मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में सरकार कानपुर को फिर ‘मैनचेस्टर ऑफ दी ईस्ट’ बनाने की तैयारी में जुटी है। इसके लिए हर स्तर पर कार्य किया जा रहा है। अब कानपुर में ग्रीन फील्ड मेगा लेदर पार्क की स्थापना के प्रस्ताव को भी केंद्रीय मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही कानपुर में मेगा लेदर कल्स्टर की स्थापना से तकरीबन पांच हजार आठ सौ पचास (5,850) करोड़ रुपये के निवेश का मार्ग प्रशस्त हो गया है। प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश तथा नियार्त प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इसके लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का आभार जताया है।
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सोमवार को इस बारे में मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने कानपुर में ग्रीन फील्ड मेगा लेदर पार्क की स्थापना के लिए सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है। कानपुर में मेगा लेदर कल्स्टर की स्थापना से लगभग करीब 5,85० करोड़ रुपये का निवेश होगा। इससे तकरीबन 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और 1.50 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। कल्स्टर के माध्यम से हर साल करीब 13000 करोड़ रुपये का टर्नओवर होगा। मेगा लेदर पार्क की स्थापना के लिए प्रदेश सरकार ने 236 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। भारत सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 125 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इस तरह कुल 451 करोड़ रुपये अवस्थापना सुविधाओं पर खर्च किए जायेंगे। इसके तहत सड़क, वाटर सप्लाई, सीवेज, ड्रेनेज, हार्टीकल्चर, बाउंड्रीवाल, स्ट्रीट लाइट, इंटरनल वाटर सप्लाई, इंटरनल स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज, आई टी और टेलीकम्यूनिकेशन, प्रशासनिक भवन, डिजाइन लैब, टेस्टिंग लैब, वैल्यू एडीशन सेंटर, हास्टल जैसी सुविधाएं उद्यमियों को सुलभ कराई जायेंगी।
उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर प्रदेश के चर्म उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी। घरेलू चर्म उद्योग को बेहतर उत्पादकता, नियार्त तथा नए निवेश के संदर्भ में वांछित प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा चर्म उद्योग के क्षेत्र में नए निवेश से युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। प्रोजेक्ट के तहत कल्स्टर में एक 2० एमएलडी क्षमता के दूषित जल ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की जायेगी। यह प्रोजेक्ट 250 एकड़ क्षेत्र में फैला होगा। इस परियोजना से गंगा को साफ बनाए रखने की दिशा में भारत सरकार की तरफ से किए जा रहे प्रयासों को भी बल मिलेगा। कानपुर जिले में चर्म उद्योग से संबंधित 2125 इकाइयां स्थापित हैं। इन इकाइयों से 1.20 लाख लोगों को रोजगार मिला है। इनमें हर दिन फुटवेयर के 75000 जोड़े तैयार किए जा रहे हैं। इनसे तकरीबन 6500 करोड़ रुपये के उत्पादों का नियार्त भी किया जाता है। हर साल इस उद्योग से 10 हजार करोड़ का टर्नओवर होता था।
प्रदूषण और दूसरी वजहों से इन टैनरियों को 18 नवम्बर, 2018 को बंद कर दिया गया। सिर्द्धाथ नाथ सिंह ने कानपुर जाकर टैनरियों की विस्तार से समीक्षा की। इसके बाद 20 दिसम्बर, 2019 से इनको फिर से शुरू करने की स्वीकृति दी गई। पर कुछ कारणों से 19 फरवरी से इन्हें एक बार फिर बंद करना पड़ा। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि राज्य सरकार कानपुर के चर्म उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस उद्योग को फिर से पटरी पर लाने के लिए राज्य सरकार हर संभव कदम उठाएगी। सरकार कानपुर के लेदर उद्योग को पुरानी पहचान दिलाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। अधिकाधिक निवेश से न सिर्फ उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, वरन रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।