नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर सीमावर्ती राज्यों से आने वालों पर रहेगी पैनी नजर, तेज होगी जिनोम सीक्वेंसिंग

उत्तर प्रदेश : नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर सीमावर्ती राज्यों से आने वालों पर रहेगी पैनी नजर, तेज होगी जिनोम सीक्वेंसिंग

नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर सीमावर्ती राज्यों से आने वालों पर रहेगी पैनी नजर, तेज होगी जिनोम सीक्वेंसिंग

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दुनिया के कई देशों में सामने आया कोविड-19 का नया वेरिएंट जिसे ओमिक्रॉन नाम दिया गया है। भारत में भी कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की पुष्टि होने पर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य की सीमाओं पर सतर्कता बढ़ा दी है। राज्य की सीमा से लगे राज्यों से प्रदेश में आने वालों पर पैनी नजर रखी जाएगी। सीएम योगी ने संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) और केजीएमयू में जीनोम सीक्वेंसिंग को तेज करने के आदेश दिए हैं। वहीं बाहर से आए संदिग्ध लोगों की तत्काल आरटीपीसीआर जांच की जाएगी। संक्रमित पाए जाने पर उनका कोविड प्रोटोकॉल के तहत इलाज कराया जाएगा।

देश में कर्नाटक के बाद हैदराबाद में मिले नए ओमिक्रान वैरिएंट के कारण सबसे अधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन के साथ ही बस स्टॉप पर यात्रियों की जांच किए जा रहे हैं। कोरोना वायरस की पहली लहर में जांच की सुविधाएं बेहद सीमित थी। मगर अब यूपी में करीब ढाई लाख सैंपलों की जांच रोज किए जाने की क्षमता है। प्रदेश के कई जिलों में बीएसएल-2 लैब खोली गई हैं। प्रदेश में बीएचयू, सीडीआरआई, आईजीआईबी, राम मनोहर लोहिया संस्‍थान, एनबीआरआई में नए वेरिएंट की जांच जरूरत पड़ने पर की जा सकती है। 

कोविड के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को देखते हुए अब प्रदेश में जीनोम सीक्वेंसिंग की रफ्तार को बढ़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान पीजीआई के साथ केजीएमयू में जिनोम परीक्षण को तेज करने की निर्देश दिए है। राजधानी लखनऊ के एनबीआरआई में कोरोना की पहली लहर के बाद ही नए वेरिएंट की जांच शुरू की थी। जिसमें 45 सैंपल जांचे गये थे। अब संभावित तीसरी लहर को देखते बीएचयू, केजीएमयू, सीडीआरआई व आईजीआईबी में नए वेरिएंट के जीनोम परीक्षण की प्रक्रिया की जा सकती है जिससे प्रदेश में किसी तरह की लहर पर जांच प्रक्रिया रफ्तार पकड़ेगी। वैज्ञानिक और डॉक्टर्स भी इसकी पहचान करने, जीनोमिक सर्विलांस करने, वायरस के बारे में साक्ष्य जुटाने और इलाज को और बढ़ाने में जुट गए हैं।

टेस्टिंग का दायरा बढ़ाने पर फोकस
स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉक्टर वेदव्रत सिंह के मुताबिक प्रदेश में फोकस टेस्टिंग के दायरे को बढ़ाते हुए स्‍क्रीनिंग, सर्विलांस करने, जांच को तेजी से बढ़ाया जा रहा है। कर्नाटक के बाद हैदराबाद में मिले नए वेरिएंट के चलते सर्वाधिक आबादी वाले यूपी में अधिक सर्तकता बरती जा रही है। उन्‍होंने बताया कि प्रदेश में बीएसएल-2 आरटीपीसीआर प्रयोगशालाओं का संचालन किया जा रहा है। भारत सरकार स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है और समय-समय पर इससे संबंधित गाइडलाइन जारी कर रही है।

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