लखनऊ चिड़ियाघर में अब इस खुबसूरत और खतरनाक नई प्रजाति को देख सकेंगे, खास ढंग से करती है शिकार

कुछ हटके : लखनऊ चिड़ियाघर में अब इस खुबसूरत और खतरनाक नई प्रजाति को देख सकेंगे, खास ढंग से करती है शिकार

लखनऊ चिड़ियाघर में अब इस खुबसूरत और खतरनाक नई प्रजाति को देख सकेंगे, खास ढंग से करती है शिकार

Google Image | लखनऊ चिड़ियाघर

चिड़ियाघर घूमने के शौकीन लोगों के लिए बड़ी खबर है। लखनऊ स्थित वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) के मछलीघर समुद्री एक्वेरियम में एक नए प्रजाति के सदस्य को जगह दी गई है। राजधानी लखनऊ के समुद्री एक्वेरियम में अब पर्यटक रेड हॉक मछली को तैरते हुए देख सकेंगे। जलीय जीवों को देखने के शौकीन लोगों के लिए यह विशेष रोमांचक होगा। दरअसल रेड हॉक एक खास प्रजाति की मछली है, जो बिना शरीर हिलाए अपनी आंख को चारों तरफ घुमा सकती है। 

यह देश के सुदूर दक्षिण क्षेत्र मंडपम (रामेश्वर) में बहुतायत में पाई जाती हैं। हालांकि इनकी कुछ एक प्रजातियां देश के दूसरे हिस्सों में भी दिखाई देती हैं। तमिल लोग इस मछली को परंटू कहते हैं। उद्यान के निदेशक एके सिंह ने गुरुवार को इस बारे जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस मछली के आने से एक्वेरियम में जलीय जीवों की प्रजातियों में वृद्धि हुई है। अब चिड़ियाघर में समुद्री एक्वेरिम का मुख्य आकर्षण लॉयन फिश को रखा गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक इसके तंतुओं के चुभ जाने से मात्र से किसी की जान भी जा सकती है। 

इसके अलावा एक्वेरियम कारपेट एनीमोन भी रखे गये हैं, जोकि जलीय जीव हैं और फूल की तरह दिखते हैं। यह प्रजाति भी बेहत खतरनाक होती है। यह एनीमोन क्लाउन फिश और डैमशिल को छोड़ कर अन्य मछलियों को पलक-झपकते ही खा जाते हैं। हालांकि इन मछलियों की न ही आंख होती है, न ही इनके कान होते हैं। यह मछलियां अपनी त्वचा की संवेदनशीलता से शिकार का पता लगाती हैं। यह यदि हमारी त्वचा के सम्पर्क में आ जाये, तो खाल तक उतार लेती हैं। पर्यटकों के लिए एक्वेरियम में नीले रंग की खूबसूरत येलो टेल डैमसिल मछली भी रखी गयी है।

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