फर्जी प्रमाण पत्र पर कर रहा था नौकरी, शिक्षा विभाग ने किया बर्खास्त, अब तक हुए भुगतान की वसूली भी की जाएगी

पत्नी ने खोली पति की पोल : फर्जी प्रमाण पत्र पर कर रहा था नौकरी, शिक्षा विभाग ने किया बर्खास्त, अब तक हुए भुगतान की वसूली भी की जाएगी

फर्जी प्रमाण पत्र पर कर रहा था नौकरी, शिक्षा विभाग ने किया बर्खास्त, अब तक हुए भुगतान की वसूली भी की जाएगी

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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में पत्नी की शिकायत पर एक फर्जी शिक्षक को बर्खास्त कर दिया गया है। शिक्षक पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल करने का आरोप है। आरोपी शिक्षक अन्य पिछड़ा वर्ग का है, जबकि उसने एससी वर्ग का जाति प्रमाण पत्र बनवा लिया था। बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षक को बर्खास्त करते हुए उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया है। साथ ही अब तक वेतन के रूप में हुए भुगतान की वसूली भी की जाएगी। दरअसल पति-पत्नी में लंबे अरसे से आपसी विवाद चल रहा था। किसी बात पर नाराज पत्नी ने अपने ही पति की पोल खोल दी।

फिरोजाबाद के बीएसए अरविंद पाठक ने इस संबंध में मीडिया से बात की। उन्होंने बताया कि शिकोहाबाद के धनगर स्वामी नगर रेलवे स्टेशन रोड़ निवासी देवेश सिंह  की जाति वास्तविक रूप में गड़रिया है। उत्तर प्रदेश जाति सूची के मुताबिक गड़रिया अन्य पिछड़ा वर्ग में आता है। जबकि देवेश ने गलत जानकारी देकर धनगर (एससी) जाति का प्रमाण पत्र बनवा लिया। मामले का खुलासा होने के बाद देवेश के जाति प्रमाण पत्र का सत्यापन कराया गया। सत्यापन में प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने के बाद आरोपी शिक्षक को जिला कमेटी ने सुनवाई के लिए बुलाया था। पर आरोपी शिक्षक देवेश कमेटी के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ। जांच कमेटी ने देवेश के फर्जी प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया और उसे बखार्स्त कर दिया गया है।
       
देवेश सिंह 2008 में प्राथमिक विद्यालय रजौरा में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त हुआ था। आरोपी शिक्षक ने 1 जुलाई, 2011 को विद्यालय ज्वॉइन किया था। हालांकि देवेश वर्तमान में टूंडला ब्लॉक के प्राइमरी स्कूल ठारखूबी में सेवाएं दे रहा था। देवेश की पत्नी मनीषा पाल ने अपने पति के जाति प्रमाण पत्र के फर्जी होने की शिकायत की थी। आरोप था कि देवेश ओबीसी वर्ग का है। जबकि एससी वर्ग का प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल कर ली है। आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया। जाचं में कमेटी ने पत्नी के आरोपों को सही पाया और फर्जी शिक्षक देवेश को बखार्स्त कर दिया। एबीएसए को निर्देश दिया गया है कि देवेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं। साथ ही फर्जी शिक्षक से अब तक किए गए वेतन भुगतान की वसूली करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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