जेवर एयरपोर्ट से सबसे सस्ती होगी हवाई यात्रा, जानिए कैसे कम होगा किराया

Exclusive News : जेवर एयरपोर्ट से सबसे सस्ती होगी हवाई यात्रा, जानिए कैसे कम होगा किराया

जेवर एयरपोर्ट से सबसे सस्ती होगी हवाई यात्रा, जानिए कैसे कम होगा किराया

Tricity Today | Jewar Airport News

Jewar Airport News : जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश और दुनिया के बाकी हवाईअड्डों से कई मायनों में अलग होगा। इन खूबियों का सबसे ज्यादा फायदा इस एयरपोर्ट का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को ही मिलेगा। यहां वर्ल्ड क्लास सुख-सुविधाएं मिलेंगी। दूसरी ओर इस हवाईअड्डे से उड़ान भरने वाले यात्रियों को सबसे कम कीमत चुकानी पड़ेगी। हालांकि, अभी यह तय होने में वक्त लगेगा कि इस एयरपोर्ट से उड़ान भरने का किराया कितना होगा, लेकिन विकासकर्ता कंपनी और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के अफसरों का दावा है कि इस एयरपोर्ट को केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों का लाभ मिलेगा। जिसकी बदौलत यहां से उड़ानों का किराया सस्ता हो जाएगा। मतलब, जो लाभ कंपनी को मिलेंगे, वह उपभोक्ताओं तक पहुंचाए जाएंगे।

कैसे तय होता है हवाई किराया

कोई हवाई यात्रा करने के लिए आप जो किराया चुकाते हैं, उसमें मुख्य रूप से 4 मदों पर खर्च आता है। इन सभी मदों को जोड़कर यात्री किराया तय होता है।

1. एयरलाइन की हिस्सेदारी 
- मूल किराया
- एयरलाइन ईंधन शुल्क
- सामान्य उपयोगकर्ता टर्मिनल उपकरण शुल्क
- सुविधा शुल्क (यदि बुकिंग डेबिट/क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऑनलाइन की जाती है) 

2. भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण 
- यात्री सेवा शुल्क (पीएसएफ) 

3. हवाई अड्डा संचालक 
- हवाई अड्डा विकास शुल्क
- उपयोगकर्ता विकास शुल्क (यूडीएफ) 
4. सरकार 
- सेवा कर

जेवर हवाईअड्डे पर कैसे कम होगा किराया

1. हवाईअड्डा कम पैसा लेगा
दिल्ली समेत देश के दूसरे एयरपोर्ट पर इंटरनेशनल फ्लाइट के लिए फीस 1,000 रुपये से अधिक है। ये रकम टिकट की कीमत में शामिल होती है। ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी के अधिकारियों की योजना है कि इसे करीब 400 रुपये के आसपास लाया जाएगा। कॉस्ट कम होगी तो यूजर डेवेलपमेंट फीस (यूडीएफ) को कम रखी जाएगी। लिहाजा, यहां देश में सबसे सस्ता हवाई टिकट मिल सकेगा।

2. 
उत्तर प्रदेश सरकार की मेगा इन्वेस्टमेंट इंडस्ट्रियल नीति है। इसके तहत 200 करोड़ रुपए से ज्यादा निवेश करने वाली कम्पनियों को सरकार कई तरह की छूट देती है। कंपनी को जीएसटी, ब्याज दर में सब्सिडी, जल मूल्य और बिजली के फिक्स चार्ज में छूट मिलती हैं। इससे जेवर हवाई अड्डे की ऑपरेशनल कॉस्ट में कमी आएगी। जिससे यात्रा सस्ती हो सकती है। आपको बता दें कि जेवर एयरपोर्ट में 29,500 करोड़ रुपए निवेश होंगे।

3. 
विकासकर्ता कंपनी और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट है। इसी एग्रीमेंट के तहत वाईआईएपीएल ने यूपी सरकार के पास मेगा इन्वेस्टमेंट परियोजना के तहत छूट के लिए आवेदन कर दिया है। कंपनी को सरकार छूट देगी जिसका फायदा सीधा यात्रियों को मिलेगा।

4. एविएशन फ्यूल पर अभी उत्तर प्रदेश सरकार 28% वैल्यू ऐडेड टैक्स ले रही है। यह टैक्स की दर आधी घटाकर 14% किया जाएगा। इस पर राज्य सरकार सैद्धांतिक सहमति दे चुकी है। मतलब, जेवर एयरपोर्ट से एविएशन फ्यूल भरवाने वाले हवाई जहाजों को सस्ता ईंधन मिलेगा। जिससे टिकट सस्ता करने में मदद मिलेगी।

देश के एयरपोर्ट कैसे लेते हैं शुल्क

वर्ष 2016 में मुंबई एयरपोर्ट की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर शुल्क 548 रुपये प्रति यात्री था। जबकि, घरेलू यात्रियों पर 274 रुपये थे। हैदराबाद एयरपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर 1,700 रुपये और घरेलू पर 430 रुपये हैं। बेंगलुरु में अंतरराष्ट्ररीय उड़ानों पर 1,226 रुपये और घरेलू उड़ानों पर 306 रुपये, चेन्नई में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में 667 रुपये और घरेलू उड़ानों पर 166 रुपये हैं। इसी तरह लखनऊ हवाईअड्डे में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर उपभोक्ता विकास शुल्क 1,224 रुपये और घरेलू पर 392 रुपये लिए जा रहे हैं।

400 रुपये प्रति यात्री शुल्क का अनुमान

नियाल के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि औसतन एयरपोर्ट घरेलू उड़ान में प्रत्येक यात्री के लिए 300 से 500 रुपये ले रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए 800 से 1,500 रुपये तक उपभोक्ता विकास शुल्क लेते हैं। जेवर एयरपोर्ट की टेक्निकल इकोनॉमिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट (टीईएफआर) में प्रति यात्री शुल्क करीब 400 रुपये उपभोक्ता विकास शुल्क लेने की बात कही गई है। ऐसे में घरेलू उड़ानों पर यह शुल्क 150 रुपये प्रति यात्री तक रह सकता है। हालांकि, इस दर में उतार चढ़ाव हो सकता है। यह तय है कि यहां हवाई किराया अन्य एयरपोर्ट से सस्ता होगा।

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