इसलिए नेताजी को कहा 'मुल्ला मुलायम', एक आदेश पर हुई थी 28 हिंदुओं की मौत

Mulayam Singh Yadav : इसलिए नेताजी को कहा 'मुल्ला मुलायम', एक आदेश पर हुई थी 28 हिंदुओं की मौत

इसलिए नेताजी को कहा 'मुल्ला मुलायम', एक आदेश पर हुई थी 28 हिंदुओं की मौत

Tricity Today | Mulayam Singh Yadav

Mulayam Singh Yadav : वह 6 दिसंबर 1992 का दिन अयोध्या वाली कभी नहीं भूल सकते। जब मुलायम सिंह के आदेश पर पुलिस ने फायरिंग की थी और इस घटना में 28 लोगों की मौत हो गई थी। यह सभी लोग अयोध्या की तरफ कुछ कर रहे थे। भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी के आवाहन पर सैकड़ों की संख्या में राम मंदिर के पक्ष में हिंदू अयोध्या की तरफ कूच कर रहे थे। उसी दौरान मुलायम सिंह यादव ने दावा किया कि उनकी इजाजत के बिना अयोध्या में एक परिंदा भी पर नहीं मार सकता है, जिसके बाद उन्होंने अयोध्या की तरफ जा रहे कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश पुलिस को दिया था। इस घटना में 28 हिंदुओं की मौत हो गई थी।

रथ यात्रा अयोध्या तक जानी थी
अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए वह काला दिन था। जब भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या के लिए रथयात्रा निकालने का ऐलान किया था। हजारों की संख्या में सेवक इकट्ठा हो गए और अयोध्या की तरफ बढ़ने लगे। बाबरी मस्जिद पर कार सेवा के लिए 30 अक्टूबर 1990 की तारीख तय की गई थी। काफी विशाल संख्या में यह रथ यात्रा अयोध्या तक जानी थी।

और ऐसे 'मुल्ला मुलायम' बने
बताया जाता है कि आडवाणी की यात्रा को इससे पहले लालू प्रसाद यादव ने बिहार में रोका था, लेकिन कारसेवकों का अयोध्या जाना चालू रहा। अयोध्या उस समय पहली बार राम नगरी किले में तब्दील हो गई। जैसे ही कारसेवक अयोध्या पहुंचे, सुरक्षाकर्मियों के साथ उनकी झड़प शुरू हो गई थी। बीते 30 अक्टूबर की दोपहर मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने बेकाबू हो रहे कारसेवकों पर फायरिंग का आदेश दे दिया। उस दौरान फायरिंग में 2 नवंबर को 28 कारसेवक मारे गए थे। उसके बाद से ही नेताजी को मुल्ला मुलायम कहा जाने लगा।

घर में तीसरे नंबर के थे मुलायम सिंह यादव
मुलायम सिंह यादव का जन्म यूपी के इटावा जिले में स्थित सैफई गांव में 22 नवंबर 1939 को हुआ था। मुलायम सिंह के पिता का नाम सुघर सिंह यादव और माता का नाम मूर्ति देवी था। मुलायम सिंह 5 भाई और एक बहन है। मुलायम सिंह के सबसे बड़े भाई का नाम अभय राम यादव, इसे छोटे भाई का नाम रतन सिंह यादव, उसके बाद मुलायम सिंह यादव, चौथे नंबर पर राजपाल सिंह यादव और सबसे छोटे शिवपाल सिंह यादव है। पांच भाइयों की एक बहन है, जिनका नाम कमला देवी यादव है।

नेताजी पर लिखी कई किताबें
मुलायम सिंह पर कई पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं। इनमे पहला नाम "मुलायम सिंह यादव- चिन्तन और विचार" का है, जिसे अशोक कुमार शर्मा ने सम्पादित किया था। इसके अतिरिक्त राम सिंह और अंशुमान यादव द्वारा लिखी गई "मुलायम सिंह: ए पोलिटिकल बायोग्राफी" अब उनकी प्रमाणिक जीवनी है। लखनऊ की पत्रकार डॉ.नूतन ठाकुर ने भी मुलायम सिंह के सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक महत्व को रेखांकित करते हुए एक पुस्तक लिखने का कार्य किया है।

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