मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट लगभग पूरा, इसी महीने दे सकते हैं पीएम बुंदेलखंड को एक्सप्रेसवे की सौगात

बड़ी खबर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट लगभग पूरा, इसी महीने दे सकते हैं पीएम बुंदेलखंड को एक्सप्रेसवे की सौगात

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट लगभग पूरा, इसी महीने दे सकते हैं पीएम बुंदेलखंड को एक्सप्रेसवे की सौगात

Google Image | Symbolic Photo

Bundelkhand Expressway : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण अब पूरा होने को है। जल्द ही, अब तक की जानकारी के मुताबिक इसी महीने पीएम नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण भी करेंगे। इस महत्वाकांक्षी मार्ग के शुरू होने पर चित्रकूट और बांदा से कई जिलों की दूरी बहुत कम हो जाएगी। 

देश के दस बड़े एक्सप्रेसवे में से एक 296.070 किमी लंबे इस फोरलेन का भविष्य में सिक्सलेन तक विस्तार किया जा सकेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 फरवरी 2020 को गोंड़ा (भरतकूप) गांव में हुए कार्यक्रम में इस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी। भूमि अधिग्रहण में खर्च धन को मिलाकर इस परियोजना की कुल लागत 14,716 करोड़ बताई जा रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2017 में इस योजना की परिकल्पना रची थी। इसकी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को दी गई। 

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इटावा में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर वहां के कुदरैल गांव को चित्रकूट के गोंड़ा गांव से जोड़ेगा। इसके मार्ग में भरथना, अछल्दा, फांफुड़, औरैया, जालौन, राठ, बांदा और अतर्रा आदि शहर और कस्बे पड़ेंगे। एक्सप्रेसवे उत्तर से दक्षिण में आने वाले सात जिलों चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया, इटावा के 182 गांवों से होकर गुजरेगा। इससे इन गांवों में भी विकास की किरण तेजी से पहुंचेगी। वर्तमान समय में काम लगभग पूरा हो चुका है। और अगर सब कुछ ठीकठाक रहा तो इसी माह पीएम मोदी जालौन जिले से बुंदेलखंड के लोगों को यह सौगात दे देंगे। 

कई चरणों में बांटा गया निर्माण कार्य
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण कई चरणों में बांटकर किया गया है और इसकी जिम्मेदारी भी यूपीडा के तहत कई निजी कार्यदायी संस्थाओं को दी गई है। इस पर चार रेलवे ओवर ब्रिज, 14 बड़े और 268 छोटे पुल, 18 फ्लाईओवर, छह टोल प्लाजा, सात रैंप प्लाजा और 214 अंडरपास बनाए जाएंगे। 

कोविड की वजह से काम में आई बाधा
दो साल तक कोविड-19 के प्रकोप की वजह से इसके निर्माण कार्य में बाधा आई। फरवरी 20 में प्रधानमंत्री ने इस प्रोजेक्ट की आधारशिला रख दी थी। तब तक 90 फीसदी से ज्यादा जमीन का अधिग्रहण भी कर लिया गया था। पर इसके बाद कोरोना की वजह से काम लगभग ठप हो गया। 

दिल्ली से चित्रकूट की दूरी होगी कम
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेस वे से जुड़ने की वजह से चित्रकूट को दिल्ली से भी जोड़ेगा। ऐसे में इस रूट से जाने पर यमुना एक्सप्रेसवे से दिल्ली एनसीआर और चित्रकूट के बीच की दूरी को 14 घंटों की जगह आठ घंटे में पूरी करेगा। 

आखिर क्या होता है एक्सप्रेसवे
हाईवे और एक्सप्रेसवे में मूल अंतर यह है कि हाईवे जहां फोरलेन होते हैं, वहीं एक्सप्रेसवे का विस्तार एटलेन तक किया जा सकता है। इसमें हर तरह के वाहनों के लिए अलग-अलग लेन होती है और निर्धारित गति भी।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.