Tricity Today | यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुण वीर सिंह
कोविड-19 महामारी के दौरान तमाम आर्थिक गतिविधियों को झटका लगा है, इसके बावजूद नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा क्षेत्र को चालू वित्त वर्ष के दौरान 7,617 करोड़ रुपये का निवेश मिला है। इस दौरान यहां 911 कंपनियों ने जमीन खरीदी हैं। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इनमें से कुछ बड़े निवेश फॉर्च्यून-500 कंपनियों से मिले हैं।
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अरुण वीर सिंह ने कहा कि अप्रैल से दिसंबर तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस क्षेत्र में 911 कंपनियों को प्लॉट आवंटित किए हैं। इनसे 1.91 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन होने की उम्मीद है। अरुण वीर सिंह नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड (नायल) के सीईओ भी हैं। उन्होंने कहा कि इस विशाल नयी परियोजना से उत्तर प्रदेश के जेवर क्षेत्र में जबर्दस्त बुनियादी ढांचा विकास हो रहा है। इसमें सड़क और रेल संपर्क भी शामिल हैं। यह राष्ट्रीय राजधानी से करीब 70 किलोमीटर पर स्थित है।
जेवर को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। साथ ही ग्रेटर नोएडा मेट्रो से भी यह क्षेत्र जुड़ा होगाा। सिंह ने कहा कि महत्वाकांक्षी दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन का एक स्टेशन नोएडा हवाईअड्डे पर भी होगा। उन्होंने कहा, ''यह सबकुछ पहली उड़ान से पूर्व तैयार हो जाएगा। पहली उड़ान दिसंबर, 2023 या जनवरी, 2024 में होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ''हवाईअड्डे की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) में दिल्ली से वाराणसी के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन के एक स्टेशन का उल्लेख है। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा को जेवर से जोड़ने वाली मेट्रो लाइन को भी मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दिल्ली हवाईअड्डे से जेवर हवाईअड्डे के लिए कोई अलग सीधी मेट्रो लाइन नहीं होगी।