बांके बिहारी को उनकी बहनों ने भेजी हजारों राखिया, साथ ही पत्र में लिख कर बताई अपनी परेशानियां

मथुरा : बांके बिहारी को उनकी बहनों ने भेजी हजारों राखिया, साथ ही पत्र में लिख कर बताई अपनी परेशानियां

बांके बिहारी को उनकी बहनों ने भेजी हजारों राखिया, साथ ही पत्र में लिख कर बताई अपनी परेशानियां

Google Image | Banke Bihari

Mathura : मथुरा रक्षा बंधन 11 अगस्त को है। इस पर्व पर बहन अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लम्बी उम्र की कामना करती है। भाई भी बहन की रक्षा का वचन देते हैं। कई बहने भगवान कृष्ण को अपना भाई मानती है। वृंदावन में भगवान बांके बिहारी मंदिर में देशभर से 10 हजार राखिया आ चुकी है। महाराष्ट्र के पुणे से भी एक अनूठी राखी आई है। राखी के साथ चावल मेवा के अलावा दो रेनकोट भी है। साथ में एक चिट्ठी भी है जो ठाकुर जी के लिए लिखी गई हैं। 

मंदिर के कर्मचारियों ने जब रेनकोट देखा तो बह अचंभित हुए मंदिर के कर्मचारी दिनेश ने राखी के साथ आय पत्र को जब पढ़ा तो बहन की भावना देख भाव विभोर हो गए। चिठ्ठी में लिखा है सपने में देखा की बिहारी जी और राधा रानी निधिवन में रास कर रहे हैं। उसी दौरान बारिश हो जाती है जिसमे दोनो भीग गए। निधिवन जाते समय और रास रचाते समय ठाकुर जी और राधारानी  बरसात में न भीगे इस लिए रेन कोट भेज रही हूं। 

वृंदावन में स्थित विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में इन राखियों के साथ ही पत्र भी आ रहे है। जिनमे बहनों ने अपने भाव लिखे है इन पत्रों में किसी ने समस्या लिखी है तो किसी ने भगवान बांके बिहारी को लाड लडाया है। जो बहन इस बार रक्षाबंधन पर वृंदावन नही आ पा रही है बो भगवान को ताना मारते हुए लिख रही है की इस बार बहन को क्यों नहीं बुलाया बहनों ने पत्र में लिखा की कोई बात नही वह जल्द आएगी, लेकिन शुभ घड़ी में राखी बांधना। भगवान बांके बिहारी को भेजे जा रहे पत्रों में बहनों ने अपना दर्द भी भगवान से सांझा किया है। पंजाब से आए एक पत्र में लिखा है की मां को कैंसर है दो स्टेज हो चुकी है बांके बिहारी भईया मां को राहत दो। 

दिल्ली से आए एक पत्र में लिखा है कि छोटी बहन बहुत परेशान हैं। उसके ससुराल वाले प्रताड़ित करते है। बहन का न ऑफिस में मन लग रहा ना एग्जाम में भईया बांके बिहारी बहन का एग्जाम अच्छे से करा देना उसे 85% माक्स दिला देना। बही मंदिर के उप प्रबंधक उमेश सारस्वत ने जानकारी देते हुए बताया कि राखी भेजने का यह सिलसिला रक्षा बंधन से एक महीने पहले से सुरु हो जाता है। हजारों की संख्या में भगवान के लिए राखिया आती है। मंदिर पहुंची इन राखियों को सुबह से लेकर श्याम तक भगवान को बांधा जाएगा।

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