मिलिट्री कैंटीन से सामान निकालने के नाम पर लाखों ठगे
अपनी नियुक्ति 39 जीटीसी कैंटोनमेंट वाराणसी मे बताया
वाराणसी ‘मिलिट्री इन्टेलीजेन्स’ (एमआई) को भी मिली थी शिकायत
उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल सेल ने वाराणसी कैंट इलाके से सेना और पुलिस अधिकारी बताकर भर्ती कराने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले जालसाज को मंगलवार को गिरफ्तार किया है। इस ठग के कारनामे से सब हैरान हैं। न सिर्फ इसने लोगों से पैसे ऐंठे हैं, बल्कि एक युवती को धोखा देकर उससे शादी भी कर ली। इस संबंध में भी ठग के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। गिरफ्तार जालसाल को अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। एसटीएफ उसके खिलाफ मजबूत कानूनी कार्रवाई करने में जुटी है।
सेना को मिली थी शिकायत
यूपी एसटीएफ के प्रवक्ता ने इस शातिर और इसके कारनामों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एसटीएफ को पिछले कुछ दिनों से वाराणसी एवं आस-पास के जिलों में आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर एक गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिली थी। वाराणसी ‘मिलिट्री इन्टेलीजेन्स’ (एमआई) को भी इस बारे में इनपुट मिला था। इस सम्बन्ध में वाराणसी एसटीएफ फील्ड इकाई, वाराणसी को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई कर मामले का खुलासा करने का जिम्मा दिया गया था। इसके बाद वाराणसी एसटीएफ फील्ड इकाई ने प्राथमिक जानकारी जुटाने के बाद इसकी छानबीन प्रारम्भ की।
आर्मी का कैप्टन बताकर भर्ती कराने का झांसा देता था
इस दौरान पता चला कि राजवीर सिंह रघुवंशी उर्फ आनन्द कुमार नाम का व्यक्ति स्वयं को आर्मी का फर्जी कैप्टन बताकर सेना में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करता है। बाद में खुलासा हुआ की वह लोगों को आर्मी कैंटीन से सस्ती दरों में सामान निकलवाने के नाम पर चूना लगाता है। प्रवक्ता ने बताया कि जालसाज ई-कॉमर्स माध्यमों के जरिए भी लोगों को शिकार बनाता है। ओएलएक्स के जरिए सामान बेचने के बहाने लोगों से मिलता था। फिर उन्हें विश्वास दिलाने के लिए सेना की वर्दी पहन कर कैप्टन के रूप में अपनी पहचान कराता था।
सेना से जुड़े फर्जी दस्तावेज और वर्दी बरामद
मंगलवार को इस बारे में महत्वपूर्ण सूचना मिली। इसके मुताबिक, सेना में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाला राजवीर सिंह उर्फ आनन्द कुमार कैप्टन की वर्दी में थाना कैंट इलाके में सेंट मेरी स्कूल के पास खड़ा था। आरोपी कुछ लड़को को सेना में भर्ती के नाम पर बहला रहा है। इस सूचना पर एसटीएफ के निरीक्षक अनिल सिंह के नेतृत्व में गठित टीम ने फर्जी कैप्टन आनंद कुमार उर्फ राजवीर सिंह रघुवंशी, निवासी शिपुर को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से दो मोबाइल फोन, तीन आर्मी भर्ती के फर्जी एडमिट कार्ड, फर्जी डीएल, सेना के कैप्टन की वर्दी, बाइक तथा कैप्टन की वर्दी में खिचवाए गये फोटो मिले हैं। इसके अलावा फर्जी तरीके से डिप्टी एसपी के पद पर चयन की पेपर कटिंग, आर्मी की वर्जी, आर्मी का लोगो और पांच मुहर बरामद हुई है।
एलएलबी की पढ़ाई कर रहा है
जांच में खुलासा हुआ है कि फर्जी कैप्टन कानून की पढ़ाई कर रहा है। वह एलएलबी तृतीय सेमेस्टर का छात्र है। इस जालसाज ने साल 2008 में आर्मी में सिपाही की भर्ती के लिये प्रयास किया था। लेकिन सफल नहीं हुआ था। इसके बाद उसने बेरोजगार युवकों को सेना में बहाल कराने के नाम पर ठगी करने की योजना बनाई। इसके मुताबिक पहले सेना के कैप्टन की वर्दी बनवाई। उसने अपने आस-पास के लोगों को विश्वास दिलाया कि वह सेना में कैप्टन है।
लोगों को ठगना शुरू किया
बाद में उसकी मुलाकात अमरनाथ यादव, निवासी भिटारी थाना लोहता जनपद वाराणसी से हुई। ठग ने स्वयं को कैप्टन बताते हुये उसे सेना में चयनित कराने का झांसा दिया। उसके बाद अमरनाथ यादव और दूसरे बच्चों को यकीन दिलाने के लिये उसने सेना के कैप्टन की वर्दी पहन कर अमरनाथ यादव के घर पर मुलाकात की। काम के लिए 7 लोगों से चौदह लाख रुपये की ठगी की। इनके अलावा इस ठग ने सुधाकर वर्मा, रजनीश और दिव्या से दस लाख तथा अजय कुमार से डेढ़ लाख रूपये मिलिट्री कैंटीन से सामान निकालने के नाम पर ठगे। बाद में इसकी पत्नी एवं आस-पास के लोगों को इसके फर्जी आर्मी कैप्टन होने का संदेह होने लगा।
पीसीएस रिजल्ट के बाद पहचान बदल ली, डिप्टी एसपी बन गया
इसी दौरान पिछले साल 2020 में यूपी पीसीएस-2017 का परिणाम जारी हुआ। इसमें आनंद कुमार, निवासी लंका-वाराणसी नाम के परीक्षार्थी ने 62वीं रैंक हासिल की। आनंद का चयन डिप्टी एसपी के पद पर हुआ था। इसकी जानकारी होने पर राजवीर सिंह उर्फ आनन्द कुमार ने अपने नाम का फायदा उठाकर समाचार पत्रों में अपना फोटो व पता देकर समाचार छपवाया। उसने लिखवाया कि उसकी डिप्टी एसपी के पद पर नियुक्ति हुई है। अब इस ठग ने अपनी पहचान बदल दी। इसके बाद यह आर्मी कैप्टन एवं डिप्टी एसपी के रूप में ठगी की घटनाओं को अंजाम देने लगा।
ओएलएक्स के जरिए मिली युवती को धोखा देकर शादी की
साल 2015 में ठग ने ओएलएक्स पर आर्मी का लोगो लगाकर अपनी आईडी बनायी थी। उसने ओएलएक्स पर एक मोबाइल फोन बेचने का विज्ञापन डाला था। इस मोबाइल फोन को खरीदने के लिये एक लड़की ने उससे संपर्क किया। राजवीर सिंह उर्फ आनंद कुमार ने उसको सिगरा स्थित बाटा शू के शोरूम पर बुलाया। वहां आर्मी कैप्टन की वर्दी में उस लड़की से मिला और अपनी नियुक्ति 39 जीटीसी कैंटोनमेंट वाराणसी मे बताया। हालांकि उसने अपना मूल निवास हैदराबाद का बताया। इसके बाद दोनों में नजदीकियां बढ़ती गईं। बाद में राजवीर ने युवती को धोखे में रखकर उससे शादी कर ली। हालांकि धोखे पता चलने पर उसकी पत्नी ने थाना लोहता में मुकदमा पंजीकृत कराया।