जेवर एयरपोर्ट मेट्रो के लिए 1050 करोड़ रुपये देंगी केंद्र और राज्य सरकार

आज की सबसे बड़ी खबर : जेवर एयरपोर्ट मेट्रो के लिए 1050 करोड़ रुपये देंगी केंद्र और राज्य सरकार

जेवर एयरपोर्ट मेट्रो के लिए 1050 करोड़ रुपये देंगी केंद्र और राज्य सरकार

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

आज की सबसे बड़ी खबर है। जेवर में प्रस्तावित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक मेट्रो ले जाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार पैसा देने को तैयार हो गई हैं। दोनों सरकार करीब 1050 करोड़ रुपये देंगी। बाकी करीब 450 करोड़ रुपये यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण वहन करेगा। बड़ी बात यह है कि परियोजना की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को दी जाएगी। यमुना प्राधिकरण वर्ष 2023 में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरू होने से पहले जेवर तक मेट्रो ले जाना चाहता है। करीब तीन महीने पहले प्राधिकरण ने केंद्र और राज्य सरकार से पैसा मांगने के लिए प्रस्ताव भेजे थे।

तीन साल से प्रोजेक्ट पर काम चल रहा
यमुना प्राधिकरण तीन साल से प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार में एक विश्वसनीय सूत्र से मिली जानकारी के मुताबिक परियोजना का करीब करीब 70 फ़ीसदी खर्च दोनों सरकार वहन करेंगी। बाकी 30 फीसदी पैसे का इंतजाम यमुना प्राधिकरण को करना होगा। आपको बता दें कि इस परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट राइट्स ने करीब दो साल पहले तैयार की थी। इसके बाद यमुना प्राधिकरण ने डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को दी थी। डीएमआरसी ने करीब 6 महीने पहले डीपीआर यमुना प्राधिकरण को सौंप दी थी।

35.6 किलोमीटर में 29 स्टेशन बनेंगे
डीएमआरसी की डीपीआर के मुताबिक ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक 35.6 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन का निर्माण किया जाना है। इस पर करीब 1500 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क से लेकर जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक 29 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे। प्रोजेक्ट नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की बजाय उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को सौंपा जाएगा। यूपीएमआरसी इसके निर्माण की निगरानी करेगा।

इस तरह प्रोजेक्ट की लागत आधी हुई
एक जिम्मेदार अफसर ने बताया कि खर्च घटाने के लिए मेट्रो का पूरा कॉरिडोर जमीन पर बनाया जाएगा। इससे खर्च करीब 50 प्रतिशत कम हो गया है। अगर कॉरिडोर एलिवेटिड होता तो प्रोजेक्ट की लागत करीब 3,000 करोड़ रुपये आती। मेट्रो रेल का यह कॉरिडोर यमुना एक्सप्रेसवे के सामांतर बनेगा। इससे भविष्य में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में विकसित होने वाले रेजिडेंशियल और इंडस्ट्रियल सेक्टरों को बड़ा लाभ मिलेगा।

नोएडा-ग्रेनो को ज्यादा फायदा मिलेगा
इस परियोजना का यमुना प्राधिकरण के मुकाबले ग्रेटर नोएडा और नोएडा शहर को ज्यादा फायदा मिलेगा।बोटनिकल गार्डन और ओखला पक्षी विहार मेट्रो स्टेशन तक नोएडा में 50 से ज्यादा सेक्टर इस लाइन से जुड़ जाएंगे। सारे सेक्टर सीधे जेवर और दिल्ली एयरपोर्ट से मेट्रो के जरिए जुड़ जाएंगे। इसी तरह ग्रेटर नोएडा शहर के नॉलेज पार्क और करीब एक दर्जन आवासीय सेक्टर सीधे मेट्रो लाइन पर पड़ेंगे।

दिल्ली एयरपोर्ट से जेवर एयरपोर्ट तक मेट्रो रूट
  1. -जेवर एयरपोर्ट और साउथ दिल्ली को मेट्रो ट्रेन के जरिए जोड़ा जा रहा है। दोनों के बीच 81.56 किलोमीटर की दूरी होगी। इसमें से 66.6 किलोमीटर एलिवेटेड रूट होगा। 14 किलोमीटर अंडर ग्राउंड मेट्रो रहेगी। एयरो सिटी और तुगलकाबाद के बीच 20 किलोमीटर मेट्रो लाइन का निर्माण प्रस्तावित है।
  2. -दूसरे प्रस्ताव के तहत तुगलकाबाद से नोएडा में सेक्टर-142 तक 15 किलोमीटर मेट्रो लाइन का निर्माण किया जाएगा। यह नोएडा-ग्रेटर नोएडा की एक्वा और ब्लू लाइन मेट्रो से जुड़ेगी। 
  3. -तीसरे प्रस्ताव के तहत ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क से लेकर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक 35.6 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन का निर्माण किया जाएगा। 
  4. -इस तरह यात्रियों को करीब 82 किलोमीटर लंबे सफर के दौरान दो स्टेशनों नोएडा सेक्टर-142 और ग्रेटर नोएडा नॉलेज पार्क में मेट्रो बदलनी पड़ेगी। मतलब साउथ दिल्ली से जेवर एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए लोग 3 मेट्रो का उपयोग करेंगे।

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