यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में किसानों के लिए बड़ी खबर है। अब विकास प्राधिकरण किसानों के बरसों से लंबित पड़े मामलों को प्राथमकिता से निपटाने में जुटा है। प्राधिकरण ने तीन गांवों लीज बैक के मामले निस्तारित कर दिए हैं। इन गांवों में 13 किसानों को लीज बैक की गई है।
यमुना प्राधिकरण अपनी विकास योजनाएं संचालित करने के लिए किसानों की जमीन लेता है। जमीन लेते समय अगर किसी नंबर में आबादी की जमीन चली जाती है तो उसे बाद में वापस किया जाता है। लीज बैक की यह प्रक्रिया किसानों के आवेदन के बाद शुरू होती है। प्राधिकरण क्षेत्र में 16 गांवों में किसानों को उनकी आबादी की जमीन लीज बैक की जानी है। अब विकास प्राधिकरण ने इन मामलों को निपटाना शुरू कर दिया है।
3 गांव का समाधान हुआ अभी 13 का बाकी
प्राधिकरण ने डूंगरपुर रीलखा, पचोकरा और रुस्तमपुर गांव के मामलों को निपटाया है। इन गांवों के 13 किसानों को लीज बैक की गई है। प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक, बचे हुए गांवों के किसानों की लीज बैक भी जल्द की जाएगी। इसकी प्रक्रिया चल रही है। बचे हुए 13 गांवों के किसानों के लीज बैक के मामले अगले कुछ महीनों के दौरान निस्तारित कर दिए जाएंगे। लीज बैक नियमों के मुताबिक की जाएगी।
इन नियमों का पालन करेगा प्राधिकरण
इसमें एक परिवार को अधिकतम 3 हजार मीटर जमीन दी जाती है। लीज बैक का लाभी मूल निवासी को ही मिलता है। अगर कोई बाहरी जमीन खरीदता है तो उसे इसका लाभ नहीं मिलता है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि किसानों के लीज बैक के मामले निपटाए जा रहे हैं। तीन गांवों के केस निस्तारित कर दिए गए।