बुखार से पीड़ित युवती को चढ़ा दी ग्लूकोज की 15 बोतलें, हुई मौत

ग्रेटर नोएडा में झोलाछाप डॉक्टर की बड़ी लापरवाही: बुखार से पीड़ित युवती को चढ़ा दी ग्लूकोज की 15 बोतलें, हुई मौत

बुखार से पीड़ित युवती को चढ़ा दी ग्लूकोज की 15 बोतलें, हुई मौत

Google Image | ग्रेटर नोएडा में झोलाछाप डॉक्टर की बड़ी लापरवाही

  • जेवर क्षेत्र में एक झोलाछाप बंगाली डॉक्टर की लापरवाही के चलते 32 वर्ष की युवती की जान चली गई
  • युवती को बुखार था। डॉक्टर ने बिना कोविड टेस्ट कराए उसे ग्लूकोज की 15 बोतलें चढाईं
  • प्राथमिक स्वास्थ्य पर जांच के बाद पता चला कि अलका की पहले ही मौत हो गई थी
  • परिजनों ने बताया कि उसे तेज बुखार था। उन्होंने कस्बे में स्थित बंगाली डॉक्टर से उसका इलाज कराया
गौतमबुद्ध नगर जेवर क्षेत्र में एक झोलाछाप बंगाली डॉक्टर की लापरवाही के चलते 32 वर्ष की युवती की जान चली गई। युवती को बुखार था। डॉक्टर ने बिना कोविड टेस्ट कराए उसे ग्लूकोज की 15 बोतलें चढाईं। बंगाली डॉक्टर तब तक युवती का इलाज करता रहा, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जेवर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने इस मामले में गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक ओहरी को बंगाली डॉक्टर के खिलाफ कोविड महामारी रोकथाम अधिनियम के तहत कार्रवाई के लिए चिट्ठी लिखी है। साथ ही जेवर कोतवाली को प्रभारी निरीक्षक को डॉक्टर के खिलाफ जांच कर मामला दर्ज करने के लिए कहा है। दरअसल नोएडा स्वास्थ्य विभाग कोरोना महामारी के साथ-साथ झोलाछाप डॉक्टरों पर भी नकेल कस रहा है। 

बिना टेस्ट कराए करता रहा इलाज
मामला 14 मई का है। अपनी चिट्ठी में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने लिखा है कि, “शुक्रवार की सुबह अलका पुत्री रतनलाल (32 वर्ष) निवासी मोहल्ला दाऊजी, जेवर को ई-रिक्शा पर लेकर परिजन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जेवर पहुंचे। जांच के बाद पता चला कि अलका की पहले ही मौत हो गई थी। पूछताछ में परिजनों ने बताया कि उसे तेज बुखार था। उन्होंने कस्बे में स्थित बंगाली डॉक्टर से उसका इलाज कराया। बंगाली डॉक्टर ने युवती की कोविड टेस्ट भी नहीं कराया और उसे ग्लूकोज की बोतलें चढ़ाता रहा। उसके कुल 15 बोतलें चढ़ाई। इस दौरान अलका की हालत लगातार बिगड़ती गई। इसके बावजूद बंगाली डॉक्टर उसका गलत इलाज करता रहा।”  



डीएम सुहास एलवाई ने कार्रवाई का दिया आदेश
जेवर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र के प्रभारी ने डॉक्टर के खिलाफ कोविड आपदा महामारी रोकथाम अधिनियम के तहत कार्रवाई के लिए कहा है। प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, जेवर के प्रभारी डॉ. पवन कुमार ने बताया कि बंगाली डॉक्टर ने मृतका का कोविड टेस्ट नहीं कराया था। वह लगातार उसे ग्लूकोज देता रहा। उसने कुल 15 बोतल ग्लूकोज लगाई थी। इससे मरीज की हालत खराब होती चली गई। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले की तहरीर जेवर कोतवाली प्रभारी को दी है। गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहाल एलवाई (DM Suhas LY IAS) ने मामले में त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया है।

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