नौचंदी एक्सप्रेस के 100 से अधिक यात्रियों ने रद्द किए रिजर्वेशन, 150 ने टिकट लौटाए, जानिए क्यों... 

मेरठ से बड़ी खबर : नौचंदी एक्सप्रेस के 100 से अधिक यात्रियों ने रद्द किए रिजर्वेशन, 150 ने टिकट लौटाए, जानिए क्यों... 

नौचंदी एक्सप्रेस के 100 से अधिक यात्रियों ने रद्द किए रिजर्वेशन, 150 ने टिकट लौटाए, जानिए क्यों... 

Tricity Today | प्रदर्शन

Meerut News (सचिन) : मेरठ के सिटी स्टेशन पर रविवार की शाम हंगामे की स्थिति बन गई। मेरठ से लखनऊ के बीच चलने वाली नौचंदी एक्सप्रेस ट्रेन पर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने कब्जा कर लिया। इस दौरान भाकियू के कार्यकर्ता ट्रेन के रिज़र्व डिब्बों में जाकर बैठ गए। जिसके कारण ट्रेन में यात्रियों को बैठने की जगह नहीं मिली। इससे परेशान होकर ट्रेन के लगभग 100 से अधिक यात्रियों ने अपना रिजर्वेशन रद्द करा दिया और डेढ़ सौ से अधिक यात्रियों ने टिकट को वापस कर दिया। इस दौरान भाकियू के कार्यकर्ताओं की रेलवे पुलिस और रेलवे अधिकारियों से भी नोकझोंक हुई। यह सभी कार्यकर्ता सोमवार को लखनऊ में आयोजित किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए जा रहे थे।

आरक्षित डिब्बों में जबरन घुसे भाकियू कार्यकर्ता
लखनऊ में सोमवार को भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों की महापंचायत का आयोजन किया गया है। महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए मेरठ सहित मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत और अन्य जिलों से काफी संख्या में भाकियू कार्यकर्ता काफी रविवार शाम मेरठ के रेलवे सिटी स्टेशन पर एकत्र हो गए। इसके बाद जैसे ही ट्रेन प्लेटफार्म पर लगी, तो सभी कार्यकर्ता ट्रेन में जबरन घुसने लगे। इस दौरान भाकियू कार्यकर्ता ट्रेन के आरक्षित डिब्बों में भी जाकर बैठ गए। जिसके कारण जिन यात्रियों ने रिजर्वेशन करा रखा था, उन यात्रियों को भी सीट नहीं मिली। ट्रेन में ऐसी स्थिति हो गई कि यात्री काफी परेशान हो गए। इस हंगामे को देखकर बहुत से यात्रियों ने सफर करना उचित नहीं समझा। इसके बाद 100 से अधिक यात्रियों ने अपना रिजर्वेशन रद्द करा दिया और डेढ़ सौ से अधिक यात्रियों ने खरीदे गए टिकट को वापस कर दिया। इसके अलावा बहुत से यात्री धक्का मुक्की और हंगामा के कारण भी ट्रेन में सवार नहीं हो सके।

रिजर्वेशन होने के बाद भी बिना सीट के तय करना पड़ा सफर
भाकियू कार्यकर्ता ट्रेन के आरक्षित डिब्बों में घुस गए और सीटों पर बैठ गए। इसके बाद रेलवे पुलिस फोर्स ने भाकियू कार्यकर्ताओं को आरक्षित डिब्बों की सीटों से हटाने का प्रयास किया, मगर वह नहीं उठे। इसके बाद कार्यकर्ताओं और रेलवे पुलिस के बीच काफी नोकझोंक भी हो गई। स्टेशन अधीक्षक के अनुसार भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं की संख्या अधिक थी। जिसके कारण बहुत से यात्रियों को सीट नहीं मिल सकी और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं, इस मामले में भाकियू के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों का कहना है कि कार्यकर्ताओं के अधिक संख्या को देखते हुए पहले से ट्रेन में अतिरिक्त कोच बढ़ाने की भी मांग की गई थी, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हुई। इस कारण ट्रेन में आम यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

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