मुख्तार अंसारी से जुड़े सारे मुकदमें दिल्ली ट्रांसफर होंगे! 4 मार्च को होगी सुनवाई, सॉलिसिटर जनरल बोले-‘फिल्मी स्क्रिप्ट जैसी है दलील’

बड़ी खबर: मुख्तार अंसारी से जुड़े सारे मुकदमें दिल्ली ट्रांसफर होंगे! 4 मार्च को होगी सुनवाई, सॉलिसिटर जनरल बोले-‘फिल्मी स्क्रिप्ट जैसी है दलील’

मुख्तार अंसारी से जुड़े सारे मुकदमें दिल्ली ट्रांसफर होंगे! 4 मार्च को होगी सुनवाई, सॉलिसिटर जनरल बोले-‘फिल्मी स्क्रिप्ट जैसी है दलील’

Google Image | अंसारी ने मामले दिल्ली ट्रांसफर करने की अपील की है

उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को पंजाब से उत्तर प्रदेश भेजने संबंधी याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। हालांकि सुनवाई पूरी न हो सकी। गुरुवार को फिर से मामले में दोनों पक्ष अपनी दलीलें पेश करेंगे। बुधवार को दोनों राज्य सरकारों तथा मुख्तार अंसारी के वकील के बीच तीखी नोकझोंक हुई। बुधवार को सुनवाई की शुरुआत गबन के एक मामले से शुरू हुई। इसमें मुख्तार अंसारी के बेटों अब्बास और उमर के खिलाफ यूपी सरकार की याचिका सुनने से उच्चतम न्यायालय ने मना कर दिया। इसमें यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाइकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें दोनों की गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई थी। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी की खंड पीठ गुरुवार को भी मामले की सुनवाई जारी रखेगी।

जान को बताया खतरा
मुख्तार अंसारी की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने खंड पीठ के समक्ष दलील दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में उनके मुवक्किल की जान को खतरा है। उन्होंने कहा कि मुख्तार पांच बार विधायक रहे हैं और उनकी जिंदगी को जोखिम में नहीं डाला जा सकता। वरिष्ठ अधिवक्ता ने उदाहरण देते हुए कहा कि मुख्तार के सह-आरोपी रहे मुन्ना बजरंगी को राज्य की एक जेल से दूसरी जेल ले जाते वक्त मार दिया गया था। 

दिल्ली ट्रांसफर किए जाएं मुकदमें
उन्होंने दलील दी कि अगर उनके क्लाइंट के पंजाब की जेल में होने से परेशानी है, तो उनके खिलाफ सभी मुकदमों को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया जाए। खंड पीठ ने इन दलीलों पर विचार किये जाने का भरोसा दिया। उत्तर प्रदेश सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह पूरा मामला फिल्मी साज़िश जैसा है। पहले पंजाब में एक केस दर्ज करवाया गया, फिर पंजाब पुलिस उत्तर प्रदेश की बांदा जेल पहुंची। कानून के जानकार बांदा जेल अधीक्षक ने अदालत से इजाज़त लिये बिना उसे पंजाब पुलिस को सौंप दिया।
 
पंजाब पुलिस पर संरक्षण देने का आरोप
तुषार मेहता ने पंजाब पुलिस और मुख्तार के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस ने अंसारी के खिलाफ जो मामला दर्ज किया है, वह हैरान करने वाला है। पंजाब पुलिस को एक व्यापारी ने शिकायत दी थी। उसमें कहा था कि किसी अंसारी ने उन्हें रंगदारी के लिए कॉल किया था। अगर यह कॉल वाकई मुख्तार ने ही किया था, तो जनवरी, 2019 से लेकर अब तक पंजाब पुलिस ने आरोप पत्र क्यों नहीं दाखिल किया?

60 दिन बाद ले सकता था बेल
गिरफ्तारी के 60 दिन के बाद अंसारी डिफॉल्ट बेल ले सकता था। लेकिन दो साल से न पंजाब पुलिस कोई आगे की कार्रवाई कर रही है, न मुख्तार ज़मानत की अर्जी दे रहा है। यह न्यायिक प्रक्रिया का मज़ाक है। सॉलिसिटर जनरल ने अनुरोध किया कि वह न्याय के हित में अपनी विशेष शक्ति का इस्तेमाल करें। आरोपी को वापस उत्तर प्रदेश की जेल भेजने का आदेश दें। इतना ही नहीं, पंजाब में दर्ज मुकदमें को भी उत्तर प्रदेश स्थानांतरित किया जाए।

सिर्फ नागरिक होने की वजह से यूपी नहीं भेज सकते
पंजाब सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि राज्य सरकार को किसी अपराधी से कोई सहानुभूति नहीं। लेकिन, यूपी सरकार की दलील तकनीकी रूप से गलत है। कोई किसी राज्य का नागरिक है, इसलिए उसे उसी राज्य में नहीं भेजा जा सकता। दवे ने कहा कि ऐसे तो कहा जा सकता है कि हाथरस में हिंसा भड़काने के आरोपी केरल के पत्रकार सिद्दीक को उत्तर प्रदेश से केरल भेज दिया जाए। खंडपीठ ने सभी की दलीलें ध्यानपूर्वक सुनीं। हालांकि सुनवाई आज पूरी नहीं हो सकी और गुरुवार को भी जारी रहेगी।

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