कानपुर में क्रोमियम कचरे के लिए कंपनियां जिम्मेदार, जवाबदेही तय करे सरकार, एनजीटी ने दिया निर्देश

प्रदूषण : कानपुर में क्रोमियम कचरे के लिए कंपनियां जिम्मेदार, जवाबदेही तय करे सरकार, एनजीटी ने दिया निर्देश

कानपुर में क्रोमियम कचरे के लिए कंपनियां जिम्मेदार, जवाबदेही तय करे सरकार, एनजीटी ने दिया निर्देश

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राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) को एक निर्देश दिया है। इसमें कहा गया है कि यूपीपीसीबी कानपुर में क्रोमियम कचरे के अवैध भंडारण की वजह से पर्यावरण को हुए नुकसान के लिए कपड़ा और रासायनिक इकाइयों की जवाबदेही तय करे। एनजीटी कुछ औद्योगिक इकाइयों की तरफ से दायर की गयी याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। मामले की सुनवाई के लिए एक पीठ का गठन किया गया था। सुनवाई के दौरान इसी पीठ ने प्रदूषण और उसकी जिम्मेदारी तय करने के संबंध में यह टिप्पणी की। 

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ कानपुर में प्रदूषण से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इसी दौरान पीठ ने कहा कि जब 14 साल पहले पर्यावरण मानदंडों का उल्लंघन शुरू हुआ था, तब यूपीपीसीबी कार्रवाई करने में नाकाम रहा। पीठ ने कहा कि प्रभावित पीड़ितों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निष्क्रियता की भारी कीमत चुकानी पड़ी। पर यह नुकसान इतना ज्यादा न हो जाए कि उसकी भरपाई न की जा सके। प्रदूषण की वजह से पर्यावरण और लोक स्वास्थ्य को लगातार हानि हो रही है। संस्था इसकी पूर्ण जिम्मेदारी लेने से पीछे नहीं हट सकती। पीठ ने कहा कि इस सिद्धांत को लागू किया जाना जरूरी है कि ''प्रदूषण फैलाने वाला भुगतान करे।“

पीठ ने कहा कि कानपुर देहात में क्रोमियम कचरे की वजह से पर्यावरण और लोक स्वास्थ्य को भारी क्षति हो रही है। ऐसे खतरनाक कचरे के लिए जिम्मेदार लोग अपनी जवाबदेही से नहीं बच सकते। खतरनाक कचरे की वजह से भूमिगत जल जहरीला हो गया है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अपीलकर्ताओं को अवसर देना चाहिए। पर इसके बाद तीन महीने के अंदर जवाबदेही तय हो जानी चाहिए। जब तक ऐसा नहीं किया जाएगा, तब तक कठोर कदम नहीं उठाए जा सकते हैं। एनजीटी कुछ औद्योगिक इकाइयों की तरफ से दायर की गयी याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। इसी दौरान पीठ ने यह फैसला दिया।

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