बार-बार शिकायत करने पर आवंटी पर ठोका जुर्माना, अफसर बोले- ऐसा नहीं होता है

यूपी रेरा का पहली बार ऐसा एक्शन : बार-बार शिकायत करने पर आवंटी पर ठोका जुर्माना, अफसर बोले- ऐसा नहीं होता है

बार-बार शिकायत करने पर आवंटी पर ठोका जुर्माना, अफसर बोले- ऐसा नहीं होता है

Google Image | यूपी रेरा

Lucknow News : उत्तर प्रदेश आवासीय भूमि विवाद प्रशामन प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने आवंटियों द्वारा लगातार शिकायतें दायर करने और न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करने पर कड़ी कार्रवाई की है। इस तरह का मामला पहली बार सामने आया है, जब रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने शिकायतकर्ता पर 5,000 रुपये का भारी जुर्माना लगाया है।  

क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, एक आवंटी ने एक ही मामले में रेरा में चार अलग-अलग शिकायतें दायर कीं। इनमें से तीन शिकायतों का निपटारा पहले ही हो चुका था। पहली शिकायत में विलंब पर ब्याज के साथ कब्जा दिलाने का आदेश दिया गया था। दूसरी शिकायत में 50,000 रुपये मुआवजे का भुगतान करने को कहा गया था, जबकि तीसरी शिकायत को खारिज कर दिया गया क्योंकि आवंटी को पहले ही कब्जा मिल चुका था।

अध्यक्ष भूसरेड्डी का बड़ा बयान
इसके बावजूद आवंटी ने चौथी बार उसी मामले में शिकायत दायर की, जिस पर पहले ही निर्णय आ चुका था। साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान भी उसका व्यवहार अनुचित पाया गया। इस संबंध में अध्यक्ष भूसरेड्डी ने कहा, "यूपी रेरा देश के लगभग 40 प्रतिशत शिकायतों का बोझ अकेले झेल रहा है। यदि कोई आवंटी इस तरह से बार-बार रेरा की पीठों का समय बर्बाद करता है, तो उन आवंटियों को न्याय मिलने में देरी होगी जिनकी समस्याएं वास्तविक हैं।"

अब ठोका 5,000 रुपये का जुर्माना
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का हवाला देते हुए भूसरेड्डी ने कहा कि पक्षकारों को न्यायालय के सामने सच्ची नीयत से आना चाहिए। किसी भी पक्षकार को कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने या न्यायालय का समय बर्बाद करने की अनुमति नहीं है। इसी आधार पर उन्होंने शिकायतकर्ता पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया।  यह मामला उन आवंटियों के लिए एक चेतावनी है जो बिना वजह शिकायतें दायर करते हैं और न्यायिक प्रणाली का दुरुपयोग करते हैं। यूपी रेरा आवंटियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन यह भी सुनिश्चित करेगा कि किसी भी पक्ष द्वारा कानून की प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल न हो और न्यायालय का समय बर्बाद न किया जाए।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.