सीएम ने कहा- प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सड़कों के निर्माण में आई तेजी, प्रदेश में हुई 4-लेन इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी और बेहतर

Uttar Pradesh : सीएम ने कहा- प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सड़कों के निर्माण में आई तेजी, प्रदेश में हुई 4-लेन इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी और बेहतर

सीएम ने कहा- प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सड़कों के निर्माण में आई तेजी, प्रदेश में हुई 4-लेन इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी और बेहतर

Tricity Today | Chief Minister Yogi Adityanath

Uttar Pradesh : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को इण्डियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) के 81वें वार्षिक अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में वर्ष 2014 के बाद से देश में आधारभूत अवसंरचना के निर्माण को एक अभियान के रूप में आगे बढ़ाया गया। इन आधारभूत अवसंरचनाओं के निर्माण व विकास में केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री  नितिन गडकरी का महत्वपूर्ण योगदान है। नितिन गडकरी के द्वारा दिए गए मॉडल अत्यन्त उपयोगी साबित हुए हैं। श्रद्धेय स्व अटल बिहारी वाजपेयी ने देश में विश्वस्तरीय हाई-वे निर्मित करने की प्रेरणा प्रदान की और स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के माध्यम से देश के रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया था। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों को बनाना प्रारम्भ हुआ था। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विगत 8 वर्षों में देश में आधारभूत अवसंरचना के निर्माण में तेजी आई है।

प्रदेश में राज्य सरकार ने 4-लेन इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी को बेहतर किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने विगत साढ़े पांच वर्षों में प्रदेश में विभिन्न आधारभूत अवसंरचनाओं के निर्माण की कार्यवाही को आगे बढ़ाया है। 25 करोड़ प्रदेशवासियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने तथा उनकी आय में वृद्धि करने हेतु आधारभूत अवसंरचना को बेहतर करना आवश्यक है। प्रदेश में राज्य सरकार ने 4-लेन इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी को बेहतर किया है। राज्य सरकार ने प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत करते हुए औद्योगिक निवेश के माहौल को सकारात्मक किया है और  ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा दिया है।

अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर इकोनॉमी की बैकबोन होती
मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर इकोनॉमी की बैकबोन होती है। इकोनॉमी को आगे बढ़ाने के लिए अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर पहली शर्त होती है। प्रदेश सरकार ने विगत साढ़े पांच वर्षों में विश्वस्तरीय एक्सप्रेसवेज निर्मित कराए हैं तथा बुन्देलखण्ड एवं पूर्वांचल क्षेत्र को एक्सप्रेसवेज से जोड़ने का कार्य किया है। राज्य सरकार ने कोरोना कालखण्ड में लोगों के जीवन एवं जीविका को सफलतापूर्वक बचाने का कार्य किया है। कार्य स्थल पर कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करते हुए कोरोना कालखण्ड में भी लगातार प्रदेश में आधारभूत अवसंरचना के निर्माण कार्य जारी रहा। तय समय पर 02 एक्सप्रेस-वे पूर्ण किए गए। इसी दौरान केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री के नेतृत्व में 12-लेन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे राष्ट्र को समर्पित किया गया है। प्रदेश में तीनों एक्सप्रेस-वे के साथ इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी एवं हाई-वे का बेहतर संजाल बिछाया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नई तकनीक का उपयोग करते हुए कम लागत में अच्छी एवं टिकाऊ सड़कें बनायी जा रही हैं। उत्तर प्रदेश एफडीआर तकनीक को सफलतापूर्वक लागू करने वाला राज्य है। एफडीआर तकनीक के माध्यम से राज्य में ग्रामीण सड़कें निर्मित की जा रही हैं। इस एफडीआर तकनीक से लागत एक-तिहाई हुई है और समय तथा मटीरियल की बचत हुई है। उन्होंने आईआरसी से हर वर्ष एडवाइजरी जारी करने के लिए कहा। यह एडवाइजरी सड़क निर्माण की तकनीक एवं सुरक्षा से जुड़ी हुई है, जिसका पालन प्रत्येक राज्य को करना चाहिए। आईआरसी के इस सम्मेलन से राज्य के तकनीकी संस्थानों के छात्र-छात्राओं को भी जोड़ा गया है, ताकि हमारे छात्र-छात्राएं आधुनिक तकनीक से परिचित हो सकें।

वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप हमें नई तकनीकों को अपनाना होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप हमें नई तकनीकों को अपनाना होगा। देश व प्रदेश के समक्ष रोड सेफ्टी एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील मामला है। मा सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में प्रदेश सरकार रोड सेफ्टी के हर सम्भव उपाय कर रही है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं हर 4 माह में रोड सेफ्टी के सम्बन्ध में बैठक करते हैं। रोड निर्माण की तकनीक को बेहतर करके बहुत सारी जनहानि को कम किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आईआरसी रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर में इनोवेटिव आइडिया के लिए अपने कुछ मेडल जारी करता है। उन्होंने आईआरसी से रोड टेक्नोलॉजी एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर में बेहतर कार्य करने वालों के लिए ‘यूपी मेडल फॉर इनोवेटिव टेक्नोलॉजी इन रोड्स’ उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी करने की बात कही। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार सम्पूर्ण खर्च वहन करेगी।

केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस इण्डियन रोड कांग्रेस में विमर्श से जो अमृत निकलेगा, वह देश के लिए निश्चित रूप से बहुत उपयोगी होगा। भारत दुनिया की तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था है। देश को 05 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का प्रधानमंत्री का संकल्प है। इसके लिए आत्मनिर्भर भारत बनाना हमारा लक्ष्य है। इसके लिए हमें प्रत्येक दशा में देश में पेयजल, विद्युत, परिवहन और संचार की अवस्थापना सुविधाओं को बेहतर करना होगा। बिना अवस्थापना सुविधाओं के कोई उद्योग नहीं चल सकता, बिना उद्योग के देश में कोई पूंजीगत निवेश नहीं आ सकता, बिना पूंजीगत निवेश के हम रोजगार सृजन नहीं कर सकते, बिना रोजगार की सम्भावना के हम गरीबी दूर नहीं कर सकते। देश के विकास के लिए बेहतर अवस्थापना सुविधाएं सबसे आवश्यक हैं। रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास सबसे महत्वपूर्ण है।

8 हजार करोड़ के सड़क परियोजनाओं को मिली स्वीकृत
केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने उत्तर प्रदेश के लिए वर्ष 2024 तक 5 लाख करोड़ रुपय की सड़कों के निर्माण की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने प्रदेश में सड़क निर्माण की 8,000 करोड़ रुपय की परियोजनाएं स्वीकृत किए। इनमें शाहाबाद बाईपास से हरदोई बाईपास के लिए 1212 करोड़ रुपये, शाहजहांपुर बाईपास से शाहाबाद बाईपास के लिए 950 करोड़ रुपये, मुरादाबाद-ठाकुरद्वारा-काशीपुर के लिए 2007 करोड़ रुपये, गाजीपुर-बलिया के लिए 1708 करोड़ रुपये तथा 1000 करोड़ रुपये के 13 आरओबी के निर्माण शामिल हैं।

गडकरी ने कहा कि इण्डियन रोड कांग्रेस से जुड़े सभी लोगों की भूमिका विश्वकर्मा की है। इसलिए आप सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी को प्रेरित करते हुए कहा कि जहां चाह होती है, वहां राह होती है। चुनौतियों का डटकर सामना करना चाहिए तथा सहयोग और समन्वय स्थापित करते हुए कार्यों को निश्चित समय में पूरी गुणवत्ता के साथ पूर्ण करना चाहिए। योजनाओं को बनाते वक्त जमीनी हकीकत की जानकारी जरूरी है। लोगों को विज्ञान, तकनीक, शोध, नवाचार, उद्यम एवं कार्य कुशलता को बढ़ावा देते हुए उससे जुड़ना चाहिए। ज्ञान हमारे देश का सबसे महत्वपूर्ण धन है।

देश में दुनिया के सबसे ज्यादा युवा विद्वान वैज्ञानिक
केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि हमारे देश में दुनिया के सबसे ज्यादा युवा विद्वान वैज्ञानिक हैं। यही कारण है कि लोगों की अपेक्षाएं भी अधिक हैं। ज्ञान के साथ सम्पन्नता का समन्वय आवश्यक है और संसार में कोई भी व्यक्ति अथवा वस्तु अनुपयोगी नहीं है। यह हमारे ऊपर निर्भर है कि हम उसे किस रूप में ले रहे हैं। उपयुक्त तकनीक एवं शोध के प्रयोग से अनुप्रयुक्त को प्रयुक्त में परिवर्तित किया जा सकता है। हमारा देश विकासशील है। लागत का 01 रुपया भी हमारे लिए कीमती है। उन्होंने अपील की कि हमें अपने निर्माण कार्यों की लागत को कम करने तथा गुणवत्ता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। अनुप्रयुक्त टायरों का इस्तेमाल सड़क के निर्माण में किया जा सकता है, क्योंकि रबराइज बिटुमिन अच्छी सड़कों के निर्माण में काफी उपयोगी है। अतः वेस्ट प्लास्टिक का सदुपयोग करते हुए पर्यावरण अवनयन को कम किया जा सकता है।

केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि इथिक्स, इकोनॉमी व ईकोलॉजी और इनवायरमेण्ट भारतीय समाज के प्रमुख स्तम्भ हैं। हमें अपने पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण की रक्षा करनी होगी। हमारे देश में सड़क क्षेत्र अकेले 40 प्रतिशत वायु प्रदूषण का कारक है। हम 17 लाख करोड़ रुपये का कच्चा तेल आयात करते हैं। हमारी जनसंख्या और ऑटोमोबाइल में वृद्धि का पैटर्न रहा है। विगत दिनों में एक्सप्रेसवेज और हाईवेज में ग्रीनरी में वृद्धि हुई है। 4 करोड़ से अधिक लोगों को यह क्षेत्र रोजगार प्रदान कर रहा है। वर्तमान में कच्चे तेल के स्थान पर नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों का उपयोग बढ़ा है। जिससे पर्यावरणीय क्षति भी कम हुई है। ई-हाईवे को प्रमोट किया गया है। दिल्ली-जयपुर हाई-वे पर अगले माह इलेक्ट्रिक ट्रक का परिचालन शुरू होगा। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ा है। हमें अपने ट्रांसपोर्ट सिस्टम में इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करना होगा। यह इलेक्ट्रिक वाहन कम लागत के साथ किफायती भी हैं। उत्तर प्रदेश को लंदन ट्रांसपोर्ट मॉडल को अपनाते हुए अपने यहां इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देना होगा, जिससे राज्य में प्रदूषण में कमी आएगी और लोगों को भी सुगम यातायात की सुविधा प्राप्त होगी। उत्तर प्रदेश एथेनॉल उत्पादन में अग्रणी है। इस एथेनॉल (बायोफ्यूल) का उपयोग यातायात के ईंधन के रूप में किया जाए, जिससे किसान भी समृद्ध बनेंगे।

गुणवंता के साथ करना होगा कार्य
केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए हमें अपना निर्यात बढ़ाना होगा औरआयात कम करना होगा। हमारे ग्रामीण क्षेत्र व कृषि क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं विद्यमान हैं। हमें अपने आकांक्षात्मक जनपदों में विकास को बढ़ाना होगा। साथ ही, सभी स्टेकहोल्डर्स को आपसी सहयोग, समन्वय व संचार को बढ़ाना होगा। तेज निर्णय की क्षमता, पारदर्शी तथा भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासन, पूर्ण गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ कार्यों का निष्पादन और निर्माण कार्यों में कम लागत के साथ गुणवत्तायुक्त कार्यों को बढ़ाना होगा। आप सभी में अपार सम्भावनाएं विद्यमान हैं। आने वाले समय में प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप हमारा देश दुनिया की नम्बर-1 अर्थव्यवस्था होगा। इसके लिए हमें विश्वस्तरीय आधारभूत अवसंरचना का विकास करना होगा।

इससे पूर्व, मुख्यमंत्री और केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने आयोजन स्थल पर प्रदर्शनी में लगे स्टॉलों का निरीक्षण किया तथा कुछ महानुभावों को आईआरसी द्वारा प्रदत्त मेडल एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर आईआरसी के 06 कोड्स का विमोचन किया। साथ ही, 81वें वार्षिक अधिवेशन की स्मारिका तथा लोक निर्माण विभाग, उत्तर प्रदेश की तकनीकी पत्रिका ‘प्रज्ञता’ का भी विमोचन किया गया।  

केन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं नागर विमानन राज्यमंत्री जनरल (डॉ) वीके सिंह, प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री श्री जितिन प्रसाद, लोक निर्माण राज्यमंत्री श्री बृजेश सिंह, आईआरसी के अध्यक्ष सीपी जोशी, केन्द्रीय महानिदेशक (सड़क विकास) व विशेष सचिव सड़क परिवहन और राजमार्ग व आईआरसी के महासचिव संजय कुमार निर्मल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

यह लोग रहे उपस्थित
इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की अध्यक्ष अल्का उपाध्याय, एनएचएआई के अतिरिक्त सचिव अमित घोष, प्रदेश के प्रमुख सचिव लोक निर्माण नरेन्द्र भूषण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, आईआरसी के डेलीगेट्स और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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