Lucknow/Greater Noida : उत्तर प्रदेश के बिल्डरों से जुड़ी बड़ी खबर है। राज्य के भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने 13 बिल्डरों पर 1 करोड़ 39 लाख रुपये से अधिक अर्थदंड लगाया है। यूपी रेरा की 104वीं बैठक गुरुवार को राजीव कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में देखा गया कि प्रोमोटरों ने प्राधिकरण के आदेशों का अनुपालन किया या नहीं। प्राधिकरण ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि पर्याप्त समय देने के बाद भी कुछ प्रोमोटरों प्राधिकरण के आदेशों का अनुपालन नहीं कर रहे हैं।
प्राधिकरण अपने आदेशों के कार्यान्वन करवाने और आवंटियों को शीघ्र न्याय दिलाने का लगातार प्रयास कर रहा है और दोषी प्रमोटर्स के विरुद्ध अर्थदंड की कार्यवाही की जा रही है। यूपी रेरा के सचिव राजेश कुमार त्यागी ने कहा कि बिल्डरों को प्राधिकरण के आदेशों का त्वरित अनुपालन करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। इस दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है। सचिव ने आगे बताया कि प्राधिकरण ने अपने आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करवाने और होमबायर्स के हितों का संरक्षण करने के लिए 13 प्रमोटरों के विरुद्ध अर्थदंड लगाने का फैसला किया है।
राजेश त्यागी ने कहा, "प्राधिकरण द्वारा यह दण्डादेश रेरा अधिनियम की धारा 38/63 के अंतर्गत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। जिसमें प्राधिकरण के आदेशों का उल्लंघन करने वाले प्रमोटरों पर परियोजना की लागत के 5 प्रतिशत तक का अर्थदंड लगाने का प्राविधान है। उत्तर प्रदेश रेरा ने सम्बंधित प्रोमोटरों को अपने आदेशों की अनुपालन रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर प्रस्तुत करने तथा अर्थदंड की धनराशि एक माह के अंदर जमा करने का निर्देश दिया है। ऐसा न कर पाने की स्थिति में अर्थदंड की धनराशि को भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूल कराया जाएगा।
उत्तर प्रदेश रेरा के अध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश रेरा घर खरीदारों के हितों के प्रति असंवेदनशील प्रमोटर्स के विरुद्ध लगातार कड़े फैसले ले रहा है। रेरा प्राधिकरण घर खरीदारों के हितों के संरक्षण हेतु पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है और रेरा अधिनियम के अनुसार प्रदेश के रियल एस्टेट सेक्टर को विनियमित करने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।