गांव रोही को छोड़कर अन्य किसान हुए विस्थापित, प्रशासन ने कहा- किसी के बहकावे में ना आएं

जेवर एयरपोर्ट : गांव रोही को छोड़कर अन्य किसान हुए विस्थापित, प्रशासन ने कहा- किसी के बहकावे में ना आएं

गांव रोही को छोड़कर अन्य किसान हुए विस्थापित, प्रशासन ने कहा- किसी के बहकावे में ना आएं

Tricity Today | विस्थापन की फोटो

Greater Noida : जेवर में बनने वाले नेशनल एयरपोर्ट के लिये प्रशासन ने गांव वासियों को हटाने के लिये अब सख्त रूख अपना लिया है। गांव रोही को छोड अन्य गांवों के किसानों ने अपने गांवों को अलविदा कह दिया है और जेवर क्षेत्र में अलग-अलग जाकर किराये के मकान लेकर रह रहे है। 

उपजिलाधिकारी जेवर रजनीकांत ने बताया की जेवर बांगर में विस्थापित होने वाले गांवों नगला गनेशी, नगला फुल खां, नगला जहानु, दयानतुपर खेडा, नगला शरीफ खां, नगला छीतर के करीब 100 प्रतिशत किसान अपने मकानों के मलवे और सामान को लेकर जेवर क्षेत्र में रह रहे है। जो जेवर बांगर में बनने वाले मकानों पर अपना नवनिर्माण करा रहे है।
 
उपजिलाधिकारी ने जेवर एयरपोर्ट समिति के अध्यक्ष का मकान तुडवाया 
जेवर एयरपोर्ट संघर्ष समिमि के अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह के गांव दयानतपुर खेडा में स्थित मकान को पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में जेसीबी मशीन की मदद से बुधवार को गिरवा दिया। बता दें कि अजय प्रताप सिंह ने भूमि का मुआवजा नही लिया और मकान के मुआवजा के लिए फाइल नही लगायी है। चंद किसानों की ओर से चार गुना मुआवजा की मांग को लेकर मामला हाईकोर्ट प्रयागराज में विचाराधीन है। 

किसानों को चेतावनी 
एसीपी जेवर रूद्र कुमार सिंह ने गांव रोही के चंद किसानों को चेतावनी दी है कि वह किसी के बहकावे में नही आये और अपने मकानों को जल्द खाली कर दे, नहीं तो उनसे सख्ती से निपटा जायेगा। गांव रोही में 85 प्रतिशत किसान अपने आसियाने को समेटकर ले गये है।

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