योगी, दोनों डिप्टी सीएम और 4 एमएलसी मंत्री लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, जानिए कौन कहां से लड़ेगा

खास खबर : योगी, दोनों डिप्टी सीएम और 4 एमएलसी मंत्री लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, जानिए कौन कहां से लड़ेगा

योगी, दोनों डिप्टी सीएम और 4 एमएलसी मंत्री लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, जानिए कौन कहां से लड़ेगा

Tricity Today | जानिए कौन कहां से लड़ेगा

UP Assembly Election 2022 : भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जोर-शोर से तैयारियों में जुट गई है। भाजपा का संगठन वह सारी योजनाएं बना रहा है, जिससे एक बार फिर ज्यादा से ज्यादा सीटें जीत सके। पार्टी ने 350 सीटें जीतने का टारगेट रखा है। इसी सिलसिले में फैसला लिया गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath), उनके दोनों डिप्टी चीफ मिनिस्टर केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा भी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा योगी कैबिनेट में 4 एमएलसी मंत्री भी विधानसभा चुनाव में उतारे जाएंगे। खास बात यह है कि इनमें दो अन्य पिछड़ा वर्ग, एक अल्पसंख्यक और एक सवर्ण बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं। मिली जानकारी के मुताबिक इनके लिए विधानसभा सीटें तलाश की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या से लड़ सकते हैं चुनाव
सबसे पहले बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की। जानकारी मिल रही है कि मुख्यमंत्री अयोध्या से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। दरअसल, अयोध्या से चुनाव लड़ कर मुख्यमंत्री अपना हिंदूवादी चेहरा कायम रखना चाहते हैं। इससे भारतीय जनता पार्टी के मतदाताओं में अच्छा संदेश जाएगा। यह भी मैसेज रहेगा कि भाजपा और योगी आदित्यनाथ भगवा विचारधारा के साथ अड़िग रूप से खड़े हुए हैं। दूसरी ओर योगी आदित्यनाथ लगातार राम जन्मभूमि मंदिर और अयोध्या नगरी के कायाकल्प पर ध्यान दे रहे हैं। अब भाजपा इसका पूरा फायदा उठाना चाहती है।

दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य यहां से लड़ेंगे चुनाव
डिप्टी चीफ मिनिस्टर दिनेश शर्मा लखनऊ के रहने वाले हैं। वे लखनऊ नगर निगम के मेयर भी रह चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें सीधे डिप्टी चीफ मिनिस्टर बनाया गया था। उसके बाद वह विधान परिषद के सदस्य बने थे। अब जानकारी मिल रही है कि भारतीय जनता पार्टी उन्हें लखनऊ शहर की किसी विधानसभा सीट से मैदान में उतारेगी। दिनेश शर्मा लखनऊ महानगर में खासे लोकप्रिय हैं। इसका लाभ पार्टी को मिलेगा। दूसरी ओर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मूल रूप से कौशांबी जिले के रहने वाले हैं। उनके लिए इलाहाबाद या कौशांबी जिले में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की तलाश चल रही है। दरअसल, पिछले लोकसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य फूलपुर से सांसद निर्वाचित हुए थे। ऐसे में उनके लिए इलाहाबाद या कौशांबी से चुनाव लड़ना बेहद आसान रहेगा।

भूपेंद्र चौधरी और महेंद्र प्रताप सिंह भी चुनाव लड़ेंगे
योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में जल संसाधन मंत्री महेंद्र सिंह और पंचायत राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी भी चुनाव लड़ेंगे। दोनों भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता हैं। महेंद्र प्रताप सिंह भारतीय जनता पार्टी के सचिव और असम के प्रभारी रहे हैं। असम चुनाव में मिली जीत के लिए उन्हें भी श्रेय दिया जाता है। फिलहाल, उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य हैं। मूल रूप से प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं। जानकारी मिल रही है कि उन्हें पार्टी प्रतापगढ़ से ही विधानसभा चुनाव में उतारेगी। दरअसल, भाजपा नेतृत्व प्रतापगढ़ में कुंडा के राजा भैया के सामने एक ठाकुर कद्दावर नेता खड़ा करना चाहती है। दूसरी ओर भूपेंद्र चौधरी पश्चिम में बड़े जाट नेता के तौर पर जाने जाते हैं। वह पश्चिम उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं। इस वक्त भारतीय जनता पार्टी पश्चिम की जाट राजनीति को साधना चाहती है। विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि पार्टी भूपेंद्र चौधरी को मुरादाबाद या बागपत की किसी जाट बाहुल्य विधानसभा सीट से मैदान में उतारना चाहती है। भाजपा के एक खेमे का तर्क है कि भूपेंद्र चौधरी को बागपत की छपरौली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया जाना चाहिए।

अशोक कटारिया और मोहसिन रजा भी मैदान में उतरेंगे
यूपी कैबिनेट में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अशोक कटारिया और राज्य मंत्री मोहसिन रजा को भी इस फार्मूले के तहत चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। अशोक कटारिया फिलहाल परिवहन विभाग के स्वतंत्र राज्य मंत्री हैं। वह मूल रूप से बिजनौर के रहने वाले हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश के गुर्जरों को साधने के लिए अशोक कटारिया को योगी कैबिनेट में जगह दी गई थी। उन्हें राज्य में पार्टी का गुर्जर चेहरा माना जाता है। ऐसे में अशोक कटारिया को मुजफ्फरनगर की मीरापुर जैसी गुर्जर बाहुल्य सीट से चुनाव मैदान में उतारने की सुगबुगाहट चल रही है। खास बात यह है कि मीरपुर विधानसभा क्षेत्र वैसे तो मुजफ्फरनगर जिले में पड़ता है, लेकिन इसका लोकसभा क्षेत्र बिजनौर ही है। बिजनौर अशोक कटारिया का गृह जनपद है। ऐसे में अशोक कटारिया की मीरापुर विधानसभा क्षेत्र से पुख्ता दावेदारी बनती है। 

इतना ही नहीं फिलहाल इस सीट पर कोई गुर्जर नेता दावेदार भी नहीं है। दरअसल, मीरापुर सीट से अभी भाजपा के विधायक अवतार सिंह भड़ाना हैं। अवतार सिंह भड़ाना पार्टी के बागी विधायक हैं। भाजपा का विधायक रहते हुए पिछला लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ लिया था। इसके बावजूद उन्हें पार्टी ने बाहर का रास्ता नहीं दिखाया है। अवतार सिंह भड़ाना इस सीट से केवल 193 मतों के अंतर से पिछला विधानसभा चुनाव जीते थे। भाजपा के थिंक टैंक का मानना है कि अगर अशोक कटारिया मीरापुर सीट से चुनाव लड़ते हैं तो पार्टी की जीत का अंतर बढ़ा सकते हैं। दरअसल, अशोक कटारिया लंबे अरसे से भाजपा में संगठन की राजनीति कर रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मीरपुर जैसे गुर्जर बहुल इलाके में वह खासे लोकप्रिय हैं। अवतार सिंह भड़ाना को मीरापुर सीट पर बाहरी उम्मीदवार माना गया था। अशोक कटारिया यहां के मूल निवासी हैं।

योगी मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यक और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री मोहसिन रजा मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं। वह उत्तर प्रदेश सरकार और भारतीय जनता पार्टी का एकमात्र अल्पसंख्यक चेहरा हैं। भारतीय जनता पार्टी उन्हें भी लखनऊ की किसी अल्पसंख्यक बाहुल्य सीट से चुनाव मैदान में उतारने की योजना बना रही है। कुल मिलाकर साफ है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में एमएलसी मंत्रियों की अग्नि परीक्षा होगी। पार्टी यह भी देखना चाहती है कि पिछले 5 वर्षों के दौरान इन एमएलसी मंत्रियों ने जनता के बीच जाकर कितना काम किया है।

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