रामायण विश्व महाकोश के उद्घाटन कार्यक्रम में बोले योगी-‘रामायण में विज्ञान और अध्यात्म का समन्वय है’

UP News: रामायण विश्व महाकोश के उद्घाटन कार्यक्रम में बोले योगी-‘रामायण में विज्ञान और अध्यात्म का समन्वय है’

रामायण विश्व महाकोश के उद्घाटन कार्यक्रम में बोले योगी-‘रामायण में विज्ञान और अध्यात्म का समन्वय है’

Tricity Today | उद्घाटन के मौेके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभु श्रीराम की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर स्थापित करने पर जोर दिया है। इसके लिए सभी भाषाओं, लोक परम्पराओं, लोककथाओं में भगवान राम के बारे में विस्तृत सामग्री का उपलब्ध कराई जाएगी। श्रीराम की संस्कृति सनातन है, जिसने संपूर्ण संसार में अपना परचम फहराया। इसके हजारों वर्ष बाद भगवान बुद्ध ने दुनिया को अपने ज्ञान से प्रकाशित किया। मुख्यमंत्री शनिवार को संत गाडगे सभागार में रामायण विश्व महाकोश (ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ द रामायण) की कर्टेन रेजर पुस्तक के विमोचन एवं कार्यशाला का उद्घाटन करने पहुंचे थे।

इस अवसर पर वह अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।कार्यशाला का आयोजन प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा किया गया। यहां पहुंचे मुख्यमंत्री ने ‘रामायण विश्व महाकोश’ की कर्टेन रेजर पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने इस पुस्तक को ई-बुक के रूप में भी लॉन्च किया। साथ ही, उन्होंने अयोध्या शोध संस्थान द्वारा प्रकाशित अन्य पुस्तकों का विमोचन किया। कार्यक्रम के दौरान रामायण विश्व महाकोश पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई।

डिजिटल फॉर्म पर दिया जोर 
योगी आदित्यनाथ ने रामायण विश्व महाकोश के प्रकाशन को अच्छा और सकारात्मक पहल बताया। साथ ही अयोध्या शोध संस्थान से पूरी तन्मयता से इस कार्य को आगे बढ़ाने को कहा। उन्होंने कहा, ‘इस कार्य को प्रारम्भ से ही डिजिटल फॉर्म से जोड़कर दुनिया के सामने लाया जाना चाहिए। रामायण विश्व महाकोश, रामायण के विश्वव्यापी स्वरूप को प्रस्तुत करने का माध्यम बनेगा।’ आदित्यनाथ ने भगवान श्रीराम के संबंध में कार्यशाला के आयोजन के लिए संस्कृति विभाग और अयोध्या शोध संस्थान की सराहना की। 

राम को मानने वाले आगे आएं
उन्होंने कहा कि इस कार्य को उपयुक्त लोगों तथा तकनीक के सहयोग से अभियान के रूप में आगे बढ़ाया जाए। इससे समाज को महती लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने भगवान श्रीराम, रामायण तथा भारतीय संस्कृति में रुचि रखने वाले हर इंसान से इस मुहिम में सहयोग देने आहृवान किया। उन्होंने भगवान राम व रामायण से जुड़ी सामग्री को डिजिटल फॉर्म में लाने पर बल दिया। इसके लिए स्थानीय व राज्य स्तर तथा वैश्विक स्तर पर भी प्रयास किया जाएगा। 

आध्यात्म का समन्वय है
उन्होंने पुष्पक विमान सहित रामायण की विभिन्न घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि रामायण में विज्ञान एवं आध्यात्म का समन्वय है। रामायण की सभी घटनाओं में श्रीराम ने स्वयं को मानवीय मर्यादाओं में ही रखा। यही उनकी महानता थी। वह एक सामान्य मनुष्य को होने वाले कष्टों को सहन करते हुए आगे बढ़े। रामायण विश्व महाकोश हमें विज्ञान और आध्यात्म के अनछुए पहलुओं से परिचित करायेगा।

सीमाओं में नहीं हुआ है बदलाव
उन्होंने आगे कहा, ‘उत्तर से दक्षिण तक वर्तमान भारत की सीमाएं आज भी वैसी ही हैं, जैसी रामायण काल में थीं। इसका श्रेय मर्यादा पुरुषोत्तम राम को जाता है। श्रीराम ने सांस्कृति रूप से आर्यावर्त और द्रविडों को एक किया। रामायण संस्कृति का विस्तार पूर्व और पश्चिम में भी था। दक्षिण पूर्व एशिया के निवासी राम पर गौरव की अनुभूति करते हैं। इंडोनेशिया में उपासना विधियां अलग होने के बावजूद राम को पूर्वज माना जाता है। पश्चिम में तक्षशिला का नाम, श्रीराम के भाई भरत के पुत्र तक्ष के नाम पर रखा गया है।

प्रधानमंत्री ने बढ़ाया मान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाई है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन में यूनिक इवेंट के रूप में प्रयागराज कुम्भ-2019 के स्वच्छ, सुरक्षित व सुव्यवस्थित आयोजन से भारत की वैश्विक छवि बेहतर हुई। यूनेस्को ने कुम्भ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी। प्रधानमंत्री जी के प्रयास से 21 जून पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। योग भारत के आध्यात्मिक उन्नति की आधारशिला है।

यूपी मॉडल की चर्चा है
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संस्कृति, पर्यटन एवं धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. नीलकंठ तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश हर क्षेत्र में नए रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है। पूरे देश में यूपी मॉडल की चर्चा हो रही है। श्रीराम हमारे सांस्कृतिक पक्ष के आधार हैं। राम के विभिन्न स्वरूपों के प्रति आस्था रखने वाले पूरी विश्व में हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशन में रामायण विश्व महाकोश की रचना की जा रही है। आज इसकी पूर्व पीठिका का विमोचन मुख्यमंत्री ने स्वयं किया। 

कार्यक्रम में अपर सचिव, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार अखिलेश मिश्र, डॉ. सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के कुलपति राजाराम शुक्ल, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल, उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. जीसी त्रिपाठी, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति एवं अध्यक्ष अयोध्या शोध संस्थान मुकेश मेश्राम, निदेशक सूचना एवं संस्कृति शिशिर, निदेशक अयोध्या शोध संस्थान वाईपी सिंह सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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