जानिए कितने हेक्टेयर में बनेगा एक रनवे, सीईओ अरुणवीर सिंह ने दी और भी बड़ी जानकारी

जेवर एयरपोर्ट से जुड़ी खबर : जानिए कितने हेक्टेयर में बनेगा एक रनवे, सीईओ अरुणवीर सिंह ने दी और भी बड़ी जानकारी

जानिए कितने हेक्टेयर में बनेगा एक रनवे, सीईओ अरुणवीर सिंह ने दी और भी बड़ी जानकारी

Tricity Today | Dr Arunvir Singh IAS

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर परियोजना के दूसरे चरण में 1365 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की जाएगी। इस जमीन पर एक रनवे और एमआरओ (मेंटीनेंस, रिपयेरिंग एंड ओवरहॉलिंग) हब बनेगा। एमआरओ हब विकसित होने से विमानों के रखरखाव को लेकर दूसरे देशों पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। अब जल्द ही जमीन अधिग्रहण प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। इस पर मुहर लगने के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए 1345 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। इसके विकास के लिए स्विस कंपनी का चयन किया जा चुका है। अब एयरपोर्ट के शिलान्यास की तैयारी है। पहले चरण में दो रनवे बनाए जाएंगे। इसी बीच सरकार ने तीन और रनवे की मंजूरी दे दी है। दो रनवे की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। इसके साथ ही 1365 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करने की मंजूरी दे दी है। अब जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। इससे पहले जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव तैयार करके राजस्व विभाग से अनुमति ली जाएगी। राजस्व विभाग से अनुमति मिलने के बाद जमीन अधिग्रहण के नये नियमों के तहत कार्रवाई शुरू की जाएगी। सबसे पहले एसआईए (सोशल इंपैक्ट एसेसमेंट) किया जाएगा। प्रशासन की संस्तुति पर सरकार की मुहर के बाद तय एजेंसी एसआईए का काम करेगी।

जमीन अधिग्रहण के लिए 2 हजार करोड़ रुपये मिले
सात गांवों की अधिग्रहीत की जाने वाली जमीन एक रनवे बनाया जाएगा। जमीन अधिग्रहण के बाद इस पर भी कार्रवाई होगी। जमीन अधिग्रहण के साथ 10 प्रतिशत पैसा भी भेजा जाएगा। इसके लिए सरकार ने 2 हजार करोड़ रुपये पहले ही दे दिए हैं। बची हुई रकम नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण देंगे। सरकार के साथ तीनों प्राधिकरणों की नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड में हिस्सेदारी है। इस पर करीब 4 हजार करोड़ रुपये खर्च होने हैं।

अभी विमानों का रखरखाव विदेशों में होता है
जेवर एयरपोर्ट में देश का सबसे बड़ा एमआरओ (मेंटिनेंस रिपेयरिंग एंड ओवरहॉलिंग) हब विकसित किया जाएगा। अधिग्रहीत की जाने वाली जमीन पर एमआरओ हब विकसित किया जाएगा। यहां बनने वाला रनवे एमआरओ के लिए होगा। अभी तक अधिकतर भारतीय विमानों का मेंटिनेंस सिंगापुर, श्रीलंका और दूसरे यूरोपीय देशों में कराया जाता है, लेकिन जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शुरू होने के साथ ही एमआरओ के मामले में भी आत्मनिर्भरता आ जाएगी। विमानों के रखरखाव का काम बहुत ही कम है।

.... तो विश्व का सबसे बड़ा एयरपोर्ट हो जाएगा
जेवर एयरपोर्ट को भविष्य में विश्व का सबसे बड़ा एयरपोर्ट विकसित करने की तैयारी है। इसको लेकर सरकार में मंथन चल रहा है। हालांकि अभी इसको लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। योजना के मुताबिक, एक रनवे केवल कारगो के लिए विकसित किया जाएगा। इस एयरपोर्ट में कारगो की संभावनाएं खूब हैं। इसके चलते इसके लिए अलग से रनवे बनाया जाएगा।

इन गांवों की जाएगी जमीन
गांव का नाम                   जमीन हेक्टेयर में (अनुमानित)
करौली बांगर                    200
कुरैब                              400
बीरमपुर                          100
दयानतपुर                       175
रनहेरा                             500
नगला शाहपुर                  15
मुंढेरा                              40

(कुल अधिग्रहण 1365 होना है। इसमें बदलाव संभव है)
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परियोजना के लिए ऐसे लेंगे जमीन
चरण                          जमीन हेक्टेयर में
पहला                           1334 (अधिग्रहण हो चुका)
दूसरा                            1365
तीसरा                           1318
चौथा                             735
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दूसरे चरण में अधिग्रहीत की जाने वाली जमीन पर एक रवने और एमआरओ हब विकसित किया जाएगा। जमीन अधिग्रहण पर राजस्व विभाग की मुहर के बाद एसआईए शुरू कराया जाएगा।
- डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ नियाल

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