Uttar Pradesh : योगी 2.0 यानी भाजपा की योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली प्रदेश में लगातार दूसरी सरकार के पांच जुलाई को 100 दिन पूरे हो रहे हैं। इस सरकार की अब तक की उपलब्धियों का लेखाजोखा आसान नहीं। राज्य सरकार जहां अपनी तमाम योजनाओं के पूरे होने पर खुद की पीठ थपथपा सकती है, वहीं कानून-व्यवस्था जैसे कई मोर्चे हैं, जहां उसे और ज्यादा काम करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ के सामने एक बड़ी चुनौती है कि वह खुद को हर वर्ग का मुख्यमंत्री साबित करें।
100 दिन की कार्य योजना तैयार
100 दिन यानी लगभग सवा तीन महीने का कार्यकाल इतना अधिक भी नहीं होता कि किसी सरकार के कामकाज का पूरी तरह आकलन हो सके। पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का लेखाजोखा देखना इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण है कि इस कार्यकाल से पहले भी पांच साल यही सरकार प्रदेश में रही थी। यहां गौरतलब यह भी है कि इस बार सरकार गठित होते ही योगी ने सभी मंत्रियों को टुकड़ों में लक्ष्य बनाकर काम करने के निर्देश दिए थे। मसलन, 100 दिन, छह माह, एक वर्ष, डेढ़ वर्ष की कार्ययोजना बनाएं, जिससे ज्यादा काम हो सकें।
इन विषयों पर ज्यादा ध्यान
सरकार का लक्ष्य भी है कि वह 2014 तक लोक कल्याण संकल्प पत्र के ज्यादातर वादों को पूरा करे। सरकार के 100 दिन पूरे होने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सेवा, सुरक्षा और सुशासन के लिए समर्पित 100 दिन, शीर्षक कार्यक्रम भी तय किया है। 2014 तक पार्टी के घोषणापत्र में किए गए ज्यादातर वादों को पूरा करने के पीछे एक मंशा यह भी नजर आती है कि तब लोकसभा के चुनाव में प्रदेश में पार्टी जनता के सामने पूरी कमर कसके जाए और उपलब्धियों का बखान करे।
हजारों करोड़ रुपए का निवेश
जहां तक 100 दिन में प्रदेश सरकार के कामकाज के आकलन की बात है तो नगर निकायों में 280 पिंक टायलेट बनना, स्मार्ट सिटीज में 75 परियोजनाओं का पूरा होना, पीएम स्वनिधि योजना के तहत अस्सी हजार से ज्यादा स्ट्रीट वेंडरों को ऋण देना, नगर पालिका और नगर पंचायतों के वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा उठाने के काम की शुरुआत, एक लाख 74 हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान, 80 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश, बेरोजगारों के लिए पूरे प्रदेश में लोन मेलों का आयोजन, 68 हजार से ज्यादा सार्वजनिक जगहों से अतिक्रमण हटवाना, माफियाओं से 844 से ज्यादा की अवैध संपत्तियां जब्त करना, धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटवाना आदि आदि तमाम उपलब्धियां प्रदेश सरकार के खाते में हैं।
बुंदेलखंड को खास तोहफा
जहां तक बुंदेलखंड की बात है तो पिछले कार्यकाल में सीएम योगी पहले ऐसे मुख्यमंत्री रहे, जिन्होंने बुंदेलखंड के एक दर्जन से अधिक बार दौरा किया। इसके अलावा डिफेंस कारिडोर के लिए छह जिलों में से झांसी और चित्रकूट बुंदेलखंड से ही हैं। योगी सरकार ने सन 2020 की 30 जून को हर घर नल से जल योजना की शुरुआत भी बुंदेलखंड से ही की। इन तमाम उपलब्धियों के बाद कुछ ऐसा भी है, जो इन सौ दिन में प्रदेश सरकार भूलना चाहेगी।
अपराधियों पर सख्त एक्शन
प्रयागराज में जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा और इसके तुरंत बाद आरोपी के घर चले बुलडोजर ने सरकार की निष्पक्षता पर सवालिया निशान लगाए। इसके अलावा सहारनपुर में भी जुमे की नमाज के बाद नवाबगंज और देवबंद में हुए बवाल के बाद थाने में आरोपियों पर पुलिस की बर्बरतापूर्ण पिटाई का वीडियो सामने आना और इस पर पार्टी के विधायक और पूर्व में पत्रकार रहे शलभमणि त्रिपाठी का रिटर्न गिफ्ट नाम से ट्वीट करना चर्चा में रहा। ऐसे में जाहिर है, सीएम योगी को अभी सभी वर्गों का मुख्यमंत्री होने का विश्वास कायम करना होगा। हालांकि ऐसा भी नहीं है कि कानून व्यवस्था दुरुस्त करने के नाम पर कुछ हुआ ही नहीं। 25 मार्च 2022 से 1 जुलाई 2022 तक 525 एनकाउंटर हुए। 1034 अपराधी गिरफ्तार हुए, पांच बदमाश मुठभेड़ में मारे गए तो 425 घायल हुए। बदमाशों से लोहा लेने में 68 पुलिसकर्मी भी घायल हुए।
चित्रकूट में भी कई बार आए योगी
तीर्थक्षेत्र होने की वजह से सीएम योगी का चित्रकूट से बहुत लगाव है। पिछले कार्यकाल में वह आधा दर्जन बार से ज्यादा यहां आए और चित्रकूट (सीतापुर) के साथ तुलसी तीर्थ राजापुर, लालापुर के वाल्मीकि आश्रम आदि के विकास को लेकर कई घोषणाएं कीं। हालांकि पिछली विधानसभा में जिले ने दोनों सीटों पर पार्टी के ही प्रत्याशी को विजयी बनाया था और इस बार सदर सीट से सपा का विधायक है तो मानिकपुर सीट से भाजपा समर्थित अपना दल का। ऐसे में पार्टी को इन विकास कार्यों का क्या फायदा मिला, यह भी विचारणीय है। अब बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की भी शुरुआत होने जा रही है, जिसका शिलान्यास पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था और इस एक्सप्रेसवे का एक सिरा जिले के भरतकूप का गोंड़ा गांव ही है। इसके अलावा हाल ही में आए अपर मुख्य सचिव और उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने जिला प्रशासन से इस एक्सप्रेसवे को तीर्थक्षेत्र से जोड़ने के लिए नक्शा मांगा है, जो प्रदेश सरकार की यहां के विकास को लेकर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।