महामारी का जेवर एयरपोर्ट पर असर, शिलान्यास की तारीख आगे बढ़ गई

BIG BREAKING: महामारी का जेवर एयरपोर्ट पर असर, शिलान्यास की तारीख आगे बढ़ गई

महामारी का जेवर एयरपोर्ट पर असर, शिलान्यास की तारीख आगे बढ़ गई

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  • - अभी 15 मई तक होना थाशिलान्यास, लेकिन अब वक्त आगे बढ़ाया जाएगा
  • - जमीन अधिग्रहण समेत तमाम प्रक्रिया पूरी, कंपनी ने काम के लिए टेंडर निकाले
  • - उम्मीद थी कि पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद इसका शिलान्यास हो जाएगा
  • - निर्माण देर में शुरू होगा तो उड़ानें शुरू होने की समय सीमा भी बढ़ जाएगी
Jewar Airport : जेवर में प्रस्तावित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) के शिलान्यास पर कोरोना महामारी का साया पड़ गया है। अब 15 मई तक शिलान्यास करवाने की तैयारी थी, लेकिन अब यह तिथि और आगे बढ़ेगी। निर्माण कार्य देर में शुरू होने से यहां से उड़ानें शुरू होने की समय सीमा भी बढ़ सकती है।
जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण की कागजी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस परियोजना को गत दिनों ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी ने एनओसी दे दी है। अब इस परियोजना के शिलान्यास की तैयारी चल रही थी। उम्मीद थी कि पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद इसका शिलान्यास हो जाएगा। अब कोरोना महामारी ने इसकी तैयारियों पर ब्रेक लगा दिए हैं। जनपद में कोरोना के मामले दिनोंदिन बढ़ रहे हैं। औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के साथ शासन के तमाम बड़े अफसर कोविड पॉजिटिव हो गए हैं। ऐसे में अब नींव रखने का कार्यक्रम और आगे बढ़ेगा।

बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट के शिलान्यास के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री से समय लेकर जल्द घोषणा होनी थी। जब तक कोरोना से देश संभल नहीं जाता, तब तक इसकी घोषणा होने की उम्मीद नहीं है। एयरपोर्ट के शिलान्यास में देरी का नुकसान उड़ान सेवा शुरू पर भी पड़ सकता है। पूर्व योजना के मुताबिक, दिसंबर 2023 में उड़ान शुरू करने की बात थी। एयरपोर्ट का पहला चरण 1334 हेक्टेयर में मूर्त रूप लेगा। जमीन अधिग्रहण समेत तमाम प्रक्रिया पूरी हो गई है। विकासकर्ता कंपनी ने काम कराने के लिए टेंडर निकाल दिए हैं। अब सिर्फ काम शुरू होना बाकी है।

आपको बता दें कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट 5,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में तीन चरणों में विकसित किया जाना है। अब एयरपोर्ट का क्षेत्रफल बढ़ाकर 5,845 हेक्टेयर कर दिया गया है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने सेक्टर-30 और सेक्टर-31 की 845 हेक्टेयर जमीन भी एयरपोर्ट में समाहित कर दी है। यह बदलाव प्राधिकरण के मास्टर प्लान 2041 में भी किया जा रहा है। इन दोनों सेक्टरों की जमीन पर एमआरओ हब का विकास किया जाना है। इसके साथ ही अब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का क्षेत्रफल बढ़कर 5,845 हेक्टेयर हो गया है। इसके साथ ही यह दुनिया में पांचवें की बजाय चौथा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा।

अमेरिका के ऑरलैंडो इंटरनेशनल एयरपोर्ट को पीछे छोड़ेगा
अभी दुनिया में चौथा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अमेरिका का ऑरलैंडो एयरपोर्ट है। जिसका क्षेत्रफल 5,383 हेक्टेयर है। अब जेवर एयरपोर्ट का क्षेत्रफल बढ़कर 5,845 हेक्टेयर हो गया है। लिहाजा, यह एयरपोर्ट अब दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन जाएगा। आपको बता दें कि शनिवार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार 4 साल पूरे कर रही है। जिसकी उपलब्धियां गिनाने के लिए खुद मुख्यमंत्री लखनऊ में सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इसी मौके पर यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने यह महत्वपूर्ण घोषणा की है। दरअसल, जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट योगी आदित्यनाथ सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। यह मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट भी है।

दुनिया क्षेत्रफल की दृष्टि से टॉप 10 एयरपोर्ट
 
किंग फहाद, दुबई                 77,600 हेक्टेयर  
डेनवर, कनाडा 13,570 हेक्टेयर
डलास, अमेरिका 6,963 हेक्टेयर
जेवर एयरपोर्ट, भारत 5,845 हेक्टेयर
ऑरलैंडो, अमेरिका 5,383 हेक्टेयर
वाशिंगटन, अमेरिका 4,856 हेक्टेयर
बीजिंग, चीन 4,700 हेक्टयर
जॉर्ज बुश एयरपोर्ट, टेक्सस 4,451 हेक्टेयर
शंघाई, चीन 3,988 हेक्टेयर
कायरो, मिश्र 3,625 हेक्टेयर

थाईलैंड का स्वर्ण भूमि एयरपोर्ट टॉप टेन की सूची से बाहर होगा
जेवर एयरपोर्ट का क्षेत्रफल बढ़ने से दुनिया के टॉप-10 हवाई अड्डों की रैंकिंग में बड़ा बदलाव आएगा। एक और जहां अमेरिका का ऑरलैंडो इंटरनेशनल एयरपोर्ट चौथे पायदान से खिसक कर पांचवें नम्बर पर पहुंच जाएगा, वहीं थाईलैंड का स्वर्ण भूमि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दुनिया के टॉप-10 एयरपोर्ट की लिस्ट से बाहर हो जाएगा। थाईलैंड के स्वर्ण भूमि एयरपोर्ट का क्षेत्रफल 3,240 हेक्टेयर है। यह अभी दुनिया में दसवां सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है।

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