यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत 12 नेताओं का कार्यकाल 30 जनवरी को होगा पूरा, चुनाव आयोग ने तैयारी शुरू की

विधान परिषद चुनाव यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत 12 नेताओं का कार्यकाल 30 जनवरी को होगा पूरा, चुनाव आयोग ने तैयारी शुरू की

यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत 12 नेताओं का कार्यकाल 30 जनवरी को होगा पूरा, चुनाव आयोग ने तैयारी शुरू की

Google Image | 12 सदस्यों की विधान परिषद की सदस्यता 30 जनवरी को समाप्त हो जाएगी

उत्तर प्रदेश के डिप्टी चीफ मिनिस्टर दिनेश शर्मा और यूपी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत 12 नेताओं का विधान परिषद में कार्यकाल 30 जनवरी को पूरा होने जा रहा है। इन लोगों को एक बार फिर चुनाव लड़कर सदन पहुंचना होगा। इन 12 सीटों का चुनाव उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य करेंगे। जिसके लिए भारत निर्वाचन आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। आयोग की तरफ से यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजकर प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया गया है।

भारत निर्वाचन आयोग के अंडर सेक्रेट्री प्रफुल्ल अवस्थी ने उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर बताया है कि यूपी विधान परिषद के 12 सदस्यों का कार्यकाल 30 जनवरी को पूरा हो रहा है। कार्यकाल पूरा होने से पूर्व इनके रिक्त पदों पर चुनाव प्रक्रिया पूरी करवाई जानी है। इसके लिए रिटर्निंग ऑफिसर और सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है। विधान परिषद के इन 12 सदस्यों का चुनाव उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्यों को करना है।

जिन 12 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल 30 जनवरी को पूरा होने वाला है, उनमें उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता अहमद हसन, समाजवादी पार्टी के गाजियाबाद से एमएलसी आशु मलिक, बहुजन समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता धर्मवीर सिंह अशोक, बहुजन समाज पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर नसीमुद्दीन सिद्दीकी, बहुजन समाज पार्टी के सीनियर नेता प्रदीप कुमार जाटव, समाजवादी पार्टी के एमएलसी और यूपी विधान परिषद के सभापति रमेश यादव, राम जतन, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, वीरेंद्र सिंह, उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और साहब सिंह सैनी शामिल हैं।

आपको बता दें कि बहुजन समाज पार्टी के कद्दावर नेता और मायावती सरकार में कैबिनेट में मिनिस्टर रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी बहुजन समाज पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उस दौरान वह बसपा के विधान परिषद सदस्य थे। बसपा ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी को दल बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित करने की याचिका दायर की थी। जिस पर इसी साल 21 जुलाई को विधान परिषद के सभापति ने आदेश जारी किया था।

नसीमुद्दीन सिद्दीकी को अयोग्य घोषित किया गया है। अयोग्यता के चलते उनकी सीट रिक्त घोषित कर दी गई थी। अब नसीमुद्दीन सिद्दीकी की खाली हुई सीट पर भी चुनाव करवाया जाएगा। नसीमुद्दीन सिद्दीकी फिलहाल कांग्रेस में हैं और पिछला लोकसभा चुनाव उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर बिजनौर से लड़ा था। कांग्रेस के पास फिलहाल इतनी संख्या में विधायक नहीं है कि उन्हें दोबारा विधान परिषद भेजा जा सके। मौजूदा गणित के हिसाब से समाजवादी पार्टी भी अपने कई नेताओं को दोबारा विधान परिषद नहीं भेज पाएगी।

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