उत्तर प्रदेश कैबिनेट की सोमवार को हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में गौतमबुद्ध नगर में प्रस्तावित जेवर एयरपोर्ट का विस्तार कर पांच रनवे बनाने पर सहमति बनी। रनवे की संख्या बढ़ाने के लिए तैयार तकनीकी रिपोर्ट को उत्तर प्रदेश कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। सोमवार को संपन्न हुई बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगाई गई। ना सिर्फ नोएडा, बल्कि कैबिनेट मीटिंग में अयोध्या को भी एक विशेष सौगात मिली। इसके अलावा सिंचाई विभाग से जुड़े कुछ अहम मुद्दों पर कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति दी।
बताते चलें कि नोएडा के जेवर में दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनने जा रहा है। जल्दी ही इसके निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। सोमवार को उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में जेवर एयरपोर्ट के रनवे विस्तार से जुड़ी अहम रिपोर्ट को मंजूरी दे दी गई। जेवर एयरपोर्ट स्टेज-टू के फेज-एक के तहत जेवर एयरपोर्ट के रनवे विस्तार के लिए 1365 एकड़ भूमि अधिग्रहण की मंजूरी भी दी गई है। नागरिक उड्डयन विभाग की जानकारी के मुताबिक जेवर एयरपोर्ट के दो रनवे निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहीत कर ली गई है। अब 1,365 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के पश्चात तीसरे रनवे के लिए भी पर्याप्त भूमि उपलब्ध हो जाएगी।
बोईंग-777 जैसे बड़े विमान भी संचालित होंगे
सोमवार को हुई कैबिनेट की मीटिंग में अयोध्या को भी खास सौगात मिली। मंत्रिपरिषद ने अयोध्या में प्रस्तावित श्रीराम एयरपोर्ट के लिए अतिरिक्त 233 एकड़ जमीन खरीदने को मंजूरी दे दी है। इसके लिए 428 करोड़ रुपये के बजट को स्वीकृति दी है। बताते चलें कि पहले अयोध्या एयरपोर्ट के लिए 263 एकड़ जमीन अधिग्रहण की स्वीकृति पहले दी जा चुकी है। अयोध्या की पुरानी हवाई पट्टी पर पहले से ही 177 एकड़ जमीन है। अयोध्या एयरपोर्ट को विश्वस्तरीय बनाने के लिए तकरीबन 600 एकड़ भूमि की जरूरत है। नागरिक उड्डयन विभाग के निदेशक सुरेंद्र सिंह ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि करीब 233 एकड़ भूमि खरीदने की मंजूरी गई है। इससे अयोध्या एयरपोर्ट के रनवे का विस्तार किया जा सकेगा। नए रनवे से बोईंग-777 जैसे बड़े विमानों को संचालित भी किया जा सकेगा।
लघु सिंचाई योजना का नाम बदला गया
प्रदेश में उथले, मध्यम और गहरे नलकूप वाली लघु सिंचाई योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना कर दिया गया है। विभाग के इस प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद ने सोमवार को मंज़ूरी दे दी है। इसके अलावा योजना में कुछ बदलाव किए जाने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। अब मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना को और ज्यादा सरल तथा पारदर्शी बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पाने वाले किसानों को प्राथमिकता के आधार पर नलकूप दिया जाएगा। हालांकि सिर्फ उन्हीं किसानों को नलकूप मिलेगा, जिनके नाम सरकारी पोर्टल पर दर्ज हैं। ऐसे सभी किसानों को कृषि विभाग की कुसुम योजना के अंतर्गत सोलर पम्प भी वितरित किए जाएंगे, ताकि किसान आत्मनिर्भर बन सकें। इस योजना के अंतर्गत लगाए जाने वाले सभी नलकूपों का जीआई टैगिंग (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) किया जाएगा।
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अरुण वीर सिंह ने कहा कि अप्रैल से दिसंबर तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस क्षेत्र में 911 कंपनियों को प्लॉट आवंटित किए हैं। इनसे 1.91 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन होने की उम्मीद है। अरुण वीर सिंह नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड (नायल) के सीईओ भी हैं। उन्होंने कहा कि इस विशाल नयी परियोजना से उत्तर प्रदेश के जेवर क्षेत्र में जबर्दस्त बुनियादी ढांचा विकास हो रहा है। इसमें सड़क और रेल संपर्क भी शामिल हैं। यह राष्ट्रीय राजधानी से करीब 70 किलोमीटर पर स्थित है।
जेवर को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। साथ ही ग्रेटर नोएडा मेट्रो से भी यह क्षेत्र जुड़ा होगाा। सिंह ने कहा कि महत्वाकांक्षी दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन का एक स्टेशन नोएडा हवाईअड्डे पर भी होगा। उन्होंने कहा, ''यह सबकुछ पहली उड़ान से पूर्व तैयार हो जाएगा। पहली उड़ान दिसंबर, 2023 या जनवरी, 2024 में होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ''हवाईअड्डे की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) में दिल्ली से वाराणसी के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन के एक स्टेशन का उल्लेख है। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा को जेवर से जोड़ने वाली मेट्रो लाइन को भी मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दिल्ली हवाईअड्डे से जेवर हवाईअड्डे के लिए कोई अलग सीधी मेट्रो लाइन नहीं होगी।