ट से भेजना होगा। ओम दिव्य दर्शन के जरिए अस्थि विसर्जन एवं श्राद्ध संस्कार कराया जाएगा। निर्धारित समय व तिथि पर इसका वेबकास्ट भी किया जाएगा। इसके लिए अलग से कोई शुल्क नहीं देना होगा। 

लाइव टेलीकास्ट करेगा विभाग
मेरठ कैंट डाकघर के डिप्टी सुपरिटेंड रामनाथ ने बताया कि अस्थि को पैक कर उस पर गंतव्य स्थान का पता लिखना होगा। इसके बाद प्रेषक अपना पूर्ण पता नाम, मोबाइल नंबर इत्यादि लिखेगा। स्पीड पोस्ट का चार्ज देना होगा फिर उसे उसके स्थान पर भेज दिया जाएगा। इसके बाद उसका विसर्जन निर्धारित स्थान पर कराया जाएगा। जिसका संस्था की तरफ से व्हाट्सएप के माध्यम से या संस्था की वेबसाइट से अस्थि विसर्जन को भेजने वाले को लाइव टेलीकास्ट भी कराया जाएगा। ओम दिव्य दर्शन की ओर से उसे एक बोतल गंगाजल भी दिया जाएगा।

 

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