जेवर में एयरपोर्ट बनाने का फैसला सही रहा नहीं तो फंस जाता प्रोजेक्ट, जानें क्यों

योगी आदित्यनाथ ने कही बड़ी बात, जेवर में एयरपोर्ट बनाने का फैसला सही रहा नहीं तो फंस जाता प्रोजेक्ट, जानें क्यों

जेवर में एयरपोर्ट बनाने का फैसला सही रहा नहीं तो फंस जाता प्रोजेक्ट, जानें क्यों

Tricity Today | योगी आदित्यनाथ

Jewar Airport News : जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट (Noida International Airport) को लेकर योगी आदित्यनाथ ने बड़ी बात कही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "जेवर में एयरपोर्ट बनाने का हमारा फैसला सही था। अगर जेवर की बजाय प्रदेश के किसी दूसरे हिस्से में एयरपोर्ट बनाने का काम शुरू करते तो प्रोजेक्ट फंस जाता।" मुख्यमंत्री सोमवार को एयरपोर्ट के लिए स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर के बाद सम्बोधन कर रहे थे।

योगी आदित्यनाथ ने राज्य के प्रशासनिक अफसरों और जूरिक इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रबन्धन को सम्बोधित करते हुए कहा, "यह मामला पिछले 30 वर्षों से लंबित पड़ा हुआ था। लोग निर्णय नहीं ले पा रहे थे कि एयरपोर्ट कहां बनाया जाए। मार्च 2017 में प्रदेश के अंदर हमारी सरकार आई, हम लोगों ने उसी समय तय कर लिया की इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर में बनाया जाएगा। हमारा निर्णय उस समय भी सही था और आज भी सही है।" मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण का फैसला प्रदेश और देश के हित में बड़ा निर्णय है। क्योंकि, अगर हम लोग इस एयरपोर्ट को कहीं दूसरी जगह बनाने की बात करते तो हमारे सामने उसी प्रकार की समस्याएं आतीं जो राज्य के बाकी हिस्सों में आ रही हैं।" मुख्यमंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा, "आगरा में हमारा सिविल टर्मिनल का निर्माण कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं हो पा रहा है, लेकिन जेवर में हम एक के बाद एक माइलस्टोन एचीव करते जा रहे हैं।"

आपको बता दें कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने केवल गौतमबुद्ध नगर बल्कि उत्तर प्रदेश के विकास का ग्रोथ इंजन बनेगा। इस परियोजना के लिए 2000 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की जा रही है। एयरपोर्ट के लिए पहले चरण का भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है। यह बजट दूसरे चरण के लिए जरूरी जमीन खरीदने के लिए आवंटित किया जा रहा है।"

जेवर एयरपोर्ट के पास यूपी एटीएस मुख्यालय बनाया जाएगा
जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) के पास यूपी एटीएस (UP ATS) का मुख्यालय बनाया जाएगा। यहां पर यूपीईएस के अधिकारी और उनके आवास होंगे। इसके अलावा यूपी एटीएस के जवानों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इसके लिए यमुना प्राधिकरण 3 एकड़ जमीन दी है। जिसकी कोई भी कीमत नहीं ली गई है। एटीएस के आईटी डॉ. जीके गोस्वामी ने इसके लिए यमुना प्राधिकरण को अपना प्रस्ताव दिया था। यमुना प्राधिकरण ने एटीएस के प्रस्ताव को गंभीरता से लिया और प्राधिकरण ने एटीएस मुख्यालय के लिए जमीन देने का फैसला किया है। साथ ही यह भी निर्णय लिया कि यह जमीन निशुल्क दी जाएगी। यमुना प्राधिकरण ने यूपी एटीएस की जमीन सेक्टर-32 में चयनित की है। वहीं पर ही 3 एकड़ जमीन पर यूपी एटीएस अपना मुख्यालय बनाएगा। इस मुख्यालय में दफ्तर और आवास दोनों बनेंगे। जल्द ही यूपी एटीएस जमीन पर कब्जा करने का काम शुरू करेगा।

ग्रेटर नोएडा से Jewar Airport तक बनेंगे सिर्फ छह मेट्रो स्टेशन
इसके आलावा ग्रेटर नोएडा से Jewar Airport तक छह मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे। इस रूट को एक्सप्रेस लाइन के तौर पर विकसित किया जाएगा। शासन ने इस पर अपनी मंजूरी दे दी है। सभी स्टेशनों के नाम भी तय कर दिए गए हैं। नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) अब नए सिरे से इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर शासन के समक्ष प्रस्तुत करेगी। जिन छह मेट्रो स्टेशनों के निर्माण को मंजूरी मिली है, उनमें यीडा सिटी के सेक्टर 18, 20, 21, 22 डी और 28 तथा आखिरी स्टेशन नोएडा एयरपोर्ट टर्मिनल शामिल हैं। हालांकि, नोएडा एयरपोर्ट के साथ ही इस मेट्रो लाइन को भी शुरू करने का टारगेट रखा गया है। बताते चलें कि पहले ग्रेटर नोएडा से नोएडा एयरपोर्ट तक 25 मेट्रो स्टेशनों की मंजूरी मिली थी। पर एयरपोर्ट पर जाने वाले मुसाफिरों को सहूलियत देते हुए अब केवल छह स्टेशन बनाने पर सहमति बनी है। इससे जेवर एयरपोर्ट पहुंचने वाले यात्रियों का समय बचेगा और लोग मेट्रो का इस्तेमाल प्राथमिक यातायात के रूप में करेंगे। 

तो विश्व का सबसे बड़ा एयरपोर्ट हो जाएगा
जेवर एयरपोर्ट को भविष्य में विश्व का सबसे बड़ा एयरपोर्ट विकसित करने की तैयारी है। इसको लेकर सरकार में मंथन चल रहा है। हालांकि अभी इसको लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। योजना के मुताबिक, एक रनवे केवल कारगो के लिए विकसित किया जाएगा। इस एयरपोर्ट में कारगो की संभावनाएं खूब हैं। इसके चलते इसके लिए अलग से रनवे बनाया जाएगा।

इन गांवों की जाएगी जमीन
गांव का नाम                   जमीन हेक्टेयर में (अनुमानित)
करौली बांगर                    200
कुरैब                              400
बीरमपुर                          100
दयानतपुर                       175
रनहेरा                             500
नगला शाहपुर                  15
मुंढेरा                              40

(कुल अधिग्रहण 1365 होना है। इसमें बदलाव संभव है)
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परियोजना के लिए ऐसे लेंगे जमीन
चरण                          जमीन हेक्टेयर में
पहला                           1334 (अधिग्रहण हो चुका)
दूसरा                            1365
तीसरा                           1318
चौथा                             735

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