13 साल की सरला जाटव ने जीता था निर्भय गुर्जर का दिल, महंगे चश्में और शौक ने बनाया नंबर-1 डकैत सुंदरी

Uttar Pradesh News : 13 साल की सरला जाटव ने जीता था निर्भय गुर्जर का दिल, महंगे चश्में और शौक ने बनाया नंबर-1 डकैत सुंदरी

13 साल की सरला जाटव ने जीता था निर्भय गुर्जर का दिल, महंगे चश्में और शौक ने बनाया नंबर-1 डकैत सुंदरी

Tricity Today | Sarla Jatav

Uttar Pradesh News : जवानी जेल में बीताने के बाद सरला जाटव रिहा हो गई है। सरला जाटव उर्फ डकैत सुदंरी की कहानी बहुत ही अजीब है। उसे ब्रांडेड महंगे कपड़ों और चश्मे पहनने का शौक था। जिसकी वजह से वह केवल 13 साल की उम्र में डकैत के दत्तक बेटे की पत्नी बनी थी। उस समय लोगों से उसको खाकी वर्दी, डार्क लिपिस्टिक, माथे पर बिंदी और हाथों में चूड़ियां के साथ देखा था


बीवी की भतीजी थी सरला जाटव
सरला जाटव बीहड़ के कुख्यात डकैत निर्भय गुर्जर की बहू थी। दरअसल, आरैया जनपद के अजीतमल के नियामतपुर गांव में रहने वाली बसंती से वर्ष 1994 में डकैत निर्भय ने शादी की थी। शादी के करीब 5 साल बाद वर्ष 1999 में बसंती मौका पाकर निर्भय गुर्जर के गिरोह से भाग निकली थी। निर्भय उसे खोजता हुआ गांव पहुंचा तो वो नहीं मिली। जिसके बाद निर्भय अपने पत्नी के भाई महाराज सिंह जाटव की 11 साल की बेटी सरला को उठाकर ले आया था। बाद में उसने अपनी पत्नी बसंती और उसके भाई महाराज सिंह की हत्या कर दी थी।

सरला जाटव के शौक ने उसको दी डकैत सुदंरी की पहचान
गैंग में लाने के करीब 2 साल बाद डकैत निर्भय गुर्जर ने अपने दत्तक बेटे श्याम से सरला जाटव शादी करवा दी थी। जिस समय सरला जाटव की शादी हुई थी। उस समय सरला जाटव की उम्र केवल 13 साल थी। शादी के बाद भी सरला जाटव के शौक खरे थे। उसको महंगे कपड़े पहनना और महंगे चश्में पहनने का शौक था। जिसके कारण ही सरला जाटव को डकैत सुदंरी की पहचान मिली। वह 16 सिंगार करने के बाद कंधे पर बंदूक रखकर और कमर में कारतूस की पेटी पहनकर घूमती थी।

शौक के साथ संभलती थी गैंग की कमान
जब निर्भय गुर्जर कही चला जाता था तो सरला जाटव गैंग को संभलती थी। एक बार सरला जाटव ने पुलिस टीम पर भी हमला बोला था। इसके अलावा गांव के कोटेदार की हत्या और 6 किसानों के सामूहिक अपहरण की घटना को अंजाम दिया था। जिसके बाद डकैत सुंदरी पर हत्या और अपहरण जैसे कई संगीन मामले दर्ज हुए। वर्ष 2004 में इटावा पुलिस ने सरला जाटव और उसके पति श्याम को जेल भेजा था। अपहरण के मामले में वर्ष 2005 में कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अब करीब 18 साल बाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने उसकी रिहाई हो गई, लेकिन उसका पति श्याम अभी जेल में ही है।

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